62वें गणतंत्र दिवस के राज्यस्तरीय समारोह के लिए सजी झाकियां. तस्वीर में मध्य प्रदेश की झांकी की एक झलक.
इस समारोह में दिखी लोक संस्कृति की छटा. तस्वीर में जम्मू-कश्मीर की झांकी का एक दृश्य.
परेड विसर्जन की परम्परागत प्रक्रियाओं के बाद विभिन्न स्कूलों के लगभग 1200 बच्चों ने अलग अलग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की.
पुलिस, आरएसी, होमगार्ड के जवानों, एनसीसी कैडेट्स एवं एमजीडी स्कूल की बालिकाओं की जोशपूर्ण, अनुशासित परेड ने देशभक्ति के जज्बे से पूरे वातावरण को गौरवमय बना दिया.
‘मुक्त गनन में आज तिरंगा लहराया..’ गीत के साथ रंग बिरंगे परिधानों में नृत्य करते बालक-बालिकाओं के बीच तहराते तिरंगे ने लोगों के दिलों में देश के प्रति श्रद्धा और प्रेम के सैलाब से सराबोर कर दिया. तस्वीर में केरल की झांकी.
‘एक तारे बोले झन-झन..’ गीत पर स्कूली बच्चों के साथ लंगा, मांगणियार जैसे कलाकारों ने बाद्ययंत्रों के साथ लोक संस्कृति के विविध रंग बिखेरे. तस्वीर में दिल्ली की झांकी का एक दृश्य.
इस कार्यक्रम के दौरान उड़ीसा की झांकी का एक मनोहारी दृश्य.
गुजरात की झांकी कुछ इस प्रकार सजी.
राजस्थान के चारों कोनों की लोक संस्कृति की झलक में गैर नृत्य, गरासिया नृत्य, गवरी नृत्य, चकरी नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य तथा मेवाती वाद्य यंत्र भपंग के साथ नृत्य का प्रदर्शन कर लोक कलाकारों ने रंग रंगीले राजस्थान की छटा बिखेरी.
रेलवे की झांकी में दिखी गुरु रविंद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा.
जम्मू-कश्मीर की झांकी में दिखी देश की संस्कृति की झलक.
सांस्कृतिक कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्ता हमारां..’ गीत के साथ प्रस्तुत नृत्य में रंग बिरंगे परिधानों में लोक कलाकारों ने विभिन्न भाव भंगिमाओं के माध्यम से मैदान पर फूलों की बारिश की. केरल की झांकी का एक दृश्य.
आदिवासी परिधानों में सजी नृत्यांगनाओं ने देश भक्ति के उद्घोष से गुंजायमान कर दिया.
बहरोड के स्कूली बच्चों ने बैंड वादन की मधुर स्वर लहरियों के साथ लय, ताल का अदभुत प्रदर्शन कर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर किया.
पुलिस ने सैट्रल बैंड वादन ने वन्देमातरम गीत प्रस्तुत राष्ट्र प्रेम का संदेश दिया. तस्वीर में दिल्ली की झांकी का एक दृश्य.
गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी होने वाले मुख्य राज्यस्तरीय समारोह का यह अंतिम पूर्वाभ्यास था.