अन्ना हजारे ने शुक्रवार से जेल भरो आंदोलन को स्थगित करने की अचानक घोषणा करते हुए अपना अनशन दूसरे दिन ही तोड़ दिया उनका अनशन तीन दिनों तक चलने का कार्यक्रम था.
74 वर्षीय नेता ने बीच में ही अपना निर्णय बदलने का कोई कारण नहीं बताया लेकिन संभवत: कम भीड़ जुटने के कारण उन्हें ऐसा निर्णय करना पड़ा. वह बीमार भी थे और डाक्टरों ने उनसे अनशन तोड़ने की अपील की थी.
अपने समर्थकों का अभिवादन करते हुए अन्ना हजारे.
अन्ना हजारे यह साफ कर दिया है कि लोकपाल की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी और इसके लिए वे दिल्ली के रामलीला मैदान में धरने पर बैठेंगे.
अन्ना हजारे ने अपने समर्थकों को कहा कि यह अन्ना नहीं पूरे देश का आंदोलन है. इसके लिए देश के युवाओं को तैयार रहना होगा. आने वाले समय में गिरफ्तारियां भी देनी पड़ सकती है.
मुंबई के एमएमआरडीए मैदान पर लोगों को संबोधित करते हुए समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार देश की जनता के साथ जो दांव खेल रही है वह देश की जनता को मालूम है. उन्होंने कहा कि लोकपाल के लिए अभी भी हमें लंबी लड़ाई लड़नी है.
अन्ना हजारे ने अपने समर्थकों को कहा कि यह अन्ना नहीं पूरे देश का आंदोलन है. इसके लिए देश के युवाओं को तैयार रहना होगा. आने वाले समय में गिरफ्तारियां भी देनी पड़ सकती है.
अन्ना हजारे ने अपनी इस चेतावनी को दोहराया कि मजबूत लोकपाल विधेयक नहीं लाने की वजह से पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के खिलाफ अभियान जारी रहेगा.
अन्ना ने कहा, ‘हम संसद में आज जो कुछ देख रहे हैं वह दुखद है. इसलिए मैंने आज ही उपवास तोड़ने का फैसला किया. अब एक ही रास्ता है. हम कार्यक्रम बनाएंगे और पांच राज्यों में जाकर जनजागरण करेंगे. मैं उनसे कहूंगा कि वे विश्वासघातियों को वोट नहीं दें.’
अन्ना हजारे ने कहा, ‘अब आम चुनाव होने में सिर्फ दो वर्ष बाकी हैं. इस बीच मैं देश के विभिन्न हिस्सों में जाउंगा और अगले चुनाव तक लोगों को जागृत करता रहूंगा.’
कम भीड़ के बारे में हजारे ने कहा, ‘मेरे पास सत्ता नहीं है, धन नहीं है, फिर भी लोग आये. आप देखेंगे कि चुनाव के समय लोग किस तरह उठ खड़ा होते हैं.’
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित जेल भरो आंदोलन के समर्थन में पूरे देश में माहौल तैयार किया गया था ‘लेकिन मुझे बताया गया कि लोकपाल विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया है. वहां क्या होगा, हम नहीं जानते. इसलिए इसके लिये 'जेल भरो' का अभी समय नहीं आया है.’
बिछड़े सभी बारी-बारी. ये गाना आज की तारीख में अगर सबसे ज्यादा कहीं फिट हो रहा है, तो अन्ना के आंदोलन पर. मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में जारी अन्ना के अनशन से इसबार जिस तरह फिल्मी सितारे गायब हैं. उससे तो लगता है कि लोकपाल की इस लड़ाई में जैसे सबके सब स्टार अन्ना से बिछड़ गए हैं.
अन्ना हजारे एमएमआरडीए मैदान में पिछले दो दिनों से कम भीड़ जुटने और लोकपाल मुद्दे पर सोनिया और राहुल गांधी को निशाना बनाने के सवालों पर असहज दिखे.
आगे की रणनीति पर चर्चा करते हुए कुमार विश्वास और अन्ना हजारे.
एक बार फिर अन्ना हजारे के अनशन स्थल पर तिरंगे झंडे का जलवा कायम रहा.
सरकारी लोकपाल बिल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अन्ना समर्थक.
हनुमान की वेशभूषा धारण किए हुए एक अन्ना हजारे समर्थक.
हाथों में तिरंगा लहराती हुए एक महिला अन्ना समर्थक.
एमएमआरडीए ग्राउंड लगातार दूसरे दिन खाली रहा. हालांकि इक्के-दूक्के समर्थक मैदान पर जरूर नजर आए.
देश के विभिन्न हिस्सों में अन्ना हजारे के समर्थकों ने सरकारी लोकपाल बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया.
एमएमआरडीए ग्राउंड में अन्ना हजारे समर्थक तिरंगे के साथ.
लोकसभा में पास किए गए लोकपाल बिल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अन्ना समर्थक.
भले ही मैदान खाली हो पर अन्ना समर्थकों के जज्बे में कोई कमी नहीं देखने को मिली.
तिरंगे की छांव में बैठा एक अन्ना समर्थक.
बुधवार शाम को एमएमआरडीए मैदान में जबरदस्त भीड़ देखने को मिली. जैसे ही अन्ना के अनशन खत्म होने की खबर मिली. लोग एमएमआरडीए ग्राउंड की ओर खिचे चले आए.
सिर पर अन्ना टोपी और अन्ना हजारे का समर्थन. कुछ ऐसी थी अन्ना समर्थकों की सोच.
अपने हाथों में तिरंगा लिए आसमान की ओर देखता एक अन्ना समर्थक.
देश के वृद्ध लोगों के बीच अन्ना हजारे को जबरदस्त समर्थन मिला है.
खाली एमएमआरडीए मैदान में तिरंगे के साथ एक अन्ना हजारे समर्थक.
एमएमआरडीए मैदान में बुधवार की सुबह अन्ना के समर्थकों की कमी थी. हालांकि दिन चढ़ने के साथ इस संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला.