आज सोमवार को पड़ने वाली महाशिवरात्रि के मौके पर देशभर के मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी है.
वाराणसी से लेकर उज्जैन और हरिद्वार तक हर जगह शिवभक्त भक्ति में डूबे हुए हैं. खासकर शिव के 12 ज्योतिर्लिगों में लोगों का हुजूम जमा है.
हर-हर महादेव के नारों से आसमान गूंज रहा है.
जब तपस्विनी बनीं पार्वती, तब तप से डोल उठी धरती और पर्वतपुत्री की भक्ति देखकर टूट गई भोले की विरक्ति.
बनने चले उमा के पति तीनों लोक बने बाराती वो रात कहलाई महाशिवरात्रि.
शिव-शक्ति के महामिलन का दिन हो और वो भी शिव के प्रिय दिन सोमवार को, तो इससे ज्यादा और खास क्या होगा.
लेकिन आज की महाशिवरात्रि इससे भी ज्यादा खास है. क्योंकि कई शुभ नक्षत्र भी इस महाशिवरात्रि को बेहद खास बना रहे हैं.
आज है शिव का प्रिय नक्षत्र श्रवण. आज है शिव का
प्रिय दिन सोमवार. बुधादित्य योग का मिल गया साथ. महाशिवरात्रि बन गई महाशुभ इस बार. 11 साल बाद बना महाशिवरात्रि पर अनूठा संयोग.
शिवशंकर की आराधना का सबसे पावन पर्व..यानी महाशिवरात्रि. महादेव आज मां पार्वती के साथ मना रहे है अपने महामिलन का महापर्व. जन्म-जन्मांतर के लिए एक दूजे के लिए हो गए शिव शक्ति की इस खुशी का जश्न शिवभक्त भी जमकर मना रहे हैं.
खासकर इस बार की महाशिवरात्रि शिवभक्तों के लिए बेहद खास है. 11 साल, जी हां पूरे 11 साल बाद महादेव की आराधना के दिन आई है शिवरात्रि.
आज शिव के सबसे प्रिय वार यानी सोमवार को है महाशिवरात्रि. सोने पर सुहागा कर दिया है श्रवण नक्षत्र ने. ऊपर से आज बने बुधादित्य योग की वजह से महाशिवरात्रि में समाई हैं चमत्कारी शिव की असीमित शक्तियां.
कहते हैं कि इस शुभ योगों वाली महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोले बाबा की आराधना की जाए, तो मां पार्वती और भोले त्रिपुरारी दिल खोलकर कर कामना पूरी करते हैं. तो महाशिवरात्रि पर आज पूरे मन से करिए शिवशक्ति की आराधना...और पूरी कीजिए अपनी हर कामना.
देश भर में पूरी श्रद्धा और आस्था से मन रहा है महाशिवरात्री, मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सोमवार को शिवरात्रि पड़ने के संयोग से बढ़ा धार्मिक महत्व.