यदि आज चुनाव हो जाएं तो नतीजा क्या होगा? हम इसी सवाल का जवाब लाएं हैं. इंडिया टुडे-सी वोटर ओपिनियन पोल के नतीजे आ चुके हैं. हम आपको विस्तार से बताएंगे कि विधानसभा के पांच राज्यों और लोकसभा के चुनावों के क्या नतीजे हो सकते हैं.
पहले बात करते हैं लोकसभा चुनाव की. माना जा रहा है कि 2014 में अपने समय पर ही आम चुनाव होंगे. लेकिन यदि आज (अगस्त 2013) में चुनाव हो जाते हैं तो संसद की सीटों पर कैसा रंग होगा, यह हम आज आपको बता रहे हैं.
सबसे पहली बात यह सामने आ रही है कि यूपीए को भारी नुकसान होने का अनुमान है. दूसरी बात यह कि, नरेंद्र मोदी के होते हुए भी एनडीए को ज्यादा लाभ नहीं दिख रहा.
इंडिया टुडे-सी वोटर के ओपिनियन पोल में तीसरी सबसे अहम बात यह उभरकर आई है कि लोकसभा में अन्य पार्टियां 251 सीटें हासिल कर सकती हैं.
आंकड़े कहते हैं कि यूपीए को 137 सीटें मिलेंगी, जबकि 2009 में यूपीए को बड़ा जनमत मिला था और 259 सीटें मिली थीं. अब यूपीए को 122 सीटों का भारी भरकम नुकसान हो रहा है. एनडीए को अब 155 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि 2009 में उन्हें 159 सीटें मिली थीं.
यहां यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी है कि अब एनडीए के साथ उसकी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी जनता दल (यू) अब उनके साथ नहीं है.
जब लोगों से पूछा गया कि बेहतर नेता कौन हो सकता है, तो नरेंद्र मोदी के पक्ष में 45 प्रतिशत लोग थे तो 32 प्रतिशत लोग राहुल गांधी को बेहतर नेता मानते हैं.
इसी बीच गुरुवार को ही मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर दोहराया कि देश में न तो बीजेपी सरकार बनाएगी और न ही कांग्रेस. उन्होंने पूर्ण विश्वास के साथ कहा कि तीसरा मोर्चा ही सरकार बनाएगा.
यह तस्वीर लोकसभा चुनावों के बाद बिहार की स्थिति को दर्शा रही है. साफ है नीतीश कुमार को बीजेपी से अलग होने का नुकसान दिख रहा है, लेकिन इसका फायदा बीजेपी को नहीं हो रहा. फायदा लालू प्रसाद यादव को होगा.
यह सर्वे इंडिया टुडे ग्रुप और सी-वोटर की ओर से किया गया था. यह देश के सभी 28 राज्यों में किया गया. 2 अगस्त 2013 से लेकर 10 अगस्त 2013 तक 15 हजार 815 सैंपल लिए गए. इनके आधार पर पूरे आंकड़े तैयार किया गए. इसमें गलती की संभावना 3 प्रतिशत (कम या ज्यादा) हो सकती है.
पोल के अनुसार, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान हैट-ट्रिक लगाते नजर आ रहे हैं. हालांकि उन्हें 21 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है और वह 21 सीटें कांग्रेस के पाले में जा रही हैं. फिर भी बीजेपी को 122 सीटें मिलने की संभावना है. कुल सीटें 230 हैं. मतलब शिवराज सिंह फिर से पूर्ण बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 2008 में 71 सीटों पर जीत मिली थी तो इस पोल में 92 सीटें मिल रही हैं. बीजेपी को 2008 में 143 की बजाय अब 122 सीटें मिल रही हैं
यह पोल कहता है कि वसुंधरा राजे राजस्थान में वापस आ रही हैं. यहां कांग्रेस 17 सीटों के नुकसान के साथ 79 पर सिमट सकती है.
राजस्थान में बीजेपी 19 सीटों का फायदा लेकर 97 पर पहुंच रही है. यहां कुल सीटें 200 हैं.
राजस्थान में बीएसपी को इस बार 5 और अन्य को 19 सीटें मिल रही हैं.
बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि यदि राज्यों के हिसाब से आंकड़ों पर विश्वास किया जाए तो यहां तकरीबन 100 लोकसभा सीटें हैं. ऐसे में बीजेपी को लोकसभा में भी काफी फायदा होगा.
यह तस्वीर मध्य प्रदेश की है, जहां इसी साल दिसंबर में चुनाव होने हैं.
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव यदि अभी हो जाएं तो स्थिति क्या होगी, इस ग्राफ में साफ है. यहां कुल 48 सीटों में से 27 सीटें बीजेपी के खाते में दिख रही हैं.
यह तस्वीर उत्तर प्रदेश की है. यहां लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को पिछली बार की बजाय 11 सीटें ज्यादा मिल रही हैं. बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी का जादू चलता नजर नहीं आ रहा.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बाद स्थिति कुछ ऐसी होगी.
दिल्ली विधानसभा चुनावों की बात करें. इस पोल के मुताबिक, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस-बीजेपी का गेम बिगाड दिया है.
70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में शीला दीक्षित चौथी बार सत्ता में आने के दावे कर रही हैं. हालांकि यह पोल कहता है कि कांग्रेस के पलड़े में 28 सीटें आएंगी, जबकि 2008 में 43 सीटें मिली थीं. मतलब 15 सीटों का नुकसान हो रहा है.
बीजेपी को दिल्ली में 28 सीटें मिलेंगी जबकि 2008 में 23 सीटें मिली थीं. मतलब 5 सीटों का लाभ. यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों की सीटें बराबर आ रही हैं. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के पाले में 9 सीटें जा रही हैं तो अन्य 5 सीटें ले जा सकती है.
दिल्ली विधानसभा चुनावों में 2008 में यह स्थिति थी. अगस्त 2013 में कांग्रेस को काफी नुकसान हो रहा है.
कांटे की टक्कर कही जा सकती है लेकिन कांग्रेस को भारी नुकसान हो रहा है और बीजेपी को बहुत फायदा नहीं हो रहा. इसका मुख्य कारण अरविंद केजरीवाल को माना जा सकता है. हालांकि लोग मानते हैं कि शीला दीक्षित बेहतर मुख्यमंत्री साबित होंगीं.
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार फिर से बनती दिख रही है. मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पसंद डॉ. रमन सिंह हैं.
बीजेपी को हालांकि यहां 2008 के मुकाबले 5 सीटों का नुकसान हो रहा है. फिर भी वह आगे है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 4 सीटों का लाभ होता दिख रहा है. बीजेपी को 45 सीटें मिल रही हैं तो कांग्रेस को 42. कुल सीटें 90 हैं.