अरविंद केजरीवाल और पूर्ववर्ती टीम अन्ना के सैकड़ों समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया जब कोयल खदान आवंटन के मुद्दों पर वे प्रधानमंत्री, कांग्रेस और भाजपा प्रमुखों के आवास के घेराव के लिए निकले.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया.
केजरीवाल और राय को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास के बाहर से हिरासत में लिया गया, जबकि सिसोदिया और विश्वास को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ के बाहर से हिरासत में लिया गया.
संजय सिंह और एक अन्य व्यक्ति को भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी के आवास के बाहर से गिरफ्तार किया गया.
इन लोगों ने यह आरोप लगाते हुए तीनों नेताओं के आवास के घेराव का ऐलान किया था कि भ्रष्टाचार में कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे का साथ दे रहे हैं और कोयला ब्लॉक आवंटन में दोनो मिले हुए हैं.
जंतर मंतर से प्रदर्शनकारियों ने अलग-अलग समूहों में रेस कोर्स स्थित प्रधानमंत्री आवास, जनपथ स्थित कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और तुगलक रोड स्थित भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास की ओर मार्च किया.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया.
केजरीवाल को दिन में दो बार हिरासत में लिया गया. पहले सुबह उन्हें प्रधानमंत्री आवास के निकट से पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था.
दोबारा दिन में जब वह घेराव करने के लिये समर्थकों के साथ वहां पहुंचे तब प्रधानमंत्री आवास से कुछ पहले ही अकबर रोड पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
भाजपा को निशाना बनाने के मुद्दे पर पूर्ववर्ती टीम अन्ना के सदस्यों में मतभेद भी सामने आया और किरण बेदी जंतर मंतर से दूर रहीं.
जंतर मंतर से प्रदर्शनकारियों ने अलग-अलग समूहों में रेस कोर्स स्थित प्रधानमंत्री आवास, जनपथ स्थित कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और तुगलक रोड स्थित भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास की ओर मार्च किया.
प्रदर्शनकारियों के जंतर मंतर से रवाना होने पर पुलिस ने उन्हें नहीं रोका और प्रदर्शनकारियों ने कई जगह अवरोधक गिरा दिये.
लेकिन जब वे नेताओं के आवासों से मात्र एक आध किलोमीटर ही दूर रह गये तो पुलिस ने उन्हें रोकना शुरू किया.
प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने जनपथ, अकबर रोड और तुगलक रोड पर पानी की बौछारें और आंसू गैस छोड़ी.
केजरीवाल सहित प्रशांत भूषण, मनीष सिसौदिया और कुमार विश्वास को हिरासत में ले लिया गया.
उन्होंने घेराव प्रदर्शन के खत्म होने की घोषणा करते हुए प्रदर्शनकारियों से अपने अपने घर लौट जाने की अपील की.
बाद में केजरीवाल ने कहा, ‘हमारा मकसद देश को दिखाना था कि कैसे कांग्रेस
और भाजपा कोयला खदान के आवंटन के मुद्दे पर एक दूसरे से मिली हुई हैं. हमने
अपना काम सफलतापूर्वक किया और अब हमें घर वापस लौट जाना चाहिए.’
इससे पहले केजरीवाल ने जंतर मंतर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से सवाल पूछे और उनसे देश की जनता को इनके जवाब देने के लिये कहा.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी के आवास के बाहर आज दिनभर छिटपुट प्रदर्शन का सिलसिला चलता रहा.
इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया और बाद में छोड़ दिया गया.
दिन की शुरुआत थोड़े नाटकीय अंदाज में हुई जब केजरीवाल अपने पांच अन्य साथियों मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास, संजय सिंह और गोपाल राय के साथ अचानक प्रधानमंत्री और कांग्रेस तथा भाजपा पार्टी अध्यक्षों के आवास के सामने नमूदार हुए.
पुलिस ने इन सबको हिरासत में ले लिया और करीब एक घंटे तक मंदिर मार्ग थाने में रखने के बाद छोड़ दिया.
केजरीवाल के समर्थकों ने इन लोगों को बवाना ले जाने के पुलिस के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया.
अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल. अन्ना समर्थकों ने रविवार को कोयला घोटाले के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दिया. गौरतलब है कि अन्ना के सहयोगियो ने कोयला घोटाले पर सरकार के ढुलमुल रवैये के खिलाफ रविवार को सोनिया गांधी, नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर का घेराव करने की योजना बनाई थी.
हिरासत से रिहाई के बाद जंतर-मंतर पर पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने अपनी टीम और समर्थकों के साथ पीएम निवास पर कूच करने की योजना बनाई.
कुमार विश्वास को भी सुबह हिरासत में लिया गया था.
दरअसल किरण बेदी चाहती हैं कि घेराव सिर्फ सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों के खिलाफ किया जाए, जबकि केजरीवाल बीजेपी को भी कांग्रेस की तरह भ्रष्ट मानते हैं और चाहते हैं कि नितिन गडकरी के घर का भी घेराव हो.
घेराव को लेकर अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी में मतभेद भी साफ दिखाई दे रहा है. किरण बेदी धरने में शामिल नहीं हुईं हैं.
अरविंद केजरीवाल ने कहा सारे भ्रष्टाचारी एक साथ हैं.
मनीष सिसोदिया को भी हिरासत में लिए जाने के बाद छोड़ दिया गया.
घेराव के मद्देनजर पीएम निवास, गडकरी निवास, दस जनपथ हर जगह सुरक्षा कड़ी थी.
केजरीवाल ने कहा कि अब आंदोलन क्रांति में बदल गया है.
अन्ना समर्थक और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्यों ने मिलकर हिरासत में लिए जाने का विरोध किया.
कुमार विश्वास ने कहा, ‘जब राज ठाकरे अपने हजारों समर्थकों के साथ बिना इजाजत विरोध प्रदर्शन के लिए निकलते हैं तो पुलिस उन्हें सुरक्षा प्रदान करती है. यह किस तरह की राजनीति है?’
केजरीवाल ने कहा, 'हम सिर्फ कोयला घोटाले के मुद्दे पर पीएम से बात करने जा रहे थे और हमें गिरफ्तार कर लिया गया.
हालांकि कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया था कि वह जंतर मंतर पर एकत्र होंगे और वहां से इन नेताओं के आवास की तरफ मार्च करेंगे, लेकिन केजरीवाल और उनके साथी निर्धारित कार्यक्रम के विपरीत सीधे घेराव स्थल पर पहुंच गए, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया
केजरीवाल ने कहा, ‘हम गलत क्या कर रहे हैं? हम फुटपाथ पर शांति से बैठे हैं. कम से कम हमें बताया तो जाए कि हमें हिरासत में क्यों लिया जा रहा है.’
वीआईपी इलाकों में पुलिस की नाकेबंदी देखी गई.
पुलिस के मुताबिक मेट्रो स्टेशन खुले रहे. पहले घेराव के चलते कुछ मेट्रो स्टेशन बंद करने की घोषणा की गई थी.
10 जनपथ और 7 रेसकोर्स रोड को छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
जबकि मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास के बाहर हिरासत में लिया गया.
केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की.
इससे पहले केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास, संजय सिंह और गोपाल राय को सुबह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सात रेसकोर्स मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास के बाहर हिरासत में ले लिया गया था.
समर्थकों में कोयला घोटाले के खिलाफ जबरदस्त रोष दिखा.
समर्थक सुबह से जंतर-मंतर और सोनिया गांधी आवास के बाहर इकट्ठा हो गए थे.
समर्थकों ने जमकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए.
अन्ना मौजूद नहीं थे इसलिए पहले की तुलना में कम समर्थक देखको को मिले.
जंतर-मंतर पर हजारों समर्थक इकट्ठे हुए.