लोकतंत्र में लोगों का मिजाज जानना एक मुश्किल काम है. सभी की चाहत अलग होती है, सभी की सोच अलग होती है.
जाहिर है लोग चुनाव में किन मुद्दों पर और किस पार्टी को वोट देंगे ऐसे सवालों का जवाब पाना आसान नहीं. लेकिन ये भी सच है कि चुनाव से पहले अब लोगों ने अपना मन तो बना ही लिया है और इसीलिए आजतक-इंडिया टुडे-मेल टुडे-ओआरजी ने सर्वे किया.
चारों राज्यों के 15 फीसदी विधानसभा क्षेत्रों में लोगों के मन को टटोला गया है. 18 मार्च से लेकर 24 मार्च तक सर्वे किया गया.
तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 4000 लोगों पर किया गया ये ओपिनियन पोल. जबकि, असम और केरल में 3000 लोग सर्वे में शामिल किए गए.
सर्वे में शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में बराबर-बराबर ध्यान दिया गया है. इस सैंपल में मिले रुझान के आधार पर ही सीटों के आंकड़ों को पेश किया गया है.
अनुमान है कि इस रुझान में तीन फीसदी का फर्क आ सकता है.
बंगाल के लोगों से पूछा गया कि आप मुख्यमंत्री के रूप में किसे देखना चाहते हैं, तो इसपर सबसे ज्यादा 48.6 फीसदी लोगों ने ममता बनर्जी का नाम लिया, जबकि बुद्धदेब भट्टाचार्य को करीब 20 फीसदी लोगों ने पसंद किया.
राज्य के साढ़े पांच फीसदी लोग प्रणब मुखर्जी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. आखिर बंगाल में चुनाव के मुद्दे क्या होंगे. सर्वे के मुताबिक महंगाई को 92.6 फीसदी लोग सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं, जबकि 5 फीसदी से कम लोगों का कहना है कि महंगाई कोई मुद्दा नहीं है.
अब बात अगर पश्चिम बंगाल में बदलती हवा की की जाए, तो वोटों की फीसदी में कोई खास बदलाव नहीं होगा. बल्कि 2009 की तुलना में ममता की पार्टी को एक फीसदी का नुकसान ही होगा. लेकिन सीटों के अनुमान में ममता तो आगे ही हैं.
सर्वे में लोगों से ज्योति बसु और बुद्धदेब भट्टाचार्य की तुलना करते हुए सवाल पूछे गए. पूछा गया कि लोग किसे बेहतर मुख्यमंत्री के रूप में याद रखेंगे. बतौर रेल मंत्री ममता बनर्जी का काम लोग किस रूप में देखते हैं, सर्वे में एक सवाल ये भी था.
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि अगर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनती हैं तो वे कैसी मुख्यमंत्री साबित होंगी?
कुछ लोग ये कहते हुए लेफ्ट की नीतियों की आलोचना करते हैं कि इसी की वजह से कोलकाता बाकी मेट्रो शहरों की तुलना में पिछड़ गया है.
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वे इससे सहमत हैं या नहीं? तृणमूल के विरोधी उसपर नक्सलियों से साठगांठ का आरोप लगाते हैं.
चारों राज्यों के 15 फीसदी विधानसभा क्षेत्रों में लोगों के मन को टटोला गया है. 18 मार्च से लेकर 24 मार्च तक सर्वे किया गया.
तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 4000 लोगों पर किया गया ये ओपिनियन पोल. जबकि, असम और केरल में 3000 लोग सर्वे में शामिल किए गए.
सर्वे में शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में बराबर-बराबर ध्यान दिया गया है. इस सैंपल में मिले रुझान के आधार पर ही सीटों के आंकड़ों को पेश किया गया है.
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि अगर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनती हैं तो वे कैसी मुख्यमंत्री साबित होंगी?
बंगाल के लोगों से पूछा गया कि आप मुख्यमंत्री के रूप में किसे देखना चाहते हैं, तो इसपर सबसे ज्यादा 48.6 फीसदी लोगों ने ममता बनर्जी का नाम लिया, जबकि बुद्धदेब भट्टाचार्य को करीब 20 फीसदी लोगों ने पसंद किया.
तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 4000 लोगों पर किया गया ये ओपिनियन पोल. जबकि, असम और केरल में 3000 लोग सर्वे में शामिल किए गए.
तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 4000 लोगों पर किया गया ये ओपिनियन पोल. जबकि, असम और केरल में 3000 लोग सर्वे में शामिल किए गए.