बाढ़ प्रभावित असम के लिए 500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि केन्द्र क्षतिग्रस्त आधारभूत ढांचों को फिर से बनाने और लोगों को संकट से उबारने के लिए कदम उठाएगा. संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उपरी असम के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद सिंह ने कहा, ‘मैं राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हूं.’
असम से ही राज्यसभा सदस्य सिंह ने राज्य के एक दिन के दौरे की समाप्ति पर लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोइ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कहा, ‘लोगों की इस बुरे वक्त में बहुत क्षति हुई है और केन्द्र उनके संकटों को दूर करने के लिए हरसंभव मदद करेगा.’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘राज्य में एक केन्द्रीय दल आया है जो क्षति की सही प्रकृति का आकलन करेगा और उनके द्वारा रिपोर्ट देने के तुरंत बाद और वित्तीय मदद की घोषणा की जाएगी.’
मनमोहन सिंह ने कहा, ‘केन्द्रीय दल फसलों, आधारभूत ढांचों और राष्ट्रीय राजमार्गों को हुई क्षति और स्कूल, जल आपूर्ति प्रणाली तथा अस्पतालों जैसी सार्वजनिक इमारतों की फिर से मरम्मत को लेकर भी विस्तृत आकलन करेगा.’ सिंह, सोनिया और मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने हेलीकाप्टर से मजुली द्वीप, जोरहाट, सिबसागर, लखीमपुर और धेमाजी जिलों तथा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का हवाई सर्वेक्षण किया.
मनमोहन सिंह ने कहा कि बाढ़ में 77 लोगों ने अपनी जान गंवाई है जबकि पांच लोग लापता हैं तथा करीब 20 लाख हताहत हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं संतुष्ट हूं कि बचाव और राहत अभियान तेज रफ्तार से चलाये गये हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले दो दिन के लिए हमारा ध्यान अब भी फंसे लोगों को बचाने और उन लोगों तक राहत पहुंचाने पर होगा जो अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं. खोजी और बचाव अभियान पूरा होने के बाद हमारा ध्यान क्षतिग्रस्त आधारभूत ढांचों की फिर से मरम्मत करने पर होगा.
मनमोहन सिंह ने कहा कि तत्काल राहत कार्य पूरे होने के बाद हम बाढ़ नियंत्रण और इससे जुड़े मुद्दों की समस्याओं पर और ज्यादा ध्यान देंगे. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि खाद्यान्न का पर्याप्त भंडारण और अन्य जरूरी वस्तुएं राज्य में उपलब्ध हों और पसंदीदा किस्म के कृषि बीज भी उपलब्ध हों.’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार पुनर्निर्माण के लिए भी अपनी मदद देगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 16 टीमों और 71 नावों को बचाव एवं राहत कार्य में लगाया गया है जबकि सेना ने चार हजार प्रभावित लोगों को बचाया है. इसके अलावा, सेना के 752 जवान भी राहत एवं बचाव अभियान में जुटे हुए हैं.
मनमोहन सिंह ने कहा कि चार हजार लोगों को बचाया गया है और वायु सेना द्वारा हवाई मार्ग से 20 टन राहत सामग्री बांटी गई है. उन्होंने कहा कि 4.84 लाख लोगों को राज्यभर में बनाये गये 768 राहत शिविरों में आश्रय दिया गया है. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के पास खाद्यान्न का पर्याप्त भंडारण है और अगर जरूरत पड़ी तो केन्द्र जल्द ही अतिरिक्त आपूर्ति करेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त रेल लाइनों को फिर से ठीक करने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा तुरंत कदम उठाये जाएंगे. हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे पर ताजा स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य कैबिनेट और शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. सरकारी सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को क्षति की प्रकृति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी और स्थिति से निबटने के लिए केन्द्रीय मदद मांगी. सिंह और सोनिया बैठक के बाद दिल्ली रवाना हुए.