जंग के दिनों को याद करते हुए दीपचंद कहते हैं हमने कभी किसी चीज़ की मांग नहीं की. उन्होंने कहा, ‘’उस वक्त सिर्फ देश दिख रहा था कि देश को बचाना है. तब कोई सैनिक शिकायत नहीं करता था, जो भी सुविधा मिल जाए, जैसा भी हथियार मिल जाए, जो भी खाने को मिल जाए. हमें पता था कि अगर हमें ये मिल गया तो इसी के साथ आगे बढ़ना है. हमें जितनी सुविधा मिली, हमने उतने में ही दुश्मन को खत्म कर दिया.’’(सभी फोटो नायक दीपचंद के द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं)