महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने मुंबई में हुई हिंसा के खिलाफ मुंबई के आजाद मैदान पर रैली निकाली. रैली में अपने भाषण में राज ठाकरे ने गृह मंत्री आर आर पाटिल और पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक से इस्तीफे की मांग की.
ठाकरे ने मुंबई पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा कि अभी तक दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है.
राज ठाकरे ने ये भी कहा कि मुंबई में हुई हिंसा के लिए बाहरी लोग जिम्मेदार
हैं, उन्होंने बताया कि मुंबई में बांग्लादेश के पासपोर्ट भी मिले हैं.
राज ठाकरे ने साफ तौर पर कहा कि मुझे सिर्फ महाराष्ट्र धर्म समझ में आता है.
राज ठाकरे ने गृह मंत्री आर आर पाटिल पर उंगली उठाते हुए कहा कि जब दंगे हुए तो उस समय गृह मंत्री कहां थे?
राज ठाकरे ने कहा, ‘पाटिल और पटनायक को हालात से गलत तरीके से निपटने के लिए पद छोड़ना चाहिए.’
ठाकरे ने कहा इस पूरे मुद्दे पर उन्होंने मुख्य मंत्री से भी बातचीत की है.
उन्होंने मुंबई पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि परेशानी मुंबई पुलिस की वजह से हुई है.
राज ने बताया कि इस दंगे के संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है.
ठाकरे के भाषण के दौरान उन्हें वहां मौजूद लोगों का जबर्दस्त समर्थन मिला.
रैली एक मुस्लिम संगठन द्वारा आयोजित एक रैली के हिंसक हो जाने के 10 दिन बाद आयोजित की गई
गौरतलब है कि 11 अगस्त को मुस्लिम संगठन म्यांमार और असम में कथित तौर पर मुसलमानों पर हुए हमले के विरोध में जुलूस निकाल रहे थे, जो अचानक हिंसक हो गया था.
इस घटना में दो लोगों की मौत हुई थी, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
मुंबई में आजाद मैदान पर भारी संख्या में लोग पहुंचे और राज ठाकरे की रैली में शामिल हुए.
मुंबई में हुई हिंसा के खिलाफ की गई राज ठाकरे की ये रैली सफल रही.
मुंबई से भारी संख्या में लोग इस रैली में शामिल हुए.
इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले
मुंबई पुलिस इस रैली के दौरान मुस्तैद नजर आई.
रैली के मद्देनजर आजाद मैदान पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.
किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के काफी तगड़े इंतजाम किए थे.
मुंबईकरों ने मिलकर राज ठाकरे की इस रैली को जमकर समर्थन दिया.
रैली के मद्देनजर दक्षिण मुम्बई, प्रमुख रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों पर जाने वाली सड़कों पर चौकसी बढ़ा दी गई थी.
मुंबई में 11 अगस्त को हुए दंगे के खिलाफ में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने रैली का आयोजन किया.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना हिंसा के विरोध में आजाद मैदान में रैली का आयोजन किया. इस रैली से पहले एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक पैदल गए.
राज ठाकरे को पुलिस ने पैदल मार्च की इजाजत नहीं दी थी.
मुंबई पुलिस की तरफ से उन्हें आजाद मैदान में रैली करने की इजाजत तो मिली, लेकिन इजाजत नहीं मिलने के बावजूद राज गिरगांव से आजाद मैदान तक पैदल मार्च भी करने की जिद पर अड़े रहे.
MNS कार्यकर्ताओं ने भी गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान के लिए कूच की.
रैली के लिए राज ठाकरे सबसे पहले अपने घर से सिद्धिविनायक गए उसके बाद वो गिरगांव चौपाटी पहुंचे.
मुंबई पुलिस ने इस जुलूस और रैली के लिए पहले ही कमर कसी.
इस रैली में हिस्सा लेने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए.
यह रैली एक मुस्लिम संगठन द्वारा आयोजित एक रैली के हिंसक हो जाने के 10 दिन बाद आयोजित की गई. स्थानीय पुलिस ने सोमवार रात न चाहते हुए भी मनसे को रैली की अनुमति दे दी.
शहरवासियों के सामान्य जीवन में व्यवधान न पड़े, इसके लिए पुलिस ने गिरगाव चौपाटी से आजाद मैदान तक केवल पांच किलोमीटर के क्षेत्र में ही जुलूस निकालने की अनुमति दी.
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को घोषणा की थी कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन पार्टी अपना विरोध जुलूस निकालकर रहेगी.
मुंबई पुलिस ने मंगलवार तड़के से ही शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए.
दक्षिण मुम्बई, प्रमुख रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों पर जाने वाली सड़कों पर चौकसी बढ़ा दी गई.
मनसे ने 11 अगस्त को हुई घटना के लिए गृहमंत्री आर. आर. पाटिल और पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक को जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों के इस्तीफे की मांग की.
मनसे के नेताओं ने दावा किया है कि रैली में एक लाख से अधिक लोग पहुंचें.
मुंबई पुलिस का अनुमान है कि रैली में 40,000 से 50,000 लोग शामिल हुए.