लेखिका कली पुरी की किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' राजधानी दिल्ली में एक भव्य समारोह में लॉन्च कर दी गई. यह किताब खानपान पर नियंत्रण करके बेडौल से सुडौल शरीर पाने के लिए अपनाए गए तौर-तरीकों पर आधारित है.
लेखिका कली पुरी के साथ अभिनेत्री सोनम कपूर.
कली पुरी की किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' को दिल्ली में लॉन्च किए जाने के दौरान कई नामचीन हस्तियां उपस्थित थीं.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' 'खुद करके सीखो' शैली में लिखी गई किताब है, जो बेडौल से सुडौल शरीर पाने की यादों पर आधारित वृतांत है.
वजन गंवाकर जिंदगी हासिल करने की कहानी 'कन्फेशंस...' वजन के साथ हमारे अंतरंग रिश्ते और उसके साथ तालमेल के तरीके का सच्चा ब्योरा है.
अभिनेत्री सोनम कपूर के साथ हल्के-फुल्के लम्हों को महसूस करतीं कली पुरी.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' किताब हार्पर कॉलिन्स ने छापी है.
कली पुरी की किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' को लॉन्च किए जाने के दौरान समारोह में शिरकत करते इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी.
किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' लॉन्च किए जाने के दौरान लेखिका कली पुरी की के साथ सोनम कपूर.
इस मौके पर कई नामचीन हस्तियां उपस्थित थीं.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' को दिल्ली में लॉन्च किए जाने के दौरान आयोजित कार्यक्रम का एक दृश्य.
''उसके लिए, जिसने मुझे सबसे ज्यादा प्यार तब किया, जब मैं खुद से जरा भी प्यार नहीं करती थी.'' वजन घटाने को लेकर कली पुरी की कहानी, 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' के समर्पण पृष्ठ पर लिखी यह बात एक तरह से सब कुछ बयान कर देती है.
यह पुस्तक एक 'सीरियल डायटर' के छटपटाहट भरे तीन दशक और 43 उत्सुकता भरे तरीकों की वजन घटाने की यात्रा है, जो अंत में वजन निर्वाण पर जाकर खत्म होती है-100 किलो से 60 किलो पर.
यह किताब उस देश में एक नई विधा की शुरुआत है, जहां वजन कम करने की सलाह या तो योग गुरुओं के पावन कार्यक्षेत्र से आती है, या ''दुबलेपन के डॉक्टरों और फिट रखने वाले डायटीशियनों'' की दुनिया से.
कली पुरी की किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' को लॉन्च किए जाने के दौरान समारोह में अभिनेत्री सोनम कपूर के साथ इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी.
विशेषज्ञों की लिखी गाइड पुस्तकों में प्यार को कभी भी मोटापे का तोड़ नहीं बताया गया है, लेकिन पुरी की किताब में ऐसा है.
लेखिका कली पुरी लिखती हैं, ''प्यार एक लाजवाब प्रेरणा है.''
इंग्लैंड की कड़ाके की सुबह में सुन्न उंगलियों के बावजूद प्यार ही है जो ऑक्सफोर्ड में पढ़ने वाली एक छात्रा के रूप में उन्हें नौकायन में शामिल करवाता है, उनसे बेहद-पसंदीदा करारे चीज़ क्रैकर्स और चॉकलेट छुड़वा देता है, इडली और भेलपुरी पर गुजारा करवाता है, घरेलू वीडियो पर जेन फोंडा के साथ ताल मिलवाता है और भारत के पहले वेट लॉस सेंटर पर वाइब्रेशन मशीनों के आगे समर्पित करवा देता है.
कली पुरी कहती हैं, ''मैं इस कार्यक्रम पर डटी रही, क्योंकि मेरे सामने एक डेडलाइन थी, एक लवलाइन.'' 18 से 24 साल के सफर में प्यार ने उनका वजन 75 किलो से 58 किलो करवा दिया.
यह किताब खब्ती, लेकिन पक्के इरादों से भरा सफर उस नई खोज को दोहराता है कि वजन जितना शरीर में होता है, उतना ही दिमाग में भी होता है.
कुल मिलाकर किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' अपने उद्देश्य में बेहद सफल कही जा सकती है.
लेखिका कली पुरी लिखती हैं, ''प्यार एक लाजवाब प्रेरणा है.''
वजन गंवाकर जिंदगी हासिल करने की कहानी कन्फेशंस वजन के साथ हमारे अंतरंग रिश्ते और उसके साथ तालमेल के तरीके का सच्चा ब्यौरा है.
कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर किताब हार्पर कॉलिन्स ने छापी है.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' सही मायने में एक बेजोड़ पुस्तक है.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' को नई दिल्ली में भव्य समारोह में लॉन्च किया गया.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' की लॉन्चिंग के मौके पर उपस्थित नामचीन हस्तियां.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' की लॉन्चिंग के मौके पर लेखिका कली पुरी के साथ इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' की सच्ची उपादेयता इसे पढ़ने के बाद ही जाहिर हो सकती है.
एक बार इस किताब को उठाने के बाद इसे पूरा पढ़े बिना शायद ही कोई चैन से रह पाए.
कली पुरी की लेखन शैली अत्यंत रोचक है.
कली पुरी की किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' को लॉन्च किए जाने के दौरान समारोह में शिरकत करते इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी.
कली पुरी की किताब 'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' को दिल्ली में लॉन्च किए जाने के दौरान कई नामचीन हस्तियों उपस्थित थीं.
'कन्फेशंस ऑफ अ सीरियल डायटर' राजधानी दिल्ली में एक भव्य समारोह में लॉन्च कर दी गई.
यह दिलचस्प और प्रेरणादायक किताब, डायट बुक की बजाए एक उपन्यास की तरह है.
'कन्फेशंस...' खुद जमकर अपनी खिल्ली उड़ाने और किताब के पन्नों से बाहर छलांगें लगाते पात्रों की रोचक कहानी है.
गहन अनुभव, खुद के प्रयोगों और गहरी परख से परिपूर्ण, यह किताब उस हर इंसान के लिए है जिसका अपने वजन के साथ कष्टकारी संबंध है, चाहे वह आखिरी दो किलो का मामला हो या भारी-भरकम 100 किलो का.
कली पुरी लिखती हैं, ''वे एक मोटे इंसान का जेहन, मनोदशा और उसकी लाचारगी नहीं समझते.''
वजन कम करने के उपाय बताने वाले गुरुओं और कली पुरी के सफर में बड़ा अंतर यह है कि वे उन रास्तों से गुजर चुकी हैं और सब करके देख चुकी हैं.
गुस्से और घबराहट की नकारात्मक भावनाओं के जवाब में खाने का दुष्चक्र-एक और दुष्चक्र पैदा कर देता हैः अपराधबोध, शर्म, मायूसी और वजन न बढ़ने देने में और ज्यादा परेशानी.
दूसरी ओर इसी सबका सामना 5 फुट 9 इंच के पुरुष को तब करना होता है, जब वह 107 किलो का हो जाता है.
येल यूनिवर्सिटी का ताजा अध्ययन भी बताते हैं कि 5 फुट 5 इंच की महिला जैसे ही 73 किग्रा की होती है, उसे पूर्वाग्रहों और समाज के उलाहनों का सामना करना पड़ता है.
माना जाता है कि वजन महिलाओं को ज्यादा गहरी मार मारता है.
मोटापे से जुड़े मनोवैज्ञानिक पक्षों की उन कारकों के तौर पर रिसर्च की जा रही है, जो लोगों को प्लस साइज के शरीर में धकेल देते हैं, उतना ही, जैसे लाइफस्टाइल की ज्यादतियां.