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भारत

नरेंद्र मोदी के भाषण में हुई ये 11 गलतियां

नरेंद्र मोदी के भाषण में हुई ये 11 गलतियां
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नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषण में कई गड़बड़‍ियां की. कहीं उन्‍होंने भूगोल में गलती तो कहीं इतिहास सही बताने में चूक गए. देखते हैं इस चुनावी भाषण में नरेंद्र मोदी की 11 गलतियां...

नरेंद्र मोदी ने महाराष्‍ट्र के एक भाषण में कहा कि 1960 से लेकर अब तक यहां 26 मुख्‍यमंत्रियों ने शपथ ली है.

सही तथ्‍य: सच्‍चाई ये है कि महाराष्‍ट्र में 26 बार 17 नेताओं ने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली है. इसी दौरान गुजरात में 14 नेताओं ने 27 बार मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली.

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मोदी ने अपने एक भाषण में कहा कि सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने अहमदाबाद के म्‍यूनिसपैलिटी में 1919 में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रस्‍ताव रखा था.

सही तथ्‍य: सरदार वल्‍लभ भाई पटेल ने 1919 में नहीं बल्कि 1926 में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रस्‍ताव रखा था.

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एक भाषण में उन्‍होंने कहा, ये चुनाव 14वीं लोकसभा के लिए है. सही तथ्‍य: यह चुनाव 16वीं लोकसभा के लिए हैं. उन्‍हें अपनी गलती का एहसास तब हुआ जब स्‍टेज पर उनके पीछे बैठे किसी शख्‍स ने उन्‍हें सही जानकारी दी.
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एक भाषण के दौरान उन्‍होंने कहा कि 1947 में एक रुपये की कीमत एक डॉलर के बराबर थी.
सही तथ्‍य: सच्‍चाई यह है कि उस समय रुपये को पाउंड में कन्‍वर्ट किया जाता था और एक रुपया 30 सेंट के बराबर हुआ करता था.
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नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में श्‍याम जी कृष्‍ण वर्मा और श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी को मिक्‍स कर दिया. मोदी ने श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी को 'प्राउड सन ऑफ गुजरात' कहा. उन्‍होंने मुखर्जी को लंदन में इंडिया हाउस बनाने का क्रेडिट दिया. उन्‍होंने कहा, 'उनका निधन 1930 को हुआ और मरने से पहले उन्‍होंने इच्‍छा जाहिर की कि उनकी राख को रख दिया जाए, जिससे वह भारत लौटकर भारत को आजाद करवा पाएं.

सही तथ्‍य: श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्‍म कोलकाता में हुआ था ना कि गुजरात में. उनका निधन 1953 में हुआ ना कि 1930 में और उनका संस्‍कार पश्चिम बंगाल में हुआ.

सही तथ्‍य: नरेंद्र मोदी का ये रेफरेंस श्‍यामजी कृष्‍णा वर्मा के लिए था, जो कि जो जाने माने संस्‍कृत विद्वान और राष्‍ट्रवादी रहे हैं. उनका जन्‍म गुजरात के मंडवी सिटी में 4 अक्‍टूबर 1857 में हुआ. वर्मा ने ही लंदन में इंडिया हाउस तैयार किया था. ये इंडिया हाउस क्रांतिकारी विनायक दामोदर सरवरकर, भिकाजी कामा, वीरेंद्रनाथ चट्टोपाध्‍याया और लाला हरदयाल के लिए ठिकाना बना.

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मोदी ने अपने एक भाषण में कहा कि सिकंदर की सेना ने पूरी दुनिया पर जीत हासिल की, लेकिन बिहारियों से हार गई. यही कारण है कि वह‍ इस देश की ताकत है.रोचक बात यह है कि मोदी के हुंकार रैली में दिए भाषण की इन ग‍लतियों को नीतीश कुमार ने अपनी रैलियों में सही किया. नीतीश ने कहा, 'सिकंदर की आर्मी ने कभी गंगा नदी को पार नहीं किया और उन्‍हें बिहारियों ने नहीं हराया था.'

सही तथ्‍य: सिकंदर का आखिरी युद्ध पोरस पौरव साम्राज्‍य के राजा के विरद्ध था. सिकंदर ने झेलम नदी को पार किया था ना कि गंगा.

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मोदी ने अपने एक भाषण में कहा कि जब हम गुप्‍त वंश को याद करते हैं तो हमें चंद्रगुप्‍त की राजनीति याद आती है.

सही तथ्‍य: सच्‍चाई यह है कि मोदी इतिहास में गड़बड़ा गए. चंद्रगुप्‍त मौर्य साम्राज्‍य के थे ना कि गुप्‍त साम्राज्‍य के. अगर उन्‍हें गुप्‍तवंश की बात करनी थी तो उन्‍हें चंद्रगुप्‍त 2 का रेफरेंस देना था.
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मोदी ने एक भाषण में कहा कि तक्ष‍शिला बिहार में है.

सही तथ्‍य: तक्षशिला बिहार में नहीं पाकिस्‍तान में है.
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नवंबर 2013 में डुडु की रैली में मोदी ने राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी का पूरा नाम मोहन लाल करमचंद गांधी कहा.

सही तथ्‍य: राष्‍ट्रपिता का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है.
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बैंगलोर रैली में मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री 15 अगस्‍त का भाषण लाल दरवाजे से देते हैं.

सही तथ्‍य: 15 अगस्‍त का भाषण लाल किले से दिया जाता है. गौरतलब है कि लाल दरवाजा भी एक ऐतिहासिक स्‍थल है, जो पुरानी दिल्‍ली में ही स्थित है.
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फरवरी 2014 में मोदी ने मेरठ में एक रैली के दौरान कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्‍वतंत्रता की पहली लड़ाई को कम आंका.

सही तथ्‍य: नरेंद्र मोदी यह भूल गए कि कांग्रेस का गठन 1885 में हुआ था. जबकि स्‍वतंत्रता की पहली लड़ाई कांग्रेस के गठन के तीन दशक बाद यानी कि 1857 में हुई थी.
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