समलैंगिकता अपराध है या नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के सेक्शन 377 a को लीगल करने के बाद पहली बार दिल्ली के जंतर-मंतर पर LGBT कम्युनिटी के समान सेक्स रूझान वाले लड़के, लड़कियों, औरतों और मर्दों ने इकट्ठा होकर आज़ादी के नारे लगाए.
रूद्राक्ष की माला, जिस्म पर भगवा कपड़ा लिपेटकर और तिलक लगाए इंदौर से आए गे बाबा दीपांशगोस्वामी पेशे से आईटी प्रोफेशनल हैं. उन्होंने ऋग्वेद का हवाला देते हुए दावा किया कि विकृति एवं प्रकृति ( what seems un natural is infact natural). वह 9 बार क्वीयर प्राइड परेड 9 क्वीयर प्राइड में हिस्सा ले चुके हैं, लेकिन इस बार की प्राइड में समलैंगिक लोगों के साथ उनका परिवार भी शामिल हुआ.
हर साल नवंबर में आयोजित होने वाले इस आयोजन में शामिल क्वीयर अमन ने कहा कि ये बड़ा मौका है, लेकिन अब हमें नॉर्मल लोगों की तरह से शादी की समानता का अधिकार चाहिए और आगे अब यही लड़ाई लड़नी है.
जंतर-मंतर के टॉलस्टाय मार्ग को चारों तरफ से यातायात के लिए बंद कर दिया गया था. पहली बार इस प्राइड में पुलिस ने किसी को जेल में नहीं डाला. आपको बता दें कि एशिया में भारत ऐसा पहला देश है जहां सेक्शन 377 को खत्म करके समलैंगिकता को लीगल कर दिया गया है.
क्वीयर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन पर बड़ा एहसान किया है, वो अजूबा और फोबिया नहीं है. सब नैचुरल है और मेंटली डिस्टर्ब नहीं हैं.