रामदेव ने मंच से लोगों को संबोधित किया और कहा कि हम किसी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं.
भारत माता की जय से अपने भाषण की शुरुआत करने वाले रामदेव ने कहा कि यहां आई भीड़ भ्रष्टाचार को मिटा देगी.
लोगों ने बाबा रामदेव के भाषण पर खूब तालियां बजाई.
ये पहला मौका है जब रामदेव और अन्ना ने एक साथ अपने आंदोलन को साझा मंच से एक रूप देने की कोशिश की.
अन्ना और रामदेव के साथ दोनों के खास लोग भी मंच पर मौजूद थे.
हालांकि अन्ना ने दोपहर तक लोगों को संबोधित नहीं किया.
योगगुरु बाबा रामदेव ने केंद्र सरकार पर काले धन को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि देश में आ रहा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) काले धन की चाबी है.
मंच बच्चों को भी जगह दिया गया. बच्चे अपने हाथों में तिरंगा पकड़े हुए थे.
अगर सरकार इसका मूल स्रोत बता दे तो देश में 80 प्रतिशत काले धन का पता लग जायेगा.
अन्ना और रामदेव एक दूसरे से बात करते हुए.
बाबा रामदेव ने एक कागज दिखाते हुये कहा कि देश में 20 लाख करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हुआ है तो सरकार बताये कि इसका स्रोत क्या है.
अन्ना और रामदेव लोगों का उत्साह बढ़ाते हुए.
उन्होंने संसद मार्ग पर आंदोलन की अगुआई करते हुये कहा, ‘एफडीआई की चाबी से ही काले धन की वापसी का रास्ता खुलेगा.
रामदेव ने आईपीएल टूर्नामेंट को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि आईपीएल में भी काला धन शामिल है, जहां लड़के-लड़कियां डांस करते हैं.
योगगुरु ने कहा कि आईपीएल में सुरा-सुंदरी का खेल होता है और यहां खिलाड़ियों को काले धन से खरीदा जाता है.
रामदेव ने कहा कि विदेशों में जमा 400 करोड़ रुपये को भारत वापिस लाया जाए.
इसके साथ ही रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामले एक साल में निपटाए जाएं.
संसद मार्ग स्थित अनशन स्थल से रामदेव ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने ही अराजकता फैलाई.
रामदेव ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किया जाए.
रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को उम्रकैद और फांसी की सजा हो.
रामदेव ने कहा कि कालेधन से खिलाडि़यों को खरीदा जाता है.
रामदेव ने कहा कि कालेधन को राष्ट्रीय संपति घोषित किया जाए.
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि देश की जनता सर्वोपरि है, नेता सेवक हैं.
संसद मार्ग स्थित अनशन स्थल से रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया जाए.
अन्ना हजारे के साथ संयुक्त अनशन पर बैठने जा रहे योग गुरु रामदेव ने कालेधन को वापस लाने के लिये सरकार को अगस्त तक आर पार की लड़ाई की चेतावनी दी है.
धरना स्थल जंतर मंतर पर पहुंचने से पहले टीकरी कलां से राजघाट जाते वक्त रामदेव ने कहा कि देश में आर्थिक हालात बहुत खराब हैं क्योंकि रूपया कमजोर होता जा रहा है और विकास दर नीचे आती जा रही है.
आजाद हिंद ग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उन्होंने कहा, ‘हमें काला धन वापस लाना होगा. मैं इस देश के लोगों से इस लड़ाई में शामिल होने की अपील करता हूं.
आज से हम काला धन वापस लाने के लिये इस लड़ाई को और तेज कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि अगस्त तक सभी देशवासी इस आर पार की लड़ाई में शामिल हो जायें.
जंतर मंतर पर होने वाले अनशन में हजारे और रामदेव एक साथ होंेगे जहां दोनों 2014 के आम चुनावों को लेकर अपनी रणनीति की घोषणा कर सकते हैं.
काला धन वापस लाने की मांग को लेकर एक दिन के इस अनशन के साथ साथ रामदेव के भारत स्वाभिमान आंदोलन द्वारा राज्यों की राजधानियों में भी प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे.
रामदेव के हिंदुत्व से जुड़े होने के कारण टीम अन्ना ने उनसे दूरियां बढ़ा ली थीं पर आज हजारे -रामदेव एक साल बाद किसी सार्वजनिक मंच पर साथ नजर आयेंगे.
समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और योगगुरु रामदेव भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संप्रग सरकार के खिलाफ अपने संयुक्त अनशन से पहले आज राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि गए.
दिल्ली सीमा से मार्च निकालने के बाद रामदेव अपने कई समर्थकों के साथ समाधिस्थल पहुंचे जबकि हजारे वहां पर महाराष्ट्र सदन से पहुंचे जहां वह ठहरे हुए थे.
रामदेव और उनके नजदीकी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण दिल्ली सीमा पर स्थित तिकरीकलां गए जहां उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की.
हजारे के साथ अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी थीं. हजारे और रामदेव दोनों ने राजघाट पर कुछ समय ध्यान करने में बिताया. रामदेव पास स्थित शहीद पार्क भी गए.
संभावना जतायी जा रही है कि हजारे और रामदेव जंतरमंतर पर होने वाले प्रदर्शन के दौरान 2014 के आमचुनाव को लेकर अपनी रणनीति की घोषणा करेंगे.
