प्रधानमंत्री की अपील को अस्वीकार करते हुए जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार पर काबू के लिए लोकपाल को अधिक अधिकार दिए जाने की मांग पर बुधवार को आमरण अनशन शुरू किया.
उनकी मांग का भाजपा और जदयू ने भी समर्थन किया है जबकि कांग्रेस ने अनशन को ‘असामयिक’ करार दिया.
हजारे लोकपाल को अधिक अधिकार दिए जाने के लिए व्यापक भ्रष्टाचार..विरोधी विधेयक की मांग कर रहे हैं.
हजारे ने जंतर मंतर पर अपनी भूख हड़ताल शुरू की. उनके साथ स्वामी अग्निवेश, पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी और मैग्सेसेय पुरस्कार विजेता संदीप पांडे सहित कई जानेमाने लोग मौजूद थे.
इससे पहले उन्होंने राजघाट स्थित समाधि पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.
हजारे ने कहा, ‘मैं तब तक आमरण अनशन पर रहूंगा जब तक सरकार जन लोकपाल विधेयक का मसौदा बनाने वाली संयुक्त समिति में 50 प्रतिशत अधिकारियों के साथ बाकी स्थानों पर नागरिकों और विद्वानों को शामिल करने पर सहमत नहीं हो जाती.’
हजारे ने प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद अपना अनशन शुरू किया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कल रात उनके फैसले पर निराशा जताई थी.
कांग्रेस ने हजारे से अनुरोध किया है कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय की अपील पर ध्यान दें.
पार्टी ने कहा कि एक मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे का आमरण अनशन ‘असामयिक’ है क्योंकि सरकार ने इस मामले पर गौर करने के लिए पहले ही रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है.
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता में पहले ही एक उप समिति गठित की है.
जब प्रक्रिया पहले से चल रही है तब इस तरह का रास्ता अपनाना संभवत: उचित नहीं है और संभवत: अनावश्यक है.
हम अन्ना हजारे का बहुत ही सम्मान करते हैं और उन्होंने जो रास्ता चुना है वह ‘प्रीमेच्योर’ है.’
उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी अपील का उल्लेख किया और कहा कि लोकतंत्र में सरकार विधेयक पेश करती है और संसद उसे पारित करती है और इस बात की पर्याप्त गुंजाइश रहती है कि अगर कोई रