इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (आईआईटीएफ-2012) दो सप्ताह के लिए दिल्ली के प्रगति मैदान में लगा था. यह 14 नवंबर को शुरू हुआ था और 27 को इसका समापन हुआ.
प्रगति मैदान में 14 नवम्बर से शुरू हुए 32वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया. उद्घाटन समारोह में कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने की.
समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर बेलारूस के प्रधानमंत्री मिखाइल बीम्यांसकोविच और दक्षिण अफ्रीका के उप-व्यापार एवं उद्योग मंत्री एलिजावेथ थावेथ मौजूद थे.
इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का यह 32वां संस्करण था. दुनिया के सबसे बड़े मेलों में इसका नाम शुमार है. आईआईटीएफ ने इस बार मेले की थीम 'स्किलिंग इंडिया' रखी गई.
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 21 देशों से तकरीबन 250 विदेशी कम्पनियों ने प्रदर्शनी लगाई.
32वें सलाना भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ-2012) में देश-दुनिया के लगभग 6 हजार प्रदर्शकों ने भाग लिया.
इस ट्रेड फेयर में पार्टनर देश के तौर पर रिपब्लिक ऑफ बेलारूस था. आईआईटीएफ-2012 में पार्टनर राज्य उत्तराखंड रहा.
इस व्यापार मेले के 9 प्रवेश द्वारों पर 35 बारकोडिंग मशीनें
लगाई गई थीं. इन पर लगभग 14 करोड़ रुपए खर्च किए गए.
फोकस कंट्री के लिहाज से साउथ अफ्रीका को वरीयता दी गई. इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 2012 में फोकस स्टेट अंडमान एंड निकोबार द्वीप को रखा गया था.
आम लोगों के लिए खुलने के लिए ट्रेड फेयर में पहले ही दिन 55 हजार लोग पहुंचे. यह आंकड़ा हर दिन के साथ बढ़ता गया.
25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला देखने के लिए एक लाख 30 हजार लोग पहुंचे. यह अपने-आप में एक रिकॉर्ड था.
ट्रेड फेयर के लिए टिकटों की बिक्री मेट्रो स्टेशनों पर की गई, ताकि लोगों को ज्यादा परेशानी न हो.
लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही आयोजकों की ओर से ब्लैकबेरी और एंड्रॉयड एप्लीकेशन भी जारी किए थे.
14 नवंबर से शुरू हुए इस मेले को आम लोगों के लिए 19 नवंबर से खोला गया. पहले पांच दिन बिजनेस विजटर्स के लिए थे.
17 नवंबर को ट्रेड फेयर में हरियाणा व आंध्र प्रदेश दिवस धूमधाम से मनाया गया. कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए. हरियाणा की पवेलियन पर एक रोबोट खास चर्चा का विषय बना रहा. यह रोबोट फुटबॉल खेलने में दक्ष था.
तुर्की लगातार 12 सालों से स्टॉल लगा रहा है. यहां क्रिस्टल शोपिस, सिरामिक प्लेट्स, एविल आय और लैम्प्स खास रहे. थाइलैंड पवेलियन के रूम फ्रेशनर्स बहुत लोकप्रिय रहे.
भारत के विभिन्न राज्यों के पवेलियन यहां थे, जो दूसरे राज्यों के लोगों को आकर्षित कर रहे थे.
राजस्थान के पवेलियन में लकड़ी पर मेटल की कारीगरी और पत्थरों पर कलाकारी को लोगों ने लुभाया.
बिहार पवेलियन में मधुबनी पेंटिंग्स और रेशम के कपड़ों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा.
सरकारी उपक्रम झारक्राफ्ट के स्टॉल में सूती और रेशमी कपड़ों के साथ-साथ डोकरा शैली की मूर्तियां थीं. प्रगति मैदान के हॉल नंबर 8 को इस बार नए प्रोडक्ट्स लॉन्चिंग के लिए रखा गया था.
विदेशी पवेलियन भी खासी चर्चा में रहे. चीन की पवेलियन में तो बेचने के लिए सामान भी खत्म हो गया था.
इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के दौरान प्रगति मैदान पूरी तरह नो-स्मोकिंग एरिया था. प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल भी नहीं किया गया.
ट्रेड फेयर में पहली बार प्रदर्शन कर रहे बैम्बू बैंड ने लोगों की भीड़ को अपनी तरफ खींचा. बैम्बू बैंड ने बांस से बने सात वाद्य यंत्रों से अलग-अलग धुनें निकालीं, जो खास थीं.
इस बार लिट्टी चोखा खाने वालों की भी काफी भीड़ रही. पिछली बार लिट्टी चोखा की एक प्लेट 20 रुपए की थी तो इस बार इसकी कीमत 50 रुपए रखी गई थी.
प्रगति मैदान में लगे 32वें अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड फेयर में 23 नवंबर को बिहार दिवस मनाया गया. अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड फेयर में 23 नवंबर को मनाए गए बिहार दिवस पर बिहार की उद्योग मंत्री रेणू देवी कुशवाहा ने शिरकत की.
साउथ अफ्रीका के पवेलियन में बीडस से बने ईयर-रिंग्स, नेकलेस, चूडि़यां व क्लासिकल आइटम्स शोपीस में सजी नजर आईं. साउथ अफ्रीका की तरफ से पहली बार इस मेले में स्टॉल लगाई.
बिहार पवेलियन में चाणक्य से लेकर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय तक की झलक देखने को मिली. बिहार की पवेलियन में राज्य की प्रसिद्ध मानी जाने वाली चीजें जैसे सिल्क के कपडे, चूड़ी, लहठी और सत्तू ने मन मोहा.
पश्चिम बंगाल पैविलियन में कलाकारों ने धान से बने गहने पेश किए. ये वाकई मनमोहक थे.
हॉल नंबर 11 में महिलाओं की बहुत भीड़ रही. कारण था वहां कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की बिक्री होना. हॉल नंबर 11 में न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पुरुषों के लिए भी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की बड़ी रेंज थी.
उत्तराखंड मंडप (पवेलियन) काफी मशहूर रहा. यहां स्वास्थ्य वर्धक जूस पर लोग उमड़ रहे थे. उत्तराखंड पवेलियन में माल्टा, लीची, आंवला, अदरक, नींबू, पुदीना, ब्राम्ही, बुरांस, और एलोवेरा का जूस उपलब्ध था, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायी है.
उत्तराखंड पवेलियन में आम, आंवला, हरीमिर्च, कटहल और लिंगडा का अचार, मुरब्बा और सॉस भी उपलब्ध कराया गया.
मेले के दौरान कई देशों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे.
दूसरे देशों के सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के लिए भी भारी संख्या में लोग उमड़ रहे थे.
हर तरह के खाद्य उत्पाद बेचने वालों के लिए इस बार दिल्ली एमसीडी से ट्रेड लाइसेंस लेना जरूरी किया गया था.
इस मेले में बंपर बिजनेस होने की बात कही जा रही है. कहा गया है कि बिजनेस हजार करोड़ के आंकड़े को छू गया है.
ट्रेड फेयर के लिए टिकटों की बिक्री मेट्रो के 137 स्टेशनों पर की गई, ताकि लोगों को ज्यादा परेशानी न हो.
इस मेले में बंपर बिजनेस होने की बात कही जा रही है. कहा गया है कि बिजनेस हजार करोड़ के आंकड़े को छू गया है.