भारत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रविवार को पूरी दुनिया के सामने एक कीर्तिमान कायम किया. राजपथ सुबह सवेरे योग के रंग में रंगा दिखा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 35 हजार लोगों ने योगाभ्यास किया.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने योग दिवस का उद्घाटन किया. राजपथ पर 35 मिनट तक 35 हजार लोगों ने 21 जून को 21 आसन किए.
राजपथ पर सभी उम्र के लोगों योगाभ्यास में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने कहा कि योग अंग मर्दन का साधन है और यह तो महज शुरुआत है, अंतिम लक्ष्य तो मोक्ष है.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं यूएन समेत 193 देशों का शुक्रगुजार हूं. योग तनावमुक्त होकर शांति के लिए है. योग का अर्थ सिर्फ शरीर को लचीला बनाना नहीं है.
योग दिवस पर लेकर पहले से कई विवाद चल रहे थे. इनमें कुछ समुदाय ने योग में सूर्य नमस्कार का विरोध किया था. रविवार को राजपथ पर समुदाय और विवादों की ये डोर भी टूट गई.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 जून को शांति, सद्भावना से नए युग का आरंभ हो रहा है.
पीएम मोदी ने अपने भाषण के शुरुआत में ही कहा कि राजपथ भी योगपथ बन सकता है, किसी ने सोचा नहीं था.
इस मौके पर योग गुरु रामदेव भी राजपथ पर दिखे.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी 35 मिनट तक सभी 21 आसनों का अभ्यास किया.
इससे पहले 29 हजार 973 लोगों ने ग्वालियर के विवेकानंद केंद्र पर योगाभ्यास किया था, जो एक रिकॉर्ड था. तब 19 नवंबर 2005 को यह कीर्तिमान बनाया गया था.
योग दिवस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी राजपथ पहुंचे और योगाभ्यास किया. केजरीवाल ने कहा कि योग को राजनीति से दूर रखना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने योग को देश की प्राचीन परंपरा बताते हुए कहा कि इसके आसन से शरीर तनावमुक्त होता है और नई ऊर्जा मिलती है.