दिल्ली की AAP सरकार का पहला 'जनता दरबार' शुक्रवार को बदइंतजामी के चलते फ्लॉप हो गया.
दिल्ली की जनता अपनी तमाम शिकायतों के साथ वहां पहुंच गए और सही इंतजाम न होने से भीड़ बेकाबू हो गई.
पुलिस को बेकाबू भीड़ को संभालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.
आखिर में केजरीवाल अपनी टीम के साथ सचिवालय की छत पर गए और वहां से लोगों को संबोधित किया.
दिल्ली सचिवालय के सामने जमा हुई हजारों की भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए जिसके बाद भारी अफरातफरी मच गई.
हजारों लोग बैरीकेड तोड़कर केजरीवाल के पास आ गए. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आनन-फानन में वहां से निकलना पड़ा.
AAP सरकार के पहले जनता दरबार में हजारों लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे.
सचिवालय के सामने जमा हुई हजारों की भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए जिसके बाद
भारी अफरातफरी मच गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आनन-फानन में वहां से
निकलना पड़ा.
अरविंद ने माना कि उनके इंतजाम पुख्ता नहीं थे और अगली बार इस गलती को सुधारना होगा. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग उन्हें बधाई देने और हाथ मिलाने के इच्छुक थे.
आज सुबह साढ़े 9 बजे शुरू हुए इस जनता दरबार में भारी संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे. लोगों सुरक्षा घेरा तोड़ दिया जिसके बाद माहौल पूरी तरह से बिगड़ गया.
माहौल बिगड़ता देख किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल को सुरक्षा अधिकारी वहां से ले गए, हालांकि उनके मंत्री काफी देर तक वहां डटे रहे.
केजरीवाल ने कहा कि जनता दरबार के इंतजामों पर वह अधिकारियों से विस्तृत चर्चा करेंगे और जरूरत पड़ी तो जगह भी बदली जाएगी.
भीड़ इतनी ज्यादा हो गई थी की लोगों को संभालना मुश्किल हो गया था.
जनता दरबार में आने वालों में सबसे ज्यादा ठेके पर काम कर रहे कर्मचारी थे.
केजरीवाल ने ये ऐलान किया कि वह सभी विभागों को चिट्ठी लिखकर पूछेंगे कि उनके यहां ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को परमानेंट करने में क्या समस्या है.
लेकिन हालात कुछ ठीक होने के बाद केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ दोबारा लोगों को संबोधित करने पहुंच गए. उन्होंने कहा कि फिलहाल सुरक्षा के इंतजाम ऐसे नहीं हैं कि जनसुनवाई जारी रखी जा सके. अगली बार बेहतर इंतजाम करेंगे.