एकदिन का अनशन विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने की मांग के साथ ही भ्रष्टाचार और भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ किया गया है.
इसका राज्य की राजधानियों में भी असर दिखेगा क्योंकि रामदेव के भारत स्वाभिमान आंदोलन की ओर से वहां प्रदर्शन आयोजित किये जाएंगे.
ऐसा पहली बार है कि रामदेव और हजारे संयुक्त रूप से अनशन पर बैठे हुए हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और योगगुरु बाबा रामदेव संप्रग विरोधी अपने प्रदर्शनों को तेज करने के उद्देश्य से रविवार को एक दिन के लिए अनशन पर बैठने जा रहे हैं.
गत एक वर्ष में ऐसा पहली बार होगा, जब दोनों सार्वजनिक मंच पर नजर आएंगे.
जंतर-मंतर पर रविवार को होने वाले इस प्रदर्शन में ऐसी संभावना है कि रामदेव 2014 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति की घोषणा करेंगे.
एकदिवसीय अनशन का आयोजन विदेशों में जमा कालेधन को वापस लेने की मांग करने और भ्रष्टाचार और भ्रष्ट प्रणाली के खिलाफ किया गया है.
रामदेव के भारत स्वाभिमान आंदोलन की ओर से इस तरह के प्रदर्शनों का आयोजन राज्यों की राजधानियों में भी किया जाएगा.
अन्ना हजारे और रामदेव के साथ इस अनशन में टीम अन्ना सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय भी शामिल हो रहे हैं.
रामदेव के साथ संबंध को लेकर पूर्व में टीम अन्ना में काफी हलचल थी, क्योंकि इसके एक धड़ा योगगुरु के साथ किसी तरह के संबंध के खिलाफ था, क्योंकि वह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे थे.
अनशन पर बैठने से पहले रामदेव और हजारे राजघाट जाएंगे.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने व्यापक व्यवस्था की है.
दिल्ली पुलिस कर्मियों के अलावा क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों की तैनाती की गई है.
रामदेव ने कहा, 'देश के करोड़ों लोग हमारे साथ होंगे. सरकार को काले धन के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे, जैसा कि हमने मांग की है.' उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न राज्यों में भी धरने का आयोजन किया जा रहा है.
रामदेव ने प्रधानमंत्री को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री को ना केवल व्यक्तिगत ईमानदारी दिखानी चाहिए बल्कि वह सार्वजनिक ईमानदारी भी बरतें.
अनशन स्थल पर सबसे पहले रामदेव और अन्ना ने राजबाला को श्रद्धांजलि दी.
बाबा रामदेव और अन्ना हजारे ने काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के संसद मार्ग पर अपना एकदिवसीय अनशन शुरू किया.
केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए रामदेव ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने ही देश में अराजकता फैलाई है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों को उम्रकैद और फांसी की सजा दी जानी चाहिए.
रामदेव ने कहा कि आंदोलन से मजबूत जनलोकपाल भी बनेगा और विदेशों में गया भारत का कालाधन भी वापस आएगा.
संसद मार्ग पर मौजूद हजारों आंदोलनकारियों की मौजूदगी में बाबा रामदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से ईमानदार हैं, लेकिन देश उनसे राजनीतिक जीवन में भी ईमानदारी की उम्मीद करता है.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ दिल्ली में अनशन कर रहे योगगुरु बाबा रामदेव ने केंद्र सरकार की नीतियों पर करारा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से 'राजनीतिक ईमानदारी' बरतने की अपील की है.
संसद मार्ग स्थित अनशन स्थल पर काफी भीड़ देखी जा रही है.
बाबा रामदेव ने कहा कि सरकार को 500 और 1000 के नोटों को बंद कर देना चाहिए.
योग गुरु बाबा रामदेव और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त आंदोलन शुरू करते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर रविवार को एकदिवसीय अनशन शुरू किया.
उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न राज्यों में भी धरने का आयोजन किया जा रहा है.
रामदेव ने कहा, "देश के करोड़ों लोग हमारे साथ होंगे. सरकार को काले धन के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे, जैसा कि हमने मांग की है."
रामदेव ने राजघाट के लिए प्रस्थान करने से पहले संवाददाताओं से कहा, "यह तो शुरुआत है, आंदोलन और तेज होगा और अगस्त तक यह बहुत बड़ा रूप ले लेगा.
दिल्ली सहित देश के कई अन्य शहरों में भी सांकेतिक अनशन का आयोजन किया गया है.
अनशन स्थल पर भीषण गर्मी के बावजूद भारी संख्या में समर्थक पहुंच कर आंदोलन को सफल बनाने आए हैं.
इससे पहले रामदेव ने कहा कि देश में अगस्त से आर-पार की लड़ाई शुरू होगी.
उन्होंने कहा कि यह काला धन देश के विकास में लगता, तो देश की यह दशा नहीं होती और गरीबी नक्सलवाद, माओवाद तथा आतंकवाद जैसी समस्याएं भी न पनपती.
कांग्रेस के नेता और कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि यह आंदोलन कांग्रेस के खिलाफ अन्ना और रामदेव की साजिश है.
अनशन स्थल पर भ्रष्ट्राचार रूपी रावण भी पहुंचा हुआ था.