भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और देशभर में उनके लाखों प्रशसंकों ने ‘महापरिवर्तन दिन’ के रूप में मनाया. भारतीय संविधान के निर्माता डा भीमराव अंबेडकर ने आजादी के बाद देश को एकसूत्र में पिरोकर एक नयी ताकत के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करने के लिये ऐसे संविधान का निर्माण किया जो विश्व के लिये मिसाल बन गया.
राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल सहित समूचे देश ने डा भीमराव अंबेडकर को उनके 56वें महापरिनिर्वाण दिवस पर आज श्रद्धांजलि अर्पित की.
राष्ट्रपति ने संसद भवन परिसर में लगी अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प चढाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
सरकारी बयान के मुताबिक उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी भारतीय संविधान के निर्माता को श्रद्धासुमन अर्पित किये.
बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक, संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल, बिजली मंत्री सुशील कुमार शिन्दे, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री डी नेपोलियन शामिल थे.
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कहा कि अम्बेडकर ने संविधान में दलितों को तमाम अधिकार दिये हैं, लेकिन देश में उन प्रावधानों को पूरी तरह अब तक नहीं लागू किया गया है.
मायावती ने आरोप लगाया कि जातिवादी मानसिकता वाली पार्टियों ने दलितों के उत्थान पर कभी ध्यान नहीं दिया और जब बसपा की सरकार ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीतियों पर चलकर इस दिशा में काम कर रही है तो उस पर तरह-तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं.
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के 55वें परिनिर्वाण दिवस के मौके पर समारोह के दौरान वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी.
मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के ‘हथकंडों’ का फायदा बसपा को ही होगा, क्योंकि इससे पार्टी के कार्यकर्ता और बेहतर काम करने के लिये प्रेरित होंगे.
अपनी पार्टी के इतिहास का जिक्र करते हुए मायावती कहा कि विपक्ष के हमलों से बसपा हमेशा मजबूत हुई है. साल 2007 में हुए राज्य विधानसभा के पिछले चुनाव से ऐन पहले भी समाजवादी पार्टी (सपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने मिलकर बसपा के खिलाफ तरह-तरह की तरकीबें और हथकंडे अपनाए थे, नतीजतन पार्टी को चुनाव में स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ. मायावती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे विपक्षी दलों के हथकंडों का समझदारी से सामना करें और यही बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने दलितों को सम्मान दिलाने की मुहिम चलायी है और ‘जातिवादी मानसिकता’ वाली पार्टियां देश में दबे कुचले लोगों को बाकी तबकों के बराबर लाने के हमारे आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं.
मायावती ने इस मौके पर करीब 1500 करोड़ की लागत से तैयार 160 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया.
मायावती ने कहा, ‘हम बहुत संघर्ष करके इस मुकाम पर पहुंचे हैं. हमें पार्टी को केन्द्र की सत्ता में लाना है. जाहिर है कि जातिवादी मानसिकता वाली पार्टियां हमारी राह में तरह-तरह के रोड़े अटकाएंगी. विधानसभा चुनाव में आप ज्यादा से ज्यादा विधायक जिताकर उन्हें जवाब दें.’
मायावती ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के 55वें ‘परिनिर्वाण दिवस’ के मौके पर कहा, ‘उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने में कुछ ही महीने बाकी हैं. ऐसे में विरोधी पार्टियों की नींद उड़ गयी है और वे आये दिन मीडिया में किसी न किसी मुद्दे को लेकर हमारी पार्टी और सरकार के बारे में हमारे विधायकों, मंत्रियों तथा पार्टी वरिष्ठ पदाधिकारियों के बारे में कुछ न कुछ टीका टिप्पणी करते रहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इससे साफ जाहिर हो गया है कि विरोधी पार्टियों के पास बसपा सरकार के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है.’