उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में गुरुवार को दून एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से हुए हादसे में 7 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 12 घायल हो गए. रेलगाड़ी हावड़ा से देहरादून जा रही थी.
लखनऊ और वाराणसी से मौके पर पहुंचे रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी घटना की जांच में जुटे हुए हैं.
रेलवे बोर्ड के सदस्य ए.पी. मिश्रा ने कहा कि क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाकर रेलमार्ग को फिर से बहाल करने में 10 से ज्यादा घंटे लगेंगे.
अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार सुबह से रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू हो सकेगा. तब तक रेलगाड़ियों को दूसरे मार्ग से रवाना किया जाएगा.
रेलमंत्री मुकुल रॉय ने भी घटना स्थल का दौरा किया. घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है.
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक बड़ा रेल हादसा हुआ है.
लवे बोर्ड के सदस्य ए.पी. मिश्रा के मुताबिक रेलगाड़ी के चालक ने बताया कि उसे रेलमार्ग पर कुछ गड़बड़ी नजर आई जिसके बाद उसने ब्रेक लगाई. 10 डिब्बे तो सुरक्षित निकल गए लेकिन पीछे के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए.
हावड़ा से देहरादून जा रही दून एक्सप्रेस के 7 डिब्बे पटरी से उतर गए.
इनमें से तीन डिब्बे पटरी से उतरकर पलट भी गए.
इस घटना में जहां 7 लोगों की मौत हो गई, वहीं कम से कम 50 लोग घायल हैं.
दून एक्सप्रेस का नंबर 3009 है और इसकी S -4, 5, 6, 7, 8, 9 बोगी पटरी से पलटी हैं.
इसके अलावा पीछे का एसएलआर भी पटल गया है.
ये घटना दोपहर सवा एक बजे हुई.
इंजन और उसके पीछे के दस कोच सुरक्षित हैं लेकिन उसके पीछे के सात डिब्बे पटरी से उतर गए.
अभी भी ट्रेन के नीचे कुछ लोगों के फंसे होने की खबर है.
जौनपुर से 35 किलोमीटर दूर मेहराबां स्टेशन के पास ये ट्रेन हादसा हुआ.
लखनऊ से मेडिकल की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है.
जौनपुर जिले की लखनऊ से दूरी लगभग 260 किलोमीटर की है और यह वाराणसी से 70 किलोमीटर दूर है.
इसके अलावा वाराणसी से एक राहत ट्रेन दुर्घटना स्थल पर रवाना हो गई है.
रेल मंत्री मुकुल रॉय अभी कोलकाता में हैं और रात तक घटनास्थल पर पहुंचेंगे.
राहत सामग्री के साथ रेलवे के डॉक्टर रवाना हुए हैं.
ट्रैक पर गिरी बोगियों को हटाने के लिए वाराणसी और लखनऊ से क्रेन मंगाई जा रही हैं.
इस घटना में जहां 7 लोगों की मौत हो गई, वहीं कम से कम 50 लोग घायल हैं.
ये घटना दोपहर सवा एक बजे हुई.
अभी भी ट्रेन के नीचे कुछ लोगों के फंसे होने की खबर है.