बॉलीवुड हमेशा से नाभि का दीवाना रहा है, लेकिन इसके पहले उसे इतनी खूबसूरती से पेश नहीं किया गया.
.जीनत अमान, सत्यम शिवम सुंदरम (1978)
उन्होंने भीगी साड़ी और उसमें से झंकती हुई नाभि को कालजयी बना दिया. बाद में राज कपूर ने राम तेरी गंगा मैली में मंदाकिनी के साथ इसी सौंदर्य को दोबारा दिखाने का प्रयास किया.
उर्मिला मातोंडकर, रंगीला (1995)
उड़ते हुए परिधान के बीच से उनकी छरहरी कमर ने जादू बिखेरा था.
श्रीदेवी, मिस्टर इंडिया (1987)
उन्होंने 'काटे नहीं कटते' गीत में नीले रंग की शिफॉन साड़ी में अपना ऐंद्रिक सौंदर्य बिखेरा. यह गाना नौ दिनों में फिल्माया गया था. उनके सहयोगी कलाकर अनिल कपूर कहते हैं, ''उसमें श्रीदेवी ने सबसे बेहतरीन काम किया था. निर्माता (उनके भाई बोनी कपूर) और निर्देशक (शेखर कपूर) दोनों ही उनकी मुहब्बत में गिरफ्तार हो गए थे. उन्होंने मेरा क्लोज अप तो लिया नहीं.''
स्मिता पाटील, नमक हलाल (1982)
नमकीन सौंदर्य वाली स्मिता साड़ी में खूब जमीं. 'आज रपट जाएं' गीत में सिर्फ उनकी कमर नजर आई है. यहां तक कि अभिताभ भी उसके सम्मोहन से खुद को बचा नहीं पाए.
शिल्पा शेट्टी, शूल (1999)
यूपी बिहार वाले गाने में अपनी छरहरी कमर लचकाकर उन्होंने तहलका मचा दिया और कटिप्रदेश के प्रदर्शन की हवा चला दी.
रवीना टंडन, मोहरा (1994)
अगर बॉलीवुड में कभी कोई सॉफ्ट पोर्न रहा है तो वह है गीत 'टिप टिप' में बारिश में भीगते हुए रवीना टंडन का नृत्य.
मुमताज, ब्रह्मचारी (1968)
इस फिल्म में मुमताज ने भानु अथैया की डिजाइन की हुई नारंगी रंग की साड़ी पहनी थी. बाद में बहुतों ने उसकी नकल की.
मलाइका अरोड़ा, दिल से (1998)
छइयां छइयां गाने में चलती हुई रेलगाड़ी के ऊपर उनकी कमर किसी आजाद हस्ती की तरह बल खाई और पूरी दुनिया पर छा गई.
माधुरी दीक्षित, बेटा (1992)
अनिल कपूर याद करते हुए कहते हैं कि गीत 'धक-धक' में माधुरी अपना सौंदर्य बिखेर रही थीं. ''हमने उनसे कहा कि उन्हें मि. इंडिया की श्रीदेवी से भी ज्यादा खूबसूरत दिखना चाहिए और हमने उन्हें ये नहीं बताया कि श्रीदेवी ने तेलुगु वाली फिल्म में इस गाने पर नृत्य किया था.''
ऐश्वर्य राय, बंटी और बबली (2005)
.जरी वाले ब्लाउज और कमर से सरकते लहरदार घाघरे ने कजरारे गाने को स्विस नाइट क्लबों से मद्घम रोशनी वाले बियर बारों में पहुंचा दिया.
वक्षों की जगह अब कटिप्रदेश प्रदर्शन का केंद्र है. आपका स्वागत है सुविधाजनक अंग प्रदर्शन की एक नई दुनिया में, जहां साड़ी सेक्सी है और नारी काया कमनीय है.
1968 में फिल्म ब्रह्मचारी में सबसे पहले परदे पर नारंगी रंग की साड़ी में लिपटी मुमताज की नाजुक, भीगी हुई-सी नाभि नजर आई. उसके बाद तो परदे पर लगातार सुडौल, तराशे हुए कटिप्रदेश के प्रदर्शन का सिलसिला ही चल पड़ा.
जैसे बॉलीवुड के पुरुष मोटे से पतले होने की दिशा में बढ़ रहे हैं, वैसे ही स्त्रियां भी अपनी कमर को खूबसूरत और छरहरी बनाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं. राजा रवि वर्मा के चित्रों में जो क्लासिकल किस्म की मोटी-सी दिखने वाली नाभि थी और खजुराहो की दीवारों पर उत्कीर्ण मूर्तियों में उसका जो रूप था, वह गुजरे जमाने की बात हुई.
एकल परदे की सीधी-सादी खुली कामुकता ने अब मल्टीप्लेक्स की संयमित मादक कामुकता के लिए रास्ता साफ कर दिया है. रैंप से लेकर डियो के विज्ञापनों तक हर जगह यह साफ नजर आ रहा है. रैंप पर सव्यसाची मुखर्जी जैसे फैशन डिजाइनरों ने साड़ी की वापसी करवाई है, तो डियो के विज्ञापनों में साड़ी में सजी स्त्री खुली छाती वाले पुरुष की ओर आकर्षित हो रही है.
वह रोजमर्रा के डे्रस डेनिम की जींस और शर्ट में होटल में प्रवेश करती हैं. बालों में कलर्स लगे हुए हैं. 20 मिनट बाद वे सुनहरे ब्लाउज और चमचमाती हुर्ई साड़ी में नमूदार होती हैं. उन्होंने दोनों को बड़ी नजाकत और आत्मविश्वास के साथ संभाला हुआ है. बड़ी सहजता से वे फोटोग्राफरों को कुछ पोज देती हैं, फिर कैमरे के व्यूफाइंडर में खुद तस्वीरें देखती हैं. जो तस्वीरें नापसंद हैं, उन्हें मिटा देती हैं और जो पसंद हैं उन्हें चुन लेती हैं. दीपिका पादुकोण की कमर 26 इंच है और उन्हें कोई एतराज नहीं कि तस्वीरों में उनका कटिप्रदेश दिखाई दे रहा है.
अब वक्षस्थल प्रदर्शन की चीज नहीं रहा. छोटी-सी नाभि ने अश्लील क्लीवेज को बाहर कर दिया है.
नाभि ने अपने आप में एक बड़े उद्योग का रूप ले लिया है. चाहे नेवल ज्वेलरी हो या उसे सजाने के तरह-तरह के कॉस्मेटिक, सब एक बड़े व्यवसाय के रूप में उभर रहे हैं.
फिल्म 'चमेली' के इस सीन में करीना ने कुछ इस तरह अपनी कमर का प्रदर्शन किया.
साड़ी एक ऐसा पारंपरिक परिधान है, जिसमें नाभि सबसे खूबसूरत नजर आती है. नाभि दिखाने के बढ़ते चलन के कारण ही पार्टी परिधान के रूप में एक बार फिर साड़ी का शबाब अपने उफान पर है.
रैम्प पर लारा दत्ता. इस परिधान में उनकी खूबसूरती में चार चांद लग गए.
ब्लाउज जैसे-जैसे ऊंचे और छोटे होते जा रहे हैं, कमर पतली होती जा रही है. यहां तक कि गांव के लोग भी फैशनेबल और टिपटॉप हो रहे हैं.
अब नाभि और कमर की अपनी एक अलग स्वतंत्र पहचान बन गई है. पुराने जमाने के गानों और फिल्मों की वापसी के कारण भी नाभि का महत्व बढ़ गया है.
फैशन शो के रैंप से लेकर डियोडोरेंट के विज्ञापन तक, एकल परदे वाली खुली कामुकता ने मल्टीप्लेक्स वाली संयमित ऐंद्रिकता के लिए रास्ता साफ कर दिया है.
बीत गया उभरे वक्ष का जमाना. अब कमनीय कमर के दिन आए. देह को जश्न के रूप में जीने वाली नई दुनिया में आपका स्वागत है. साड़ी अब कहीं ज्यादा सेक्सी है और स्त्रियां पहले से कहीं फिट और चपल हैं.
रैम्प पर मॉडल व अभिनेत्री मुग्धा गोडसे.
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानउत भी एक्सपोज करने में किसी से कम नहीं हैं.
निगार खान भी अपनी सेक्सी इमेज के लिए जानी जाती हैं.
फिल्म ब्लैकमेल के एक गाने में प्रियंका चोपड़ा ने कुछ इस तरह से अपनी नाभि का प्रदर्शन किया.
बॉलीवुड की आईटम क्वीन राखी सावंत को कौन नहीं जानता. फिल्म 'क्रेजी-4' के गाने 'ये तो बता में राखी की नाभि को भला कौन भूल सकता है.
समीरा रेड्डी भी कई मौकों पर अपने कटि प्रदेश का प्रदर्श करने से नहीं चूकती हैं.
साड़ी का शुक्रिया कि पारंपरिक रूप से भी भारतीय स्त्रियां जानते-बूझते हुए या फिर अनजाने में ही अपनी नाभि पर इतराती रही हैं.
दक्षिण के अभिनेता प्रियामणि कहते हैं कि दक्षिण की नाभि बॉलीवुड के उदर से भिन्न है, ''बॉलीवुड की लड़कियां दक्षिण की लड़कियों से ज्यादा दुबली हैं. यहां पुरुष मांसल सौंदर्य को पसंद करते हैं.''
शिल्पा शेट्टी की बहन शमीता शेट्टी भी किसी से कम नहीं हैं.
शिल्पा ने कई फैशन डिजाइनरों के लिए रैम्प पर अपना जादू बिखेरा है.
शिल्पा अपने मॉडलिंग वाले दिनों से ही अपने फिगर और कमर को लेकर चर्चा में रहती थी.
चाहे फैशन शो हो या फिर फिल्म, शिल्पा की कमर का जादू सबके सिर चढ़कर बोलता है.
बॉलीवुड में शिल्पा के फिगर की अक्सर तारीफ होती रहती है.
करीना कपूर के जीरो फिगर का शुक्रिया कि उसके बाद लड़कियां ऊपर से सपाट होने लगी हैं. अब फिल्म निर्माता परदे पर नितंबों और पैरों का प्रदर्शन तो कर नहीं सकते, इसलिए अगली सबसे बेहतरीन चीज जो बच जाती है वह है कमर.
सेलिब्रिटीज की देह की एक खास तरह की छवि का अर्थ होता है कि आम स्त्रियों पर भी उन्हीं की तरह खूबसूरत दिखने का एक सांस्कृतिक दबाव बनता है. आजकल पेट और कमर की चर्बी घटाने के लिए ऑपरेशन और सर्जरी करवाना बहुत आम बात हो गई है.
जैसे बॉलीवुड के पुरुष मोटे से पतले होने की दिशा में बढ़ रहे हैं, वैसे ही स्त्रियां भी अपनी कमर को खूबसूरत और छरहरी बनाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं.
सिने कलाकारों की नई पीढ़ी बखूबी जानती है कि प्रिंट, टीवी और इंटरनेट पर एक तस्वीर का क्या असर होता है.
कटिप्रदेश को सबसे सुंदरता से प्रदर्शित करने वाली साड़ी पार्टियों में पहने जाने वाले परिधान के रूप में वापस आ गई है जिससे इस फैशन को बढ़ावा मिला है, गंवई परिधान की वापसी ने भी मदद की है.
जबसे फिल्म तीस मार खां के गाने शीला की जवानी ने कैटरीना कैफ को महज एक बार्बी डॉल से बढ़कर एक नई छवि प्रदान की, तब से नाभि सुर्खियों में हैं.
रैंप से लेकर डियो के विज्ञापनों तक हर जगह यह साफ नजर आ रहा है. रैंप पर सव्यसाची मुखर्जी जैसे फैशन डिजाइनरों ने साड़ी की वापसी करवाई है, तो डियो के विज्ञापनों में साड़ी में सजी स्त्री खुली छाती वाले पुरुष की ओर आकर्षित हो रही है.
फिटनेस के बहुत सारे फैशन की तरह नाभि दिखाने का फैशन भी बाहर से आयात किया गया है. फैशन डिजाइनर स्वप्निल शिंदे का कहना है कि भारत का फैशन उद्योग नाभि को तरह-तरह से इस्तेमाल करने के तरीके ईजाद कर रहा है. रैंप पर नाभि को नई अदाओं और छटाओं में पेश करने की कोशिश की जा रही है.
हीरे लड़कियों के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं, खासकर जब वे पेट पर लटक रहे हों. थोड़े कीमती पत्थर जैसे क्वार्ट्ज, ऑपेलाइट आदि का बेली रिंग में काफी इस्तेमाल होता है. प्रियंका चोपड़ा को तीन साल पहले माता-पिता ने उनके जन्मदिन पर एक हीरा उपहार में दिया. वह गर्व से उसे नाभि पर पहनती हैं.
एकल परदे की सीधी-सादी खुली कामुकता ने अब मल्टीप्लेक्स की संयमित मादक कामुकता के लिए रास्ता साफ कर दिया है.
फिल्म 'बिन बुलाए बाराती' के एक दृश्य में श्वेता तिवारी.
अब वक्षस्थल प्रदर्शन की चीज नहीं रहा. छोटी-सी नाभि ने अश्लील क्लीवेज को बाहर कर दिया है.