कबीर ने लिखा था, 'निकले थे हरिभजन को ओटन लगे कपास'. योग गुरु बाबा रामदेव नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब पहुंचे तो
'पुत्रजीवक' दवाई पर सफाई देने , लेकिन फिर यह प्रेस कॉन्फ्रेंस परोक्ष रूप से योग शिविर और प्रचार इवेंट में तब्दील हो गई.
सबसे पहले तो बाबा ने बेटा पैदा करने की दवाई बेचने के आरोपों पर धुआंधार पलटवार किया. कहा कि यह वजीर मोदी और फकीर रामदेव को बदनाम करने की साजिश है.
मोदी का जिक्र करते करते बेबाकी की आदत बाबा पर बुरी तरह हावी हुई और वह यहां तक कह गए, 'दोनों (फकीर-वजीर) को बेटा पैदा करने से क्या लेना-देना. उन्हें न बेटी पैदा करनी, न बेटा पैदा करना.'
बाबा भी दवाओं के खूब सारे पैकेट साथ लाए थे. उन्होंने कहा कि इस दवा का
बोटैनिकल नाम भी 'पुत्रनजीवा रॉक्सबुर्जी' है और इसके नाम का गलत मतलब
निकाला गया है.
बाबा ने कहा कि संसद में लोग बिना जानकारी और बिना होमवर्क के बोल रहे हैं.
फिर उन्होंने 'गोदंती' नाम की एक दवा का पैकेट हवा में लहराया और कहा,
'गोदंती का अनुवाद करके ये कहेंगे कि बाबा गाय के दांत को पीसकर दवाई बना
रहा है.' फिर बाबा 'गोदंती' के फायदे गिनाने लगे.
बाबा ने एक-दो दवाइयों के नाम और लिए, उन्हें दिखाया भी. लेकिन मामला यहीं
नहीं थमा. लेकिन वहां मौजूद मीडियाकर्मी एक बार के लिए चौंक गए, जब बाबा ने अपना गमछा कंधे पर सरकाते हुए उतार दिया.
बाबा के ऊपरी तन पर अब कोई कपड़ा नहीं था. योग के फायदे गिनाते हुए वह योग करने लगे.
बाबा ने अपने सिग्नेचर योग स्टेप करते हुए पेट की अंतड़ियों को डुलाया और विभिन्न प्रकार के योग करके दिखाए. चर्चा 'सिक्स पैक' की भी हुई और वहां मौजूद पत्रकारों को उन्होंने बाकायदा योग के फायदे भी बताए.
जाते-जाते बाबा काले धन पर भी बोल गए. अकाउंट में 15 लाख रुपये आने का सवाल उछला तो बोले, 'काले धन पर पीड़ा मुझे भी है. लोग इंतजार कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द इस पर काम होगा.'