अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अहम कामयाबी मिली है. 1993 बम धमाकों के गुनहगार दाऊद इब्राहिम के आपराधिक नेटवर्क को ध्वस्त करने में अमेरिका मदद करने के लिए तैयार हो गया है.
इसके अलावा दोनों देश लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अलकायदा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समूहों के खात्मे के लिए भी मिलकर प्रयास करेंगे.
हालांकि इन प्रयासों का मतलब यह नहीं है कि दोनों देश मिलकर इनके खिलाफ कोई नया अभियान छेड़ेंगे, बल्कि वह संयुक्त राष्ट्र समर्थित अभियान में ही शामिल होंगे.
भारत रवाना होते वक्त मोदी ने कहा, 'शुक्रिया अमेरिका, इन पांच दिनों में मैंने बहुत कुछ हासिल किया. मैं संतुष्ट होकर भारत वापस जा रहा हूं.'
मोदी और ओबामा ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में दो घंटे से ज्यादा समय तक शिखर बैठक की. दोनों नेताओं ने आतंकी समूहों को मिलकर खत्म करने पर सहमति जताई, साथ ही आतंकी गुटों को मिलने वाले वित्तीय और दूसरे सहयोग ध्वस्त करने की दिशा में भी कदम उठाने की बात कही.
याद रहे कि दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई बम धमाकों का गुनहगार है और माना जाता है कि वह पाकिस्तान में शरण लिए हुए है. ऐसे संकेत थे कि भारत उसके प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका की मदद मांगेगा.
मोदी और ओबामा के बीच बैठक के बाद अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भारत पश्चिम एशिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बने किसी गठबंधन में शामिल नहीं होगा.
इसी तरह, उन्होंने यह भी साफ किया कि अफगानिस्तान में त्रिपक्षीय साझेदारी सैन्य सहयोग के बजाय विकास के मुद्दे पर आधारित होगी. उन्होंने यह भी साफ किया कि आतंकवादी समूहों और आपराधिक नेटवर्क की सुरक्षित पनाहगाहों को ध्वस्त करने में संयुक्त और सतत प्रयासों का अर्थ यह नहीं है कि भारत और अमेरिका कोई अभियान चलाएंगे बल्कि संयुक्त राष्ट्र समर्थित अभियान में शामिल होंगे.
मोदी और ओबामा के बीच व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग के बारे में चर्चा हुई और असैन्य परमाणु करार में आए गतिरोध को खत्म करने के लिए अहम फैसला किया गया.
अमेरिकी दौरे के आखिरी भारत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की दो महान हस्तियों को याद किया. मोदी राष्ट्रपति महात्मा गांधी और उनके पदचिन्हों पर चलने वाले मार्टिन लूथर किंग की स्मारक पर गए और श्रद्धांजलि अर्पित की.
भारतीय पीएम जब वाशिंगटन में गांधी मेमोरियल पहुंचे तो वो भी मोदी-मोदी के नारे से गूंज रहा था. तिरंगा लिए सैंकड़ों लोग पीएम मोदी के इंतजार में खड़े थे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश सचिव सुजाता सिंह और विदेश विभाग के तमाम आला अधिकारी भी गांधी मेमोरियल पर मौजूद थे.
मोदी ने बापू की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन चढ़ाए, प्रणाम किया और फिर लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन भी किया. वतन से हजारों मील दूर अपने देश के पीएम को देख लोग बेहद खुश थे.
मोदी ने ओबामा को मार्टिन लूथर किंग के उस भाषण की 20 सेकेंड का वीडियो दिया, जो उन्होंने हिंदुस्तान में दिया था. साथ ही ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित हुए भाषण का ऑडियो भी भेंट किया.