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भारत

इंडिया टुडे-ओआरजी ओपिनियल पोलः मोदी की वापसी तय

इंडिया टुडे-ओआरजी ओपिनियल पोलः मोदी की वापसी तय
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देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की नजरें गुजरात के विधानसभा चुनावों पर है. यहां कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने की चुनौती है तो मोदी के सामने जीत की हैट्रिक लगाने की. इस चुनावी जंग का अंजाम तो 20 दिसंबर को सामने आएगा, लेकिन इंडिया टुडे ग्रुप और ओआरजी ओपिनियल पोल ने बड़े फलक पर एक सर्वे किया है. इस ओपिनियन पोल में चार एम पर मतदाताओं की राय ली गयी है- पहला गुजरात चुनाव के मुद्दे, दूसरा मोदी, तीसरा मुख्यमंत्री और चौथा मुसलमान.
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गुजरात में 182 सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव होने वाले हैं. क्या है मतदाताओं का मिजाज, इसे भांपने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप और ओआरजी ओपनियल पोल ने एक सर्वे किया. इस सर्वे में 36 विधानसभा सीटों 5040 वोटर सैंपल जुटाए गये. ये सर्वे 12 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के बीच किया गया. ऐसा अनुमान है कि इस ऑपिनियन पोल में गलती की गुंजाइश तीन फीसदी तक है.
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सर्वे के मुताबिक विकास आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा. वहीं महंगाई 28 फीसदी के साथ दूसरा अहम मुद्दा रहेगा.
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गुजरात के 67 फीसदी लोगों का मानना है कि गुजरात में औद्योगिक विकास से नौकरियां बढ़ी हैं.
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गुजरात की 43 फीसदी जनता मानती है नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धि विकास है.
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सर्वे में यह पूछा गया कि नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी कमजोरी क्या है. नतीजों के मुताबिक 30 फीसदी जनता उन्हें अहंकारी मानती है. 18 फीसदी जनता उन्हें असहनशील व्यक्ति के तौर पर देखती है. वहीं 10 प्रतिशत ऐसे लोग भी हैं जो मानते हैं कि मोदी संविधान की परवाह नहीं करते.
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ईमानदार छवि, नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी ताकत है. ऐसा 32 फीसदी जनता का मानना है जिन्होंने सर्वे में हिस्सा लिया. वहीं 26 फीसदी लोग उनके अच्छे नेतृत्व को उनकी ताकत मानते हैं.
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प्रधानमंत्री के तौर पर गुजरात के लोगों की पहली पसंद नरेंद्र मोदी ही हैं. उन्हें 56 फीसदी मत प्राप्त हुए. वहीं कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को 35 फीसदी वोट हासिल हुए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ 2 फीसदी लोगों ने उचित उम्मीदवार बताया.
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भारतीय जनता पार्टी के भीतर भी प्रधानमंत्री के तौर पर जनता की पहली पसंद नरेंद्र मोदी ही हैं. 56 फीसदी लोगों ने मोदी का समर्थन किया. वहीं सुषमा स्वराज दूसरे स्थान पर रहीं. उन्हें 9 फीसदी लोगों का समर्थन मिला.
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60 फीसदी लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो गुजरात का अच्छा विकास होगा. वहीं 25 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि मोदी के पीएम बनने से राज्य का बुरा होगा.
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ओपिनियन पोल के नतीजों से यह सामने आया कि अगले चुनाव में भाजपा के मतदाता प्रतिशत में 2 फीसदी की गिरावट होगी. वहीं कांग्रेस के मतदाताओं में 2 फीसदी की बढ़ोतरी.
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ओपिनियन पोल के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को 128 सीट हासिल होंगे. जो 2007 के विधानसभा के चुनावों की तुलना में 11 सीट ज्यादा है. वहीं कांग्रेस को 48 सीट मिल सकते हैं, उसे 11 सीटों का नुकसान है.
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58 फीसदी लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी 2002 के गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. वहीं 28 फीसदी लोगों ने कहा कि वे जिम्मेदार हैं.
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सर्वे के अनुसार 41 फीसदी लोगों का मानना है कि सद्भावना मिशन के जरिए नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यक वोट बैंक में कामयाब हो सकेंगे. वहीं 40 फीसदी लोगों का यह भी मानना है कि ऐसा नहीं हो सकेगा.
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अल्पसंख्यक मतदाताओं के बीच कराए गए सर्वे में यह साफ हो गया कि यह वर्ग नरेंद्र मोदी को माफ करने को फिलहाल तैयार नहीं है. 61 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाताओं के मुताबिक वे नरेंद्र मोदी को वोट नहीं देंगे.
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गुजरात दंगों के लिए अगर नरेंद्र मोदी माफी भी मांग ले तो बात बनते हुए नहीं दिख रही है. 55 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता ऐसा होने के बावजूद उन्हें वोट नहीं देंगे. हालांकि 17 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जो उन्हें वोट देंगे.
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59 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाताओं ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने उनके फायदे के लिए कुछ नहीं किया. सिर्फ 16 फीसदी मतदाता ऐसे हैं जिन्हें लगता है कि मोदी ने उनके फायदे के लिए काम किया है.
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मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी के पिछले 5 साल के कार्यकाल को 54 फीसदी मुस्लिम वोटरों अच्छा नहीं करार दिया. वहीं 26 फीसदी मतदाताओं ने इसे अच्छा भी माना.
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