केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की गिनती स्पष्टवादी और सौम्य राजनेता के रूप में होती है. दिनेश त्रिवेदी को दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के खास व्यक्ति के रूप में देखा जाता है.
दिनेश त्रिवेदी को दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के खास व्यक्ति के रूप में देखा जाता है.
राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और नेताओं से तृणमूल को जोड़ने में दिनेश त्रिवेदी की अहम भूमिका रही है.
दिनेश त्रिवेदी जनहित में याचिका दायर करने के लिए भी जाने जाते हैं.
माना जाता है कि कुछ माह पूर्व भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मुहिम के दौरान दिनेश त्रिवेदी ने समर्थन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री के पद से इस्तीफे की पेशकश भी की थी.
एनडीए दौर में ममता बनर्जी ने बतौर रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को यात्री सुख-सुविधा कमेटी का अध्यक्ष बनाया था.
कमेटी के अध्यक्ष के बाद महज सात साल में वे खुद रेल मंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए.
सुरक्षा, संरक्षा पर उठ रहे सवाल, खस्ता होती माली हालत जैसी विपरीत परिस्थितियों में दिनेश त्रिवेदी ने रेल मंत्रालय का कार्यभार संभाला.
दिनेश त्रिवेदी की शादी मीनल त्रिवेदी से हुई है. उनका एक बेटा है जो पुरड्य़ू यूनिवर्सिटी से एओस्पेस इंजनीयरिंग कर रहा है.
1998 में दिनेश त्रिवेदी ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बने. और वे इस पार्टी के पहले महासचिव भी बने.
दिनेश त्रिवेदी ने 1980 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया लेकिन 1990 में ने कांग्रेस छोड़कर जनता दल के सदस्य बन गए.
दिनेश त्रिवेदी ने पुणे स्थिति एफटीआई संस्थान में एक्टिंग कोर्स के लिए निवेदन भी दिया था हालांकि उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
दिनेश त्रिवेदी एक प्रिशिक्षित सीतार वादक और शास्त्रीय संगीत सुनना पसंद करते हैं.
दिनेश त्रिवेदी के बचपन का सपना भारतीय वायु सेना का पायलट बनना था. इस वजह से उन्होंने पायलट बनने की ट्रेनिंग भी ली.
दिनेश त्रिवेदी ने ऑस्टिन स्थित टेक्सस यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री ली है.
वर्ष 2012-13 का रेल बजट असल में त्रिवेदी द्वारा गठित दो समितियों (संरक्षा पर डॉ. अनिल काकोदकर समिति और आधुनिकीकरण पर सैम पित्रोदा समिति) की सिफारिशों के अमल की बानगी होगा.
ममता के राजनीतिक लटके-झटके से अलग इसमें रेलवे के बुनियादी सुधारों की आधारशिला रखी जाएगी.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के सिपहसालार दिनेश त्रिवेदी देश का 81वां रेल बजट पेश करेंगे, लेकिन इस पर उनकी छाया कम होगी.
एक ओर ऊंची महंगाई की दरों के बीच किराया ना बढ़ाने की चुनौती त्रिवेदी के सामने है तो दूसरी ओर रेलवे की लंबित परियोजनाओं के लिए लगातार धन की कमी से जूझ रहे रेलवे के लिए फंड की व्यवस्था करना भी उनके लिए बड़ी चुनौती होगी.
साल 2012 में दिनेश त्रिवेदी अपना पहला रेल बजट पेश करेंगे. आर्थिक संकट की बढ़ती आशंकाओं के बीच यह बजट उनके लिए बहुत टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.
त्रिवेदी ने कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और फिर टेक्सास विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री ली.
दिनेश त्रिवेदी पहली बार 1990 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे और 2008 तक राज्यसभा के सदस्य रहे.
वर्ष 2009 के संसदीय चुनाव में उन्होंने बैरकपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी, जिसके बाद उन्हें मनमोहन सिंह सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया.
केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की गिनती स्पष्टवादी और सौम्य राजनेता के रूप में होती है.