बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने संसद की स्थायी समिति की ओर से सौंपी गई लोकपाल रिपोर्ट पर संसद की भावना को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.
जेटली ने स्वीकार किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का दुरूपयोग होता रहा है, इसलिए इस संस्था को निष्पक्ष बनाया जाना चाहिए, ताकि वह सरकारों के हाथों का खिलौना ना रहे.
सभी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री लोकपाल के दायरे में होने चाहिए और केवल ग्रुप 'ए' और 'बी' के अधिकारी इसके दायरे में हों और 'सी' और 'डी' ग्रपु के अधिकारियों को इससे बाहर रखा जाएगा, इसे हम स्वीकार करने वाले नहीं हैं.'
टीम अन्ना ने सभी राजनीतिक पार्टियों को लोकपाल पर खुली बहस करने के लिए जंतर-मंतर आमंत्रित किया था.
सीपीआई पार्टी के महासचिव एबी बर्धन ने कहा कि मैं ये समझता हूं कि उस रवैये में लचीलापन होना चाहिए और आपको भी औरों के पक्ष को सुनना चाहिए.
सीपीआई पार्टी के महासचिव एबी बर्धन ने मंच पर अन्ना को सलाह देते हुए कहा, “टीम अन्ना ये अपेक्षा न करे कि जो भी उन्होंने जन-लोकपाल में लिखा है, उसका अगर हर शब्द, हर पूर्णविराम और अर्धविराम मंज़ूर हो जाएगा, तभी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी जाएगी.
कारत ने कहा कि जो बड़ी कंपनियां हैं, जो बगैर घोड़े की लगाम के तहत देश को लूट रहे हैं, अनियंत्रित है.
सीपीएम नेता वृंदा करत ने कहा कि लोकपाल जल्दी चाहिए इसमें देरी नहीं होना चाहिए. कोई ये सोचे कि संसद सदस्य ही देश को रिप्रजेंट करें, ये गलत है. अन्ना के मंच से भी ये कहा गया कि तमाम राजनीतिक लोग भ्रष्ट है ये बात भी गलत है.
जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि संसद में लोकपाल के मसौदे पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए और अंतिम फ़ैसला संसद में ही होना चाहिए.
शरद यादव ने कहा, “लोकपाल पर जल्दी हो या कम समय में हो, लेकिन जब संसद में इस मुद्दे पर ज़्यादा बहस होगी, तभी आपका पक्ष मज़बूत रहेगा.
शरद यादव ने कहा कि अगर लोकपाल के मसौदे पर कम ही बहस हुई तो चूं-चूं के मुरब्बे जैसा ही लोकपाल बनेगा, जिस पर हमारा कोई बस नहीं होगा.
शरद यादव ने कहा कि या तो शीतकालीन सत्र की अवधि को बढ़ाया जाए, या एक ख़ास सत्र बुलाया जाए लोकपाल पर घनघोर बहस की जाए.
अन्ना के एक दिन के अनशन में सभी पार्टियों के समर्थन से केंद्र सरकार हिल गई है और लोकपाल में फिरसे संशोधन करने का मन बना रही है.
सभी नेताओं ने अन्ना के लोकपाल का समर्थन करते हुए कहा कि पीएम को लोकपाल के दायरे में होना चाहिए.
सभी पार्टियों ने अन्ना के एक दिन के अनशन में अपने प्रतिनिधियों को भेजा.
अन्ना के समर्थन में सभी पार्टियों ने खुली बहस में लिया हिस्सा.
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी मंच पर पहुंचे और उन्होंने प्रभावी लोकपाल के पक्ष में विचार व्यक्त किए.
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के सांकेतिक धरने के दौरान खुली बहस के लिए पहुंचे शरद यादव.
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के सांकेतिक धरने के दौरान खुली बहस के लिए बीजेपी की तरफ से अरुण जेटली पहुंचे.
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के सांकेतिक धरने के दौरान खुली बहस के लिए कांग्रेस को छोड़कर सभी बड़ी पार्टियों ने नेताओं ने शिरकत की.
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के सांकेतिक धरने के दौरान खुली बहस के लिए पहुंचे अरुण जेटली अन्ना से बात करते हुए.
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के सांकेतिक धरने के दौरान खुली बहस के लिए पहुंचे वृंदा करात, शरद यादव और एबी बर्धन.
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के सांकेतिक धरने के दौरान खुली बहस के लिए पहुंचीं वृंदा करात.
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के सांकेतिक धरने के दौरान खुली बहस के लिए पहुंचे नेताओं ने मजबूत लोकपाल का पक्ष रखा.
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिन के सांकेतिक धरने के दौरान खुली बहस के लिए पहुंचे बीजेपी नेता अरुण जेटली.