बोधगया भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक है. देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग महाबोधि मंदिर के दर्शन करने आते हैं. इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.
गौतम बुद्ध को जिस पीपल के वृक्ष के नीच तपस्या करते हुए ज्ञान मिला था, उस पीपल का वंश-वृक्ष आज भी उसी जगह पर मौजूद है. श्रद्धालु इस पवित्र पेड़ के दर्शन करके शांति का अनुभव करते हैं.
विशाल महाबोधि मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है. केवल बौद्ध ही नहीं, बल्कि हिंदू धर्म को मानने वाले भी यहां बड़ी श्रद्धा के साथ सिर नवाते हैं.
बोधगया में सोने के इस्तेमाल से बनी महात्मा बुद्ध की भव्य मूर्ति.
बोधगया में स्थित महात्मा बुद्ध की यह भव्य प्रतिमा करीब 80 फुट ऊंची है. बोधगया आने वाले दूसरे देशों के पर्यटकों में नेपाल, श्रीलंका, जापान, म्यांमार, चीन आदि के नागरिकों की तादाद ज्यादा होती है.
बोधगया का थाई मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है.
बोधगया में मंदिरों और मठों की भरमार है. यहां कई संस्कृतियों का संगम दिखाई पड़ता है. देश-विदेश के श्रद्धालु आध्यात्मिक रूप से तृप्त होने के लिए बोधगया के मंदिरों के दर्शन करने आते हैं.