सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को यूपीए को एक बार फिर चेतावनी दी कि या तो वह प्रभावी लोकपाल विधेयक लाए, अन्यथा सत्ता छोड़े.
टीम अन्ना द्वारा जंतर मंतर पर शुरू अनशन का सोमवार छठा दिन है, जबकि अन्ना के अनशन का दूसरा दिन.
बड़ी संख्या में जमा समर्थकों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लहर जिस तरह से बढ़ रही है, मैं महसूस करता हूं कि इस सरकार को या तो प्रभावी लोकपाल विधेयक लाना होगा, अन्यथा सत्ता छोड़नी होगी.
सोमवार को कम भीड़ जमा होने के कयासों को झुठलाते हुए बड़ी संख्या में लोग अनशन स्थल पर पहुंचे.
आंदोलन स्थल समाज के हर वर्ग के लोगों से गुलजार था. भीड़ 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' और 'इंकलाब जिंदाबाद' के नारे लगा रही थी.
टीम अन्ना यह भी चाहती है कि सरकार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित 15 केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति गठित करे.
विरोध प्रदर्शन ने सोमवार को उस समय एक दूसरा मोड़ ले लिया, जब अन्ना का समर्थक होने का दावा करने वाले 50 से अधिक लोगों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के आवास के बाहर अपराह्न् में प्रदर्शन किया.
इसके पहले शनिवार को इसी तरह के प्रदर्शनकारियों ने सात रेस कोर्स स्थित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकारी आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया था.
जहां एक ओर टीम अन्ना ने पवार के आवास के बाहर हुए प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया, वहीं केंद्रीय मंत्री अम्बिका सोनी ने इस तरह के तरीके अपनाने के लिए टीम अन्ना पर हमला किया.
अन्ना ने रविवार को अनशन शुरू किया था, और दूसरे दिन वह पूरी तरह स्वस्थ दिख रहे थे.
इंडिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, अन्ना का रक्तचाप सामान्य था और नाड़ी की धड़कन 89 दर्ज की गई. उनके खून में शर्करा का स्तर 98 के सामान्य स्तर पर था.