'पिलिन' तूफान के कारण समुद्र में कई मीटर ऊंची लहरें उठ रही हैं, जो तटों को भी पार कर रही हैं.
'पिलिन' तूफान के कारण स्थानीय मछुआरों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
समु्द्र तट से टकराती उफनती लहरें.
'पिलिन' तूफान के कारण आंध्र प्रदेश और ओडिशा में तेज हवाएं चल रही हैं.
'पिलिन' तूफान के कारण उठ रही लहरों को देखती दो लड़कियां.
'पिलिन' तूफान के कारण सड़क पर गिरे पेड़ को हटाते लोग.
खतरनाक चक्रवाती तूफानों में से एक 'पिलिन' शनिवार शाम ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट के और नजदीक पहुंच गया, जहां सवा पांच लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
ओडिशा के विभिन्न भागों में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने कई पेड़ उखाड़ दिए, जिससे कम से कम तीन लोगों की मृत्यु हो गई.
चक्रवात के प्रभाव में आने वाले इलाकों में सेना, वायु सेना, नौसेना, सीआरपीएफ और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के जवानों को तैनात किया गया है.
चक्रवात का केन्द्र गोपालपुर के 150 किलोमीटर दक्षिणपूर्व और परादीप के 260 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है.
उपग्रह से प्राप्त चित्रों को देखने से 'पिलिन' के खतरे का अंदाजा होता है.
सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में घूमता हुआ सफेद घेरा ही 'पिलिन' तूफान है.
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली, बांकुरा, बर्दवान और पुरूलिया जिलों में अगले 48 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी.
पश्चिम बंगाल में आपदा प्रबंधन, नागरिक रक्षा और राहत दलों को दीघा, शंकरपुर, कोंताई, मंदरमणि, डायमंड हारबर और सुंदरबन के कुछ इलाकों में भेजा गया है.
उड़ीसा से सटे श्रीकाकुलम जिले में शनिवार सुबह से ही चक्रवात के प्रभाव के कारण भारी बारिश होती रही.
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापतनम जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
राहत शिविरों में लोगों के खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई है.
प्रत्येक चक्रवात शरण शिविर में 1500 लोगों को रखा जा सकता है और शिविर के भूतल का इस्तेमाल पशुओं की पनाहगाह के तौर पर किया जा सकता है.
'पिलिन' तूफान से हुए पैदा हुए खतरे के बाद सरक्षित इलाकों की ओर जाते लोग.
इन दोनों राज्यों से हटाए गए ज्यादातर लोगों को दोनों राज्यों में विशेष रूप से बनाए गए 500 चक्रवात शरण शिविरों में रखा गया है.
'पिलिन' तूफान से हुए पैदा हुए खतरे के बाद सरक्षित इलाकों की ओर जाते लोग.
'पिलिन' के नजदीक आने के कारण ओडिशा के तटीय इलाके में पानी का स्तर बढ़ गया, तटीय क्षेत्र के गजपति, गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर, नयागढ़, कटक, भद्रक और केन्द्रपाड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी वष्रा होने की खबर मिली.
'पिलिन' तूफान के पहुंचने से पहले ही समंदर में उठती ऊंची लहरें.
'पिलिन' तूफान के पहुंचने से पहले ही तटीय इलाकों में भारी बारिश हुई.
थलसेना लोगों की मेडिकल जरूरतें पूरी करने के अलावा राहत सामग्री भी मुहैया कराएगी. वह लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने में नागरिक प्रशासन की मदद भी करेगी.
लेफ्टिनेंट जनरल राणा ने कहा कि थलसेना एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, थलसेना की कोशिशों को समन्वित रूप देगी और उनके साथ मिल कर काम भी करेगी.
सिग्नल और मेडिकल टीमों से लैस थलसेना की एक इंजीनियरिंग टुकड़ी गोपालपुर में तैनात है.
राहत और बचाव अभियानों के समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे जनरल ऑफिसर कमांडिंग (मध्य भारत) लेफ्टिनेंट जनरल रमेश राणा ने कहा, ‘कुछ टुकड़ियां पहले ही रवाना कर दी गयी हैं जबकि पूर्वी एवं मध्य कमान की अन्य टुकड़ियां कभी भी जाने के लिए तैयार हैं.’
ओडिशा के गोपालपुर में चक्रवाती तूफान ‘पिलिन’ की दस्तक के मद्देनजर थलसेना, वायुसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान राज्य के प्रभावित इलाकों के लिए रवाना होने को कमर कस चुके हैं.
इसके असर से उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के समंदर में 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक साइक्लोन 'पिलिन' की जबरदस्त ताकत के चलते समंदर में बहुत ऊंची लहरें उठने की आशंका है.
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, कृष्णा, प्रकाशम और नेल्लोर में भी अलर्ट है.
मौसम विभाग के मुताबिक 'पिलिन' तूफान का सबसे ज्यादा खतरा ओडिशा के गंजाम, खुरदा, पुरी, जगतसिंहपुर और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले पर है.
केन्द्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया, ‘हमारा पूरा ध्यान इस बात पर है कि किसी की जान न जाने पाए. इसलिए हमने ओडिशा से सवा चार लाख और आंध्र प्रदेश से एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
मौसम विभाग की मानें, तो 'पिलिन' कोई मामूली तूफान नहीं है. इसे महातूफान का नाम दिया जा रहा है.
प्रशासन ने भी इस तूफान से पैदा हुए हालात से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है.
'पिलिन' तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से पलायन करते लोग.
'पिलिन' तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
मौसम विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, ‘ओडिशा के तटीय जिलों में चक्रवात के प्रभाव से हवा की रफ्तार 210-220 के बीच और कहीं कहीं 240 किलोमीटर तक जा सकती है.’
'पिलिन' के नजदीक आने के कारण ओडिशा के तटीय इलाके में पानी का स्तर बढ़ गया, तटीय क्षेत्र के गजपति, गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर, नयागढ़, कटक, भद्रक और केन्द्रपाड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी वष्रा होने की खबर मिली.