पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित 'जनतंत्र रैली' में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह पटना के इस मैदान से आजादी की दूसरी लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं. इस लड़ाई में शामिल लोगों को भ्रष्टाचार मिटाने के साथ ही साथ व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए सोचना होगा.
गांधीवादी अन्ना हजारे ने बुधवार को कहा कि केवल शब्दों से व्यवस्था परिवर्तन नहीं होने वाला. कथनी और करनी को जोड़ना होगा, तभी व्यवस्था परिवर्तन होगा.
अन्ना ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार मिटाने को लेकर सरकार की मंशा साफ नहीं है. अगर उनकी मांग के अनुसार सरकार जनलोकपाल विधेयक लाती है तो उसके 15 मंत्री जेल में होंगे. ऐसे में उन्हें विश्वास है कि यह सरकार उनकी इच्छा के अनुसार जनलोकपाल संसद में नहीं लाएगी.
उन्होंने कहा कि आज गणतंत्र दिवस स्कूल के मैदान में मनाया जाता है, जबकि सत्ता पटना और दिल्ली में है.
अन्ना के कहा कि अब समय आ गया है कि जनता को असली लोकतंत्र के विषय में यह समझना होगा कि जनतंत्र का असली मालिक जनता है. जिन्हें जनता अपना प्रतिनिधि बनाकर संसद और विधानसभा में भेजती है, वे जनता के नौकर हैं.
अन्ना ने गांव पंचायत को अधिक शक्तिशाली बताते हुए कहा कि संसद से भी बड़ी जनसंसद है, तभी तो नेता किसी भी मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने की बात कहते हैं.
इसके पूर्व अन्ना ने रैली में शामिल हुए लोगों को महात्मा गांधी के खून से सनी मिट्टी के सामने भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ने के लिए शपथ दिलाई.