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भारत

जान देकर चुकानी पड़ी ईमानदारी की कीमत

जान देकर चुकानी पड़ी ईमानदारी की कीमत
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मध्‍य प्रदेश के मुरैना में आईपीएस अधिकारी नरेन्‍द्र कुमार को दिन दहाड़े ट्रैक्‍टर से कुचल कर मार दिया गया. इस हत्‍या के लिए खनन माफिया पर आरोप लग रहा है.
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चंबल रेंज के पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) डी.पी.गुप्ता ने बताया कि साल 2009 बैच के आईपीएस नरेन्‍द्र कुमार मुरैना जिले के बामौर में प्रशिक्षु पुलिस अनुमंडल अधिकारी (एसडीपीओ) के तौर पर तैनात थे.
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आईआईएम-लखनऊ के ग्रेजुएट और इंडियन ऑयल के सेल्स मैनेजर एस. मंजूनाथ की हत्या 19 नवंबर 2005 को हुई थी. मंजूनाथ मिलावटी पेट्रोल बेचने वाले इस पेट्रोल पंप के मालिक मित्तल को कई बार चेतावनी दे चुके थे. हत्या के दिन वह सैंपल लेने गए थे. वह सैंपल ले पाते, इससे पहले ही उन्हें गोली मार दी गई. उनका शव कुछ दिन बाद पड़ोसी सीतापुर जिले से बरामद किया गया.
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25 जनवरी 2011 को नासिक जिले के मनमाड के पास एडीएम यशवंत सोनावाणे को तेल में मिलावट की जांच पड़ताल के दौरान कुछ लोगों ने जला दिया था. उनकी मौके पर ही मौत हो गयी और इस दौरान आग का शिकार हुए प्रमुख आरोपी पोपट शिंदे की भी बाद में मौत हो गयी.
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तीन हजार करोड़ का यूपी का एनआरएचएम घोटाला किसी फिल्मी कहानी की तरह एक के बाद एक जान लेता रहा है. 23 जनवरी 2012 को एनआरएचएम घोटाले में चौथी मौत हुई. इस बार प्रोजेक्ट मैनेजर सुनील वर्मा ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली.
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एनआरएचएम घोटाला उस समय सुर्खियों में आ गया जब 27 अक्टूबर 2010 को सीएमओ विनोद आर्या को अज्ञात लोगों ने गोलियों से भून दिया.
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एनआरएचएम घोटाले में एक के बाद एक हत्‍याओं का सिलसिल जारी रहा. 23 जून 2011 को डिप्टी सीएमओ डाक्टर वाईएस सचान की लखनऊ जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
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2 अप्रैल 2011 को डाक्टर बीपी सिंह की हत्या की हत्‍या के बार एनआरएचएम घोटाले में बड़े स्‍तर पर लोगों के मिले होने की बात कही जाने लगी.
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पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के सहयोगी सादिक बाचा ने मार्च 2011 को चेन्‍नई स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्‍महत्‍या कर ली थी. सीबीआई बाचा से 2जी मामले में पूछताछ कर रही थी.
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गाजियाबाद में करोड़ों रुपये के भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले के मुख्य आरोपी आशुतोष अस्थाना की डासना जेल में 17 अक्‍टूबर 2009 को रहस्‍यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी.
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