भारतीय वायुसेना को 126 लड़ाकू विमान बेचने का करीब 10 अरब डालर का ठेका फ्रांसीसी कंपनी डसाल्ट राफाले को मिल गया. यह देश में अपनी तरह का सबसे बड़ा सौदा है. राफाले कई मायनों में पाकिस्तान के एफ-16, चीन के सुखोई-30 और अमेरिका के एफ-22 से कहीं आगे है.
भारतीय वायु सेना के बेड़े में मिग-21 विमान बेहद महत्वपूर्ण हैं और वायु सेने के पास ऐसे 200 विमान हैं.
इंडियन एयरफोर्स सुखोई-30 एमकेआई विमान भी इस्तेमाल करती है और इसके पास ऐसे 140 विमान मौजूद हैं.
भारतीय वायुसेना के पास 100 मिग-27 विमानों का बेड़ा भी है.
भारतीय वायुसेना जगुआर लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल करती है और इसके पास ऐसे 110 विमान हैं.
मिराज-2000 लड़ाकू विमान भी भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण अंग है और ऐसे 50 विमान इसके बेड़े में शामिल हैं.
60 मिग-29 विमानों से भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ जाती है.
भारतीय वायुसेना के पास 272 एसयू-30 विमान भी हैं.
भारत में ही विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी अब भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा रहा है और 40 विमानों के ऑर्डर अब तक दिए जा चुके हैं.