बॉलीवुड में इन दिनों दुर्लभ बीमारियों पर कई फिल्में बन रही है. ऐसी फिल्में करना कलाकारों के लिए भी एक चुनौती है. अब तक ऐसी ही बीमारियों पर कई फिल्में बन चुकी हैं और दर्शकों ने ऐसी फिल्मों को पसंद भी किया है.
फिल्म 'मार्गरीटा विद ए स्ट्रा' में कल्कि केकलिन ने मुख्य किरदार निभाया है. इसमें वह सेलिब्रल पैल्सी से ग्रस्त हैं. फिल्म का निर्देशन शोनाली बोस ने किया है.
फिल्म 'पा' में अमिताभ बच्चन ने 13 साल के बच्चे का किरदार निभाया था, जो कि प्रोजेरिया का मरीज था. यह फिल्म प्रोजेरिया के मरीज सैम्पसन गॉर्डन बर्न्स पर बनी थी.
फिल्म 'गुजारिश' रितिक रोशन ने क्वैड्रिप्लेजिक मरीज का किरदार निभाया था, जो गर्दन के निचले हिस्से से पैरालाइज्ड था. संजय लीला भंसाली की इस फिल्म ने इच्छा मृत्यु पर विवाद शुरू कर दिया था.
फिल्म 'माई नेम इज खान' में शाहरुख खान ने एस्पर्जर सिंड्रोम के मरीज का किरदार निभाया था.
फिल्म 'फिर मिलेंगे' में सलमान खान और शिल्पा शेट्टी ने एड्स के मरीज का किरदार निभाया था.
फिल्म 'गजिनी' में आमिर खान ने एन्टेरोगेट एम्नेसिया (शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस) के मरीज का किरदार निभाया था. 'गजिनी' हॉलीवुड की फिल्म 'मेमेन्टो' और तमिल ब्लॉकबस्टर 'एअार मुरुगादौस' से प्रेरित थी.
राजेश खन्ना की फिल्म 'सफर' और 'आनंद' इंटस्टाइनल कैंसर और ब्लड कैंसर पर आधारित थी.
अनुराग बासु की फिल्म 'बर्फी' में प्रियंका चोपड़ा ने ऑटिस्टिक लड़की का किरदार निभाया था. ऑटिज्म बीमारी 1000 में से 1-2 को ही होता है. वहीं, फिल्म में रणबीर कपूर ने गूंगे और बहरे लड़के का किरदार निभाया था.
फिल्म 'ब्लैक' में अमिताभ बच्चन ने एल्जाइमर के मरीज का किरदार निभाया था.
आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीं पर' में डिस्लेक्सिया रोग के बारे में दिखाया गया था. इस फिल्म को साल 2008 में फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला था.