केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को दुष्कर्म रोधी विधेयक पर अपनी सहमति जता दी है.
मंत्रिमंडल ने विधेयक में 'यौन प्रताड़ना' शब्द की जगह 'बलात्कार' के इस्तेमाल तथा सहमति से शारीरिक संबंध की उम्र सीमा 18 से घटाकर 16 वर्ष करने पर अपनी सहमति दे दी.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई.
इससे पहले, मंगलवार को मंत्रिमंडल की ही एक बैठक में आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक पर सहमति न बन पाने के कारण निर्णय को टाल दिया गया था.
इस मुद्दे पर मतभेदों को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा गठित मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) ने लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए बुधवार को बैठक की.
विधेयक में 'यौन प्रताड़ना' शब्द की जगह 'बलात्कार' के इस्तेमाल तथा सहमति से शारीरिक संबंध की उम्र सीमा 18 से घटाकर 16 वर्ष करने पर अपनी सहमति दे दी.
सरकार इस विधेयक को संसद के बजट सत्र की पहली छमाही में पारित करने की इच्छुक है.
अब सरकार को यह तय करना है कि इस विधेयक को सीधे सदन में पेश कर दिया जाए या इससे पहले विचार-विमर्श के लिए 18 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए.
इस कानून के मुताबिक ताक झांक करना गैर जमानती होगा.
पीछा करना गैर जमानती अपराध की श्रेणी में होगा.
मतलब कोई पुरुष ट्रैफिक जाम में फंस गया हो और इत्तेफाक से उसकी कार किसी महिला की कार के पीछे हो तो महिला उसपर पीछा करने का आरोप लगा सकती है और उसकी जमानत नहीं होगी.
किसी महिला को घूरकर देखना भी गैरजमानती.
इसी तरह आप किसी महिला को पहचानने की कोशिश कर रहे हों और महिला को ये पसंद न आए तो वो उसे 100 नंबर डायल करके अंदर करा सकती है.
अगर कोई पुरुष काम करते हुए किसी महिला की तरफ बीच-बीच में देख लेता है तो वो गैर जमानती अपराध का भागीदार है. और पुलिस के लिए महिला का बयान आखिरी होगा.
इस कानून के मुताबिक नाबालिग से दुष्कर्म पर उम्र कैद.
अगर बार-बार छींटाकशी की तो वो भी गैरज़मानती.
पीछा करना गैर जमानती अपराध की श्रेणी में होगा.
कैबिनेट से पास होने के बाद एंटी रेप कानून सर्वदलीय बैठक में रखा जाएगा और वहां से सहमति असहमति के बाद संसद में लेकिन सवाल है कि इस कानून में बचाव की नीयत ज्यादा है या भय की भूमिका.