गुजरात गोधरा स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाये जाने की घटना के नौ साल बाद एक विशेष अदालत मंगलवार को इस नरसंहार के 94 आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाएगी.
गोधरा कांड में 58 लोग मारे गये थे, जिसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क गये थे.
साबरमती केंद्रीय जेल के अंदर मुकदमा जून 2009 में शुरू हुआ था जिसमें 94 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये गये. ये आरोपी 2002 से उच्च सुरक्षा वाली इस जेल में बंद हैं.
आरोपियों पर गोधरा के पास 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के कोच संख्या एस-6 में आग लगाकर आपराधिक साजिश रचने और हत्या के आरोप हैं.
इस घटना में मारे गये अधिकतर लोग कारसेवक थे जो अयोध्या से लौट रहे थे.
मुकदमे के दौरान 253 गवाहों से पूछताछ की गयी और गुजरात पुलिस ने अदालत के समक्ष 1500 से अधिक दस्तावेजी सबूत पेश किये.
शुरुआत में 107 आरोपी थे, जिनमें से पांच की प्रक्रिया के दौरान ही मौत हो गयी वहीं आठ अन्य किशोर थे, जिन पर अलग अदालत में मुकदमा चलाया गया.
इस हादसे और इसके बाद हुए दंगों में कई लोग मारे गए और कई आज भी दर्द के साथ जिंदा हैं.