दिल्ली में बुधवार को अब तक का सबसे बड़े ड्रिल का आयोजन किया गया ताकि अधिक तीव्रता वाले भूकंप की स्थिति में तैयारियों की जांच की जा सके.
इस ड्रिल के दौरान कई जगह ट्रैफिक जाम हो गया.
इस ड्रिल के दौरान पुलिस चप्चे-चप्पे पर मौजूद थी.
बड़े पैमाने पर आयोजित इस अभ्यास में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन, खाद्य और नागरिक आपूर्ति सहित कई एजेंसियों को जोड़ा गया था.
दिल्ली मेट्रो में भी इस अभ्यास को किया गया.
दिल्ली पुलिस के खोजी कुत्तों को भी इस अभ्यास से जोड़ा गया.
मेट्रो स्टेशनों पर लोगों को आपात स्थिति से निपटने के बारे में ट्रेनिंग दी गई.
लगातार लोगों को आपात स्थिति की सूचना दी गई.
घायलों को कैसे दुर्घटनास्थल से निकाला जाए इसका भी अभ्यास किया गया.
रिक्टर स्केल पर 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप की स्थिति में फ्लाइओवर टूटने, मेट्रो के खंभों में दरार पैदा होने, अस्पतालों, रिहायशी इमारतों को नुकसान होने की स्थिति में तैयारियों की जांच की गई.
ड्रिल के कारण राजधानी के कई मेट्रो स्टेशन लगभग आधे घंटे तक बंद रहे.
इस अभ्यास के लिए दिल्ली अग्निशमन विभाग मुस्तैद था.
स्कूली विद्यार्थियों को भी मॉक ड्रिल में शामिल किया गया.
दरअसल, मॉक ड्रिल में इस बात की तैयारियां देखी गयीं कि यदि 7.2 तीव्रता का भूकंप आ जाए तो किस तरह हालात को संभाला जाएगा.
इस मॉक ड्रिल में बेहतरीन समन्वय का प्रदर्शन कर आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने दूसरी एजेंसियों की सतर्कता एवं तैयारियों को परखा.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से किया गया यह मॉक ड्रिल.
राजधानी के छह मेट्रो स्टेशनों सहित कई स्थानों पर सुबह 11:30 बजे मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया.
मॉक ड्रिल का मकसद अचानक 7.2 तीव्रता का भूकंप आ जाने पर एजेंसियों की तैयारियों को परखना था.
शीला दीक्षित ने कहा कि सरकार इस ड्रील के नतीजों का विश्लेषण करेगी और सुधारात्मक कदम उठाएगी.
इस दौरान लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ा.
आपत स्थिति के हालात पैदा किये गए और उस दरम्यान उनसे निपटने की जांच की गई.
बड़े-बड़े मॉल को भी इस दौरान खाली करवाया गया.
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा, ‘आपदा की तैयारियों की जांच के लिए संभवत: यह देश भर में अब तक का सबसे बड़ा अ5यास था. इसमें विभिन्न विभागों और एजेंसियों के 15 हजार अधिकारियों को शामिल किया गया.’
कई सड़क मार्गों को भी मॉक ड्रिल के दौरान बंद कर दिया गया था.
इस अभ्यास में तिहाड़ जेल को भी शामिल किया गया था ताकि भूकंप की स्थिति में कर्मचारियों की तैयारियों का पता लगाया जा सके.
तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने कहा कि जेल के कर्मचारियों और कैदियों को जागरूक बनाने के लिए यह अभ्याय किया गया था ताकि भूकंप या अन्य आपदा की स्थिति में संकट से कैसे निबटा जाए.