जनलोकपाल बिल को लेकर हुंकार भरते-भरते अन्ना हजारे ने मौन धारण करने का फैसला किया है.
सुबह की तस्वीर, जब अपने गांव रालेगण सिद्धि में अन्ना ने की सुबह की सैर. अन्ना आश्रम में बनी कुटिया में ध्यान करेंगे और मौन व्रत का पालन करेंगे.
अन्ना हजारे रविवार से कुछ नहीं बोलेंगे, यानी मौन रहकर ही कांग्रेस और सरकार पर हमले करेंगे.
लोकपाल के लिए अन्ना हजारे ने अब मौन संग्राम छेड़ा है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि टीम अन्ना के बढ़ते विरोध से बचने का यह एक तरीका हो सकता है.
अन्ना फिलहाल यही दावा कर रहे हैं कि यह मौन, संग्राम की तैयारी नहीं है. उन्होंने बस अपनी सेहत की खातिर चुप्पी साधी है.
टीम अन्ना जनलोकपाल बिल के मसले पर सरकार के रुख से अबतक पूरी तरह संतुष्ट नहीं है. शक है कि कहीं अपने वादे से फिर पलट न जाए सरकार.
हिसार लोकसभा चुनाव में टीम अन्ना अपनी धमक दिखा कर कांग्रेस को चेतावनी दे चुकी है. जता चुकी है कि अब अगर बातें नहीं मानी गईं, तो हमला उनकी सियासी जमीन पर होगा. उनके अखाड़े में उतरकर उनकी भाषा में जवाब देगी टीम अन्ना.
जल्द ही उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं. कांग्रेस अपनी खोयी जमीन वापस पाने को बेताब है और इसी जमीन पर हमले की तैयारी हो रही है. रणनीति तय हो चुकी है.
टीम अन्ना कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए पहले ही मैदान में उतर जाएगी, लेकिन अन्ना इंतजार करेंगे शीतकालीन सत्र तक का.
अगर इस सत्र में भी जनलोकपाल पर कोई ठोस कदम नहीं उठे, तब अन्ना भी यूपी के सियासी मैदान में कांग्रेस की मुश्किल बन जाएंगे.
अन्ना ने इशारे अभी से कर दिए हैं कि मौन के बाद शुरू होगा दौरा.
अन्ना के अनशन का मतलब क्या होता है, ये सरकार समझ चुकी है. अब अन्ना मौन पर बैठे हैं और आगे दौरे की तैयारी है. पूरा देश अन्ना के मौन का मतलब जानने की कोशिश कर रहा है और अन्ना मॉर्निंग वॉक कर रहे हैं.