राष्ट्रीय राजधानी स्थित जंतर मंतर पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के एक दिवसीय उपवास में दिवंगत आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार के परिवार समेत भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करते हुए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले 12 लोगों के परिजन शामिल हुए और भ्रष्टाचार के कारण अपनी व्यक्तिगत पीड़ा और देश की त्रासद स्थिति की तस्वीर पेश की.
अन्ना ने अपने चिर परिचित अंदाज में सबसे पहले राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी.
इसके बाद अन्ना पूरे हुजूम के साथ जंतर-मंतर के लिए रवाना हुए.
अन्ना ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार को न्याय देने और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कड़ा कानून बनाने की मांग करते हुए सरकार को गूंगी और बहरी करार दिया और इस विषय पर बड़ा आंदोलन करने की बात कही.
मध्यप्रदेश में माफिया के हाथों कथित तौर पर मारे गए आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार के पिता और भाई ने जंतर मंतर पर मंच से लोगों के समक्ष अपनी पीड़ा व्यक्त की.
जंतर मंतर पर करीब सवा ग्यारह बजे 74 वर्षीय अन्ना हजारे के पहुंचने से पहले ही उपवास स्थल पूरी तरह लोगों से भर गया था.
उपवास स्थल पर हजारे के पहुंचते ही लोगों ने ‘बंदे मातरम, भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लागने शुरू कर दिये. हाथों में तिरंगा लिये और देशभक्ति गीतों की धुनों पर ताली बजाते लोगों ने इंडिया एगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नारे भी लगाए.
टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास ने सरकार के मंत्रियों को अपने बच्चों को भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में शामिल होने के लिए सड़कों पर भेजने की चुनौती दी.
टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले कई युवाओं ने अपना बलिदान दिया है. अगर मंत्रियों में हिम्मत है तो वे अपने बच्चों को उन इलाकों में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में शामिल होने के लिए भेजे जहां ये लोग (भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले) मारे गए.’
कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े ने हजारे पक्ष के साथ किसी भी तरह के मनमुटाव की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह गांधीवादी अन्ना हजारे के साथ हैं और यही जताने के लिए आज वह मंच पर मौजूद हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिना राजनीतिक समर्थन के खनन माफिया काम नहीं कर सकता.
जंतर मंजर पर उपवास स्थल पर एलसीडी स्क्रीन लगाये गए हैं जहां भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करते हुए मारे गए लोगों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई. इस दौरान बीच बीच में देशभक्ति के गीत भी गाये जा रहे थे.
मंच पर एक बड़ा बैनर लगाया गया जिसमें अन्ना के साथ भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करते हुए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले 19 शहीदों के चित्र हैं. जंतर मंतर पर उपवास स्थल पर अन्ना के साथ न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े, वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण के साथ अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया भी मौजूद थे.
भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देने वाली सरकार को गूंगी और बहरी करार देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को दिल्ली में जंतर मंतर पर एकदिवसीय उपवास पर बैठे.
अपना उपवास शुरू करने से पहले अन्ना ने कहा कि वह ‘गूंगी और बहरी’ सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे जो भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों को निशाना बनाये जाने पर आंखे मूंदे हुए हैं.
अन्ना पहले की तरह दिल्ली में विरोध प्रदर्शन शुरू करने से पहले राजघाट गए.
इसके बाद करीब 11 बजे जंतर मंतर पहुंचे जहां हाथों में तिरंगा लिये हुए बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और लोगों ने ‘भारत माता की जय और बंदे मातरम’ के उद्घोष के बीच उनका स्वागत किया.
उनका उपवास दिवंगत आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार को न्याय देने और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कड़ा कानून बनाने की मांग के लिए है.
इस अवसर पर जंतर मंतर पर मध्यप्रदेश में माफिया के हाथों कथित तौर पर मारे गए आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार के परिवार के लोग और भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करते हुए अपना बलिदान देने वाले 12 और लोगों के परिवार के सदस्य आए हैं.
अपना उपवास शुरू करने से पहले अन्ना ने कहा कि वह ‘गूंगी और बहरी’ सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे जो भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों को निशाना बनाये जाने पर आंखे मूंदे हुए हैं.
उपवास शुरू करने से पहने अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करते हुए काफी लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया.
उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से कई मामलों के तीन वर्ष गुजर जाने के बावजूद सरकार ने जांच नहीं करायी.
अन्ना ने कहा कि उनकी (भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों) माता, बच्चें, पिता, पत्नी न्याय के लिए कराह रहे हैं लेकिन सरकार गूंगी और बहरी हो गई है. उसे लोगों की कराह सुनाई नहीं दे रही है.
जंतर मंतर पर एक दिन का उपवास शुरू करने से पहले राजघाट जाने से पूर्व अन्ना ने कहा, कि इसके लिए बड़ा आंदोलन होगा. तब सरकार ध्यान देगी.
सरकार ने मनरेगा योजना शुरू की लेकिन ये लोग (भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले) इसे बेहतर बनाने की कोशिश में मारे गए.
अन्ना हजारे के उपवास का आयोजन करने वाले टीम अन्ना ने जन लोकपाल विधेयक को अमलीजामा नहीं पहनाने के लिए सत्तारूढ कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.
भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देने वाली सरकार को गूंगी और बहरी करार देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रविवार को दिल्ली में जंतर मंतर पर फिर से उपवास शुरू कर दिया.
अन्ना का यह उपवास एक दिन का है. तीन महीने पहले मुम्बई में उनका विरोध प्रदर्शन सफल नहीं रहा था.
करीब 11 बजे जंतर मंतर पहुंचे जहां हाथों में तिरंगा लिये हुए बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और लोगों ने ‘भारत माता की जय और बंदे मातरम’ के उद्घोष के बीच उनका स्वागत किया.
उनका उपवास दिवंगत आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार को न्याय देने और भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कड़ा कानून बनाने की मांग के लिए है.
इस अवसर पर जंतर मंतर पर मध्यप्रदेश में माफिया के हाथों कथित तौर पर मारे गए आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार के परिवार के लोग और भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करते हुए अपना बलिदान देने वाले 12 और लोगों के परिवार के सदस्य आए हैं.
अपना उपवास शुरू करने से पहले अन्ना ने कहा कि वह ‘गूंगी और बहरी’ सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे जो भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों को निशाना बनाये जाने पर आंखे मूंदे हुए हैं.
उपवास शुरू करने से पहने अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करते हुए काफी लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया.
उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से कई मामलों के तीन वर्ष गुजर जाने के बावजूद सरकार ने जांच नहीं करायी.
अन्ना ने कहा कि उनकी (भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों) माता, बच्चें, पिता, पत्नी न्याय के लिए कराह रहे हैं लेकिन सरकार गूंगी और बहरी हो गई है. उसे लोगों की कराह सुनाई नहीं दे रही है.
जंतर मंतर पर एक दिन का उपवास शुरू करने से पहले राजघाट जाने से पूर्व अन्ना ने कहा, कि इसके लिए बड़ा आंदोलन होगा. तब सरकार ध्यान देगी.
सरकार ने मनरेगा योजना शुरू की लेकिन ये लोग (भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले) इसे बेहतर बनाने की कोशिश में मारे गए.
अन्ना हजारे के उपवास का आयोजन करने वाले टीम अन्ना ने जन लोकपाल विधेयक को अमलीजामा नहीं पहनाने के लिए सत्तारूढ कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.
टीम अन्ना के अनुसार, 2010 के बाद से भ्रष्टाचार की बुराई को उजागर करने की कोशिश में कम से कम 15 लोग अपना बलिदान दे चुके हैं.
इसको ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों की सुरक्षा के लिए मजबूत व्यवस्था बनाये जाने की जरूरत है.
74 वर्षीय अन्ना हजारे ने पिछले वर्ष दिसंबर में खराब स्वास्थ्य और लोगों के कम संख्या में उपस्थिति के मद्देनजर अपना उपवास समय से पहले समाप्त कर दिया था.
पिछले एक वर्ष में अन्ना पांचवी बार उपवास कर रहे हैं जिसमें से चार दिल्ली में हुए हैं.
टीम अन्ना ने कहा कि हजारे ने भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जन लोकपाल विधेयक के तहत एक तंत्र बनाने की मांग की है और इसका हिस्सा बनने के लिए कई परिवारों को आमंत्रित किया है.
अन्ना हजारे ने राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक बार फिर से हुंकार भरते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए अभी लंबी लड़ाई लड़नी है.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों का सामना कर रहे 14 केंद्रीय मंत्रियों और अन्य नेताओं के खिलाफ अगस्त तक प्राथमिकी नहीं दर्ज किये जाने पर जेल भरो आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है.
हालांकि उन्होंने मजबूत लोकपाल विधेयक की सीमा को 2014 तक बढ़ा दिया.
जंतर-मंतर पर अपने एक दिवसीय उपवास की समाप्ति पर हजारे ने कहा, ‘जिन मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार या अपराध के मामले हैं, उनके खिलाफ अगर अगस्त तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी, तो एक नियत तिथि से जेल भरो आंदोलन शुरू किया जायेगा. हमें इसके लिए तैयार रहना होगा. तिथि की घोषणा बाद में की जायेगी.’
अन्ना हजारे ने कहा, ‘इस विषय पर पहले विभिन्न पक्षों और जनता से विचार विमर्श किया जायेगा.’
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संप्रग सरकार के कुछ प्रमुख मंत्रियों के खिलाफ मामले हैं और अगर लोकपाल विधेयक अमल में आ जाता है तो सरकार के 14 मंत्रियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है.
केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के सिलसिले में शरद पवार, एसएम कृष्णा, पी चिदंबरम, प्रफुल्ल पटेल, कपिल सिब्बल, कमलनाथ, फारूक अब्दुल्ला, अजित सिंह, श्री प्रकाश जायसवाल, सुशील कुमार शिंदे, विलासराव देशमुख, एम के अलागिरि, जी के वासन समेत 25 राजनीतिज्ञों के नाम लिये.
केजरीवाल ने कहा कि देश में 4,120 विधायक हैं, जिनमें से 1176 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. इनमें से 513 के खिलाफ संगीन आरोप हैं. उन्होंने कहा, ‘फास्ट ट्रैक अदालत बनाकर छह महीने में इन मामलों की सुनवाई की जानी चाहिए.’
भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देने वाली सरकार को ‘गूंगी और बहरी’ करार देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने जंतर मंतर पर एक दिवसीय उपवास के दौरान सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के पास दो विकल्प हैं, ‘लोकपाल लाओ या सत्ता छोड़ो.’
लोकपाल आंदोलन में नयी जान फूंकने का प्रयास करते हुए हजारे ने अपने उपवास की समाप्ति पर लोगों से कहा, ‘लोकपाल लाओ या 2014 के लोकसभा चुनाव में सत्ता से बाहर हो.’ दिसंबर में मुम्बई में अन्ना हजारे का आंदोलन सफल नहीं रहा था और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्हें अनशन वापस लेना पड़ा था.
उपवास के दौरान केजरीवाल, किरण बेदी, शांति भूषण और हजारे ने अपने भाषण के माध्यम से अपनी योजनाओं का खुलासा किया.
उपवास के दौरान टीम अन्ना ने भाजपा नेता बीएस येदियुरप्प, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के साथ भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले कार्यकर्ता की हत्या के मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी निशाना बनाया. संसद में लोकपाल विधेयक पर चर्चा के दौरान हजारे को निशाना बनाने वाले जद यू अध्यक्ष शरद यादव, राजद प्रमुख लालू प्रसाद और माकपा नेता वासुदवे आचार्य की क्लिपिंग भी दिखायी गई.