इंडिया टुडे माइंड रॉक्स समिट 2012 में ‘योर इंडिया, योर टुडेः हाउ टू मेक योर वोट एण्ड वॉयस काउंट’ सेशन को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश के लोगों का विश्वास दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों से उठ गया है.
इस सेशन में कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित भी वक्ता थे और उन्होंने अरविंद के आंदोलन के समर्थन में कहा कि हमारी संस्थाओं में समय के साथ कमजोरियां आई हैं. लेकिन अरविंद और उनके मित्रों के आंदोलन से हमारी राजनीतिक संरचना को संभवतः कुछ बदलाव देखने को मिले. उन्होंने कहा राजनीति में आपके आवाज की महत्ता है, ‘आवाज को प्रभावशाली करने वाले संगठनों की बहुत आवश्यकता है.’
सेशन के दौरान अरविंद से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या ये वैचारिक सफलता मिलने का पूरा विश्वास है तो उन्होंने दो उदाहरण देकर बताया. उन्होंने कहा, ‘हमारे आंदोलन के दौरान एक पुलिसवाले ने बताया कि वो रिश्वत लेता था लेकिन अन्ना के आंदोलन के प्रभाव में उसने रिश्वत लेना छोड़ दिया. इसी तरह एक व्यक्ति की ऑल्टो गाड़ी चोरी हो गई जो हमारे आंदोलन के दौरान मिल गई और उसपर अन्ना का स्टिकर चिपका था और वाईपर में एक नोट था जिसपर लिखा था अन्ना की गाड़ी अन्ना को मुबारक. तो जिसदिन लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरुकता आ जाएगी तो सुधार खुद-ब-खुद हो जाएगा.’
अरविंद के राजनीति में उतरने की सराहना करते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, ‘आशा हमेशा ही सकारात्मक होनी चाहिए. पॉलिटिक्स में आपको चेहरा दिखाने वाला आईना भी होना चाहिए. आज आवाज प्रबल करने वाली संस्थाएं भी बहुत जोरों से चाहिए. इससे बेहतर राजनीतिक संरचना का निर्माण होता है.’
अरविंद से यह पूछने पर कि चुनाव प्रचार के लिए पैसा कहां से आएगा तो उन्होंने कहा, ‘जिस दिन इस देश का हर बच्चा और औरत हमारे लिए प्रचार करने लगा तो हमें पैसे की जरूरत कहां पड़ेगी.’
अरविंद ने अपने कमिश्नर बनने के समय की बात बताई. अरविंद ने कहा, ‘जब मैं कमिश्नर बना तो पूरे परिवार ने पड़ोस में लड्डू बांटा. किसी ने नहीं कहा कि ये इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जा रहा है वहां बहुत कमायेगा.’ अरविंद ने कहा कि बीते जमाने के राजनीतिक लोग देशभक्त के रूप में जाने जाते थे लेकिन आज के राजनीतिक लोग सत्तालोभी हो गए हैं.