02:05 PM: दिल्ली विधानसभा में हंगामा शुरू हुआ. बीजेपी ने कहा- 'अरविंद केजरीवाल ने संविधान का उल्लंघन किया. उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.' बीजेपी का आरोप- केजरीवाल ने रविदास जयंती के दिन पर सदन क्यों बुलाया?
2:50 PM: विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया.
4:35 PM : दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश नहीं हो पाया. अरविंद केजरीवाल ने आज तक को जानकारी दी कि उन्होंने स्पीकर से बिल पेश करने की अनुमति मांगी थी. हालांकि कुछ कन्फ्यूजन के कारण उन्होंने बिल पर बहस की अनुमति दे दी.
4:40PM : जेडीयू विधायक शोएब इकबाल ने कहा, 'हम जनलोकपाल बिल के समर्थन में. पर इसे आज लाना असंवैधानिक होगा. सदन को सर्कस न बनाया जाए.'
4:50PM : बीजेपी नेता साहिब सिंह चौहान ने कहा, 'केजरीवाल जी अगर आपमें आत्म-सम्मान बचा है तो आप इस्तीफा दें जैसे कि आपने वादा किया था पर अब आप चुप क्यों हैं?'
5:00PM : अरविंदर सिंह लवली ने कहा, 'हमने समर्थन वापस नहीं लिया है. कांग्रेस की नीयत में गड़बड़ी नहीं है. हमने फाइनेंस बिल का समर्थन किया. बैठकर जनलोकपाल पर बात हो सकती है. केजरीवाल की हठ बालहठ की तरह है.'
6:15PM : अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'संविधान में कहीं नहीं लिखा कि दिल्ली विधानसभा में कानून बनाने के लिए केंद्र से अनुमति लेने की जरूरत है. पर गृहमंत्रालय कहता है कि हमें अनुमति लेने की जरूरत है. और मैं इस बात को नहीं मानता लेकिन संविधान के लिए जान देने को तैयार हूं.'
6:30PM : AAP नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज ये साफ हो गया कि कांग्रेस हो या बीजेपी कोई भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता.
7:08PM : पहले पीटीआई के हवाले से खबर आई कि एलजी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है.
8:00PM : फिर रात 8 बजे केजरीवाल का पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम तय हुआ.
8:20PM : इस्तीफे के ऐलान के बाद पार्टी दफ्तर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, '8 दिसंबर को जब दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे, हम यहीं इकट्ठे हुए थे. तब मैंने यहीं से सबको संबोधित किया था. हमारी 28 सीटें आई थीं. कांग्रेस ने जबरदस्ती समर्थन दिया. हमने जनता से पूछा. जनता ने कहा कि जितने दिन समर्थन दे रहे हैं, ले लो और काम करके दिखाओ. फिर हमारी 28 दिसंबर को सरकार बनी.'
8:30PM : AAP के दफ्तर पर केजरीवाल ने लोगों के सामने इस्तीफा लहराया.
8:35PM : आम आदमी पार्टी के दफ्तर के सामने सैकड़ों कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे.
केजरीवाल के इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या दिल्ली में फिर से चुनाव होंगे?
उधर, अन्ना हजारे ने केजरीवाल के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि केजरीवाल ने तो बिल लाना चाहा था, पर विरोधी पक्षों ने विरोध व्यक्त किया. और उसके कारण अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया. अरविंद का इस्तीफा देना दुर्भाग्य की बात है.
अन्ना ने कहा, 'मेरा मानना है कि ये दोनों मुद्दे महत्वपूर्ण हैं. लोकपाल और मोहल्ला सभा. उसमें विकेंद्रीकरण की बात है. सत्ता का विकेंद्रीकरण हो. ऐसे महत्वपूर्ण बिल पर जो चर्चा होनी थी. न होने के कारण अरविंद ने इस्तीफा दे दिया. ये दुर्भाग्य की बात है.'