योगगुरू रामदेव ने अपने अनशन के दूसरे दिन कहा कि वह तब रामलीला मैदान तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक सरकार की ओर से कालाधन वापस लाने और मजबूत लोकपाल कानून के लिए कोई बड़ा फैसला नहीं आता.
रामदेव ने शाम को कुछ विशेष घोषणा करने का संकेत देने के बाद केवल अपन मांगें ही दोहराईं और कहा कि वह फिलहाल सरकार के किसी भी प्रतिनिधि से बातचीत नहीं कर रहे हैं और उनके दरवाजे हमेशा बातचीत के लिए खुले हैं.
योगगुरू ने शाम को अपने संबोधन में कहा कि जब तक सरकार उनके उठाये मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती तब तक विरोध प्रदर्शन बंद नहीं होगा.
इससे पहले दिन में उन्होंने कहा कि वह शनिवार तक इंतजार करेंगे और फिर आंदोलन के अगले कदम के बारे में घोषणा करेंगे.
लोकपाल के मुद्दे पर रामदेव ने कहा कि शत प्रतिशत आम.सहमति भले ही संभव नहीं हो लेकिन सरकार को ऐसा मजबूत लोकपाल लाना चाहिए जिससे 99 प्रतिशत लोग खुश हों.
अपने कई समर्थकों के साथ अनशन कर रहे योगगुरू ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह काले धन को वापस लाने के लिए ‘राजनीतिक ईमानदारी और राजनीतिक इच्छाशक्ति’ दिखाएं.
रामदेव ने दावा किया कि अगर सरकार ने काले धन के प्रवाह और महंगाई पर नियंत्रण कर लिया तो देश में आतंकवाद और नक्सलवाद का मुकाबला किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि सरकार के पास उन लोगों के नामों की सूची है जिन्होंने विदेश में काला धन जमा कर रखा है. हम नहीं चाहते कि उनके नाम का खुलासा हो, लेकिन कम से कम राशि का खुलासा होना चाहिए. इसमें क्या नुकसान है? सरकार क्यों अड़ी हुई है?
वहीं दूसरी ओर अनशन स्थल पर रामदेव के समर्थकों का जोश दूसरे दिन थोड़ा कम होता दिखाई दिया.
रामदेव के समर्थकों का कहना है कि ये लड़ाई भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ है और इस लड़ाई में हम बाबा रामदेव के साथ हैं.