भारत बंद के दौरान नोएडा में जमकर हिंसा हुई. बंद समर्थकों ने सेक्टर 83 में कुछ दफ्तरों को खुला देखा तो उनपर पत्थरबाजी की.
बंद समर्थकों ने नोएडा में खुले ऑफिस के बाहर खड़ी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया.
दिल्ली के साथ सटे नोएडा में भारी हिंसा हुई. दो दिवसीय बंद ही दिन हिंसा के चलते नोएडा में पड़ोसी जिलो से भी पुलिस बल मंगाना पड़ा.
दिल्ली के साथ सटे नोएडा में भारी हिंसा हुई. गाडि़यों को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया.
दो दिवसीय भारत बंद के पहले दिन हैदराबाद की स्टेट लेजिस्लेचर कॉम्प्लेक्स की तरफ मार्च करते लोग.
हैदराबाद में स्टेट लेजिस्लेचर कॉम्प्लेक्स की तरफ मार्च करते लोगों को रोकता एक पुलिसकर्मी.
हैदराबाद में स्टेट लेजिस्लेचर कॉम्प्लेक्स की तरफ मार्च कर रहे लोगों में से एक को पकड़ने की कोशिश करता एक पुलिसकर्मी. हैदराबाद में बंद का खासा असर दिखा.
नोएडा की सड़कों पर भी पत्थरबाजी हुई और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
राजस्थान में भारत बंद का असर दिखा. विदेशी सैलानी भी परेशान होते नजर आए.
जयपुर बस स्टैंड पर खड़ी बसें. यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
भारत बंद के पहले दिन जयपुर बस स्टैंड खाली नजर आया.
जयपुर के बस अड्डे में बसें रुकी रहीं. यात्री परेशान होते रहे.
भारत बंद के पहले दिन यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. जयपुर बस स्टैंड पर खड़े यात्री.
जयपुर बस स्टैंड पर रुकी बसें.
राजस्थान में भी बंद का असर दिखा. जयपुर के बस स्टैंड के बाहर साधन के इंतजार में बैठी महिला.
जयपुर के बस स्टैंड पर टिकट काउंटर का एक दृश्य.
भारत बंद के पहले दिन जयपुर में बसों का चक्का जाम रहा.
राजस्थान से रेल डाक सेवा भारत बंद के चलते निकल नहीं पाई.
दो दिवसीय भारत बंद के पहले दिन पश्चिम बंगाल का हाल जानती मुख्यमंत्री ममता बनर्जी.
दो दिवसीय भारत बंद के पहले दिन कोलकाता में आवागमन पूरी तरह ठप हो गया.
भारत बंद के दौरान कोलकाता का हावड़ा रेलवे स्टेशन.
भारत बंद के पहले दिन कोलकाता के हावड़ा रेलवे स्टेशन के बाहर का दृश्य.
कोलकाता में भारत बंद का अच्छा खासा असर दिखा. हावड़ा स्टेशन के खाली प्लेटफार्म पर आराम फरमाते कुली.
मध्य कोलकाता का एक दृश्य. यहां ऑटो खड़े रहे.
भारत बंद के चलते कोलकाता के बाजारों में बहुत कम लोग नजर आए.
मुम्बई में भारत बंद के दौरान ऑफिस बंद रहे.
मुम्बई में भारत में बैंक भी बंद रहे.
मुम्बई में भारत के दौरान सरकारी काम नहीं हो पाए.
ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान मुम्बई पर खासा असर दिखा.
मुम्बई में भारत बंद में महिलाओं ने भी सरकारी नीतियों का विरोध किया.
मुम्बई: भारत बंद के दौरान महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
भारत बंद के दौरान देश के कई इलाकों में तोड़फोड़ भी देखने को मिली. इस दौरान नोएडा में आगजनी की घटना सामने आई. प्रदर्शनकारियों ने जबरन ऑफिस बंद कराए और गाड़ियों में आग लगा दी.
नोएडा में बंद के दौरान हिंसा भड़की. प्रदर्शनकारियों ने जबरन बंद कराया ऑफिस, विरोध करने वालों के साथ मारपीट और तोड़फोड़.
कुछ वाहनों में आग भी लगाई गई. इसके अलावा देश के अन्य शहरों में भी हिंसा की घटना सामने आई.
नोएडा में प्रदर्शनकारियों ने फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी में आग लगा दी.
प्रदर्शनकारियों ने जबरन ऑफिस बंद कराए और गाड़ियों में आग लगा दी.
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर दिल्ली-एनसीआर में ही देखने को मिल रहा है.
दिल्ली में भी कई इलाकों में तोड़फोड़ की खबरें सामने आई हैं.
बुधवार सुबह से देशभर में दो दिन का राष्ट्रव्यापी बंद शुरू हो गया है. बंद को देखते हुए सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं.
दिल्ली में बंद का तगड़ा असर देखने को मिल रहा है. ऑटो और टैक्सी सेवाएं बंद हैं.
भोपाल में बंद के चलते बैंकों की 400 शाखाएं आज नहीं खुली.
कोलकाता में ममता बनर्जी की चेतावनी के बावजूद बंद का असर देखने को मिल रहा है. सड़कों पर ट्रैफिक काफी कम है.
जयपुर में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है और सड़क परिवहन पर गहरा असर पड़ा है.
जहानाबाद में बंद के दौरान रेलवे ट्रैक जाम किया गया.
हिसार में भी बंद के चलते ट्रैफिक पर खासा असर पड़ा है.
पुणे में बंद के चलते 12वीं कक्षा की परीक्षा आगे बढ़ा दी गई.
देशभर में बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है.
चेन्नई में बंद का असर नहीं, जनजीवन सामान्य
दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू हो गयी है वहीं अंबाला में तड़के एक ट्रेड यूनियन नेता की हत्या कर दी गयी. 11 ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है.
दिल्ली एयरपोर्ट पर भी बंद का खासा असर देखने को मिला.
दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल को देखते हुए राजधानी दिल्ली में आम जनजीवन बाधित हो सकता है क्योंकि शहर के कई मजदूर संघ आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे हैं.
देश भर में बंद का असर देखने को मिल रहा है. भुवनेश्नर, भोपाल और पटना हर जगह बंद के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हड़ताल का कम असर होने की संभावना है, क्योंकि यहां बसें, ट्रक, रेल, ऑटो और टैक्सी रोज की तरह ही चलेंगे. हालांकि हड़ताल को शिवसेना का समर्थन हासिल है.
आज देशभर के सरकारी बैंक बंद रहेंगे.
इस बंद से दिनों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है.
राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन, कई अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और बैंकों का कामकाज बाधित हो सकता है क्योंकि इन सेवाओं से जुड़े कामगारों के एक धड़े ने 11 मजदूर संघों द्वारा आहुत इस हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की है.
कई ऑटोरिक्शा और टैक्सी संघों ने हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया है जिससे नियमित यात्रा करने वाले, विशेषकर स्कूली बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोगों को असुविधा हो रही है.
आजादपुर थोक बाजार के बड़े मजदूर संघों ने भी हड़ताल में शामिल होने की बात कही है जिससे राजधानी में फलों और सब्जियों की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है.
दस मांगों को लेकर बुधवार सुबह से शुरू हुई दो दिनों की आम हड़ताल से पहले मंगलवार को दिल्ली में बड़े मजदूर संघों ने अलग-अलग बैठकें कीं.
सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि बैठकें मूल रूप से हड़ताल से पहले की ‘स्थिति का जायजा लेने’ के लिए आयोजित की गयीं.
उन्होंने कहा कि सरकार को मांगों को पूरा करने के लिए काफी समय दिया गया लेकिन वह श्रमिक वर्ग को प्रभावित कर रही समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रही.
विभिन्न ट्रेड यूनियनों की ओर से बुधवार से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी बंद के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है.
सड़कों पर टैक्सी व ऑटो नहीं चल रहे हैं, जिसके कारण मेट्रो रेल में अपेक्षाकृत अधिक भीड़ देखी गई है.
राष्ट्रवादी जनता तिपहिया चालक महासंघ के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा, 'हम बुधवार और गुरुवार को हड़ताल पर रहेंगे, क्योंकि हम अपने प्रति सरकार के उदासीन रवैये से परेशान हैं.'
शर्मा ने कहा कि सीएनजी की कीमत बढ़ने के बावजूद सरकार ने ऑटो के किराये नहीं बढ़ाए हैं.
इसके अतिरिक्त प्रशासन के अधिकारी हर वक्त चालकों को अनावश्यक परेशान करते हैं.
उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि हड़ताल के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है, लेकिन हम उनसे अपील करते हैं कि हमारी परेशानी को भी समझें.'
सड़कों पर ऑटो और टैक्सी नहीं चलने से मेट्रो रेल और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों में खूब भीड़ देखी जा रही है.
डीटीसी से सम्बंधित सभी मजदूर यूनियन मंगलवार को हड़ताल में शामिल न होने पर राजी हो गए थे.
दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी गई. बंद का असर रेलवे के परिचालन पर भी हुआ. रेलवे स्टेशनों पर लोग घंटों फंसे रहे.
गौरतलब है कि केंद्रीय मजदूर यूनियनों ने सरकार के साथ बातचीत किसी निष्कर्ष पर न पहुंच पाने के बाद दो दिवसीय महाबंद का आह्वान किया है.
बंद के दौरान देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए.
बंद का सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत में ही देखने को मिला.
दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के भी कई इलाकों में हिंसा की कुछ खबरें आई हैं.
बंद के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
सुरक्षा बलों ने बंद के दौरान हुई हिंसा के बाद कमान संभाली.
नोएडा में ऑफिस में भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की.
नोएडा में बंद के दौरान आगजनी देखने को मिला.
मुंबई में कुछ इलाकों में बंद का असर दिखा. हालांकि ओवरऑल मुंबई में स्थिति सामान्य ही है.
मुंबई में बसें भी चल रही हैं और टैक्सी भी.
दिल्ली में बंद का सबसे ज्यादा असर दिखाई दे रहा है.
देश के तमाम शहरों में बंद का व्यापक असर दिखाई दिया.
मुंबई में कुछ इलाकों में बंद का असर दिखा, शिवसेना बंद का समर्थन कर रही है.
हालांकि जम्मू में बंद का व्यापक असर देखने को नहीं मिला है.
अहमदाबाद में भी बंद का व्यापक असर दिखा. परिवहन निगम की 8000 बसें बंद हैं.
पंजाब और हरियाणा के मझोले तथा बड़े उद्योग ने ट्रेड यूनियनों की दो दिन की हड़ताल के दौरान उत्पादन नुकसान की आशंका जताई है. उल्लेखनीय है कि ट्रेड यूनियनों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.