रंग की गुणवत्ता और उसके औषधीय गुणों को देखकर उनके बनाए रंगों की तेजी से चर्चा होने लगी. अब इन महिलाओं ने करीब 100 किलो से ज्यादा रंग तैयार कर लिया है जिसकी मांग नैनीताल ही नहीं बल्कि हल्द्वानी, दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई समेत कई अन्य महानगरों में हो रही है.