अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक पर संसद की स्थाई समिति की सिफारिशों के खिलाफ एक दिन का सांकेतिक अनशन शुरू कर दिया.
अन्ना हजारे ने जंतर मंतर पर सुबह करीब सवा दस बजे अपना अनशन शुरू किया.
इस मौके पर एकत्रित उनके समर्थक तिरंगा लहराते हुए ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे.
जंतर मंतर के लिए रवाना होने से पहले हजारे राजघाट गए और वहां लगभग आधे घंटे तक ध्यान लगाया.
अन्ना ने कहा कि मैं ठीक और स्वस्थ हूं. लोकपाल के मुद्दे पर हजारे का यह तीसरा और जंतर मंतर पर दूसरा विरोध प्रदर्शन है.
उनका पहला विरोध प्रदर्शन जंतर मंतर पर पांच अप्रैल को शुरू हुआ था और यह पांच दिन चला था.
तब सरकार ने लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक संयुक्त समिति बनाई थी जिसमें आधिकारिक प्रतिनिधि और कार्यकर्ता शामिल थे.
उन्होंने अपना दूसरा अनशन अगस्त में रामलीला मैदान में किया था जो 13 दिन चला था.
जंतर-मंतर से पहले अन्ना राजघाट गए और वहां उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर मत्था टेका. अन्ना कुछ समय तक वहां मौन बैठे रहे.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रभावी लोकपाल की मांग के समर्थन में रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर दिनभर का अपना सांकेतिक अनशन शुरू कर दिया.
जंतर-मंतर से पहले अन्ना राजघाट गए और वहां उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर मत्था टेका. अन्ना कुछ समय तक वहां मौन बैठे रहे.
अन्ना के इस सांकेतिक अनशन में सभी दलों के नेताओं को भी लोकपाल पर सार्वजनिक बहस में हिस्सा लेने और अपनी राय रखने के लिए आमंत्रित किया गया है.
संसद की स्थायी समिति ने लोकपाल विधेयक का मसौदा संसद पटल पर रख दिया है लेकिन अन्ना स्थायी समिति द्वारा विधेयक में की गई सिफारिशों से संतुष्ट नहीं हैं.
अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक पर संसद की स्थाई समिति की सिफारिशों के खिलाफ आज एक दिन का सांकेतिक अनशन शुरू कर दिया.
हजारे ने भारत माता की जय, वन्दे मातरम के उद्घोष के साथ अपने अनशन की हुंकार भरी.
उनके साथ में मंच पर शांति भूषण, प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल, अरविंद गौड़, किरण बेदी और कुमार विश्वास भी हैं.
इस अवसर पर किरण बेदी ने कहा कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए ताकि एजेंसी के विभिन्न राज्यों के हजारों कर्मचारी अधिकारी इसमें आ सकें.
उन्होंने कहा कि सरकार सीबीआई को छोड़ना नहीं चाहती क्योंकि सीबीआई की अल्मारियां फाइलों से भरी पड़ी हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रभावी लोकपाल की मांग के समर्थन में रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर दिनभर का अपना सांकेतिक अनशन शुरू कर दिया.
जंतर-मंतर से पहले अन्ना राजघाट गए और वहां उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर मत्था टेका. अन्ना कुछ समय तक वहां मौन बैठे रहे.
अन्ना के इस सांकेतिक अनशन में सभी दलों के नेताओं को भी लोकपाल पर सार्वजनिक बहस में हिस्सा लेने और अपनी राय रखने के लिए आमंत्रित किया गया है.
संसद की स्थायी समिति ने लोकपाल विधेयक का मसौदा संसद पटल पर रख दिया है लेकिन अन्ना स्थायी समिति द्वारा विधेयक में की गई सिफारिशों से संतुष्ट नहीं हैं.
अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक पर संसद की स्थाई समिति की सिफारिशों के खिलाफ आज एक दिन का सांकेतिक अनशन शुरू कर दिया.
हजारे ने भारत माता की जय, वन्दे मातरम के उद्घोष के साथ अपने अनशन की हुंकार भरी.
उनके साथ में मंच पर शांति भूषण, प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल, अरविंद गौड़, किरण बेदी और कुमार विश्वास भी हैं.
इस अवसर पर किरण बेदी ने कहा कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए ताकि एजेंसी के विभिन्न राज्यों के हजारों कर्मचारी अधिकारी इसमें आ सकें.
अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक पर संसद की स्थाई समिति की सिफारिशों के खिलाफ एक दिन का सांकेतिक अनशन शुरू कर दिया.
मंच से टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.
अन्ना के समर्थकों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखाई दी.
हजारे ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष करते हुए अपने समर्थकों से कहा कि मेरा अनशन शुरू हो गया है, मैं अभी ज्यादा नहीं बोलूंगा.
अन्ना ने कहा कि मैं ठीक और स्वस्थ हूं. लोकपाल के मुद्दे पर हजारे का यह तीसरा और जंतर मंतर पर दूसरा विरोध प्रदर्शन है.
युवाओं ने इस मौके पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.
इस अवसर पर जंतर-मंतर पर भारी संख्या में समर्थक उमड़ पड़ें.
हजारे के साथ टीम अन्ना के अरविन्द केजरीवाल मनीष सिसौदिया संजय सिंह और कुमार विश्वास जैसे सदस्य भी शामिल हुए.
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी अनशल स्थल पर पहुंची.
केजरीवाल ने इस अवसर पर कहा कि सीबीआई का दुरुपयोग हुआ है.
इस मौके पर एकत्रित उनके समर्थक तिरंगा लहराते हुए ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे.
अन्ना हजारे ने जंतर मंतर पर सुबह करीब सवा दस बजे अपना अनशन शुरू किया.
अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक पर संसद की स्थाई समिति की सिफारिशों के खिलाफ एक दिन का सांकेतिक अनशन शुरू कर दिया.
इस मौके पर एकत्रित उनके समर्थक तिरंगा लहराते हुए ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे.