बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया, "हाईकोर्ट में आज जस्टिस मुरलीधर को विदाई दी गई, जिन्हें दिल्ली पुलिस को दंगा अधिनियम पढ़कर सुनाने के दिन रात 11 बजे ट्रांसफर कर दिया था. हाईकोर्ट ने कभी किसी जज की इतनी शान से विदाई नहीं देखी. उन्होंने दिखाया कि शपथ के प्रति ईमानदार एक न्यायाधीश संविधान को बनाए रखने और अधिकारों की रक्षा करने के लिए क्या कर सकता है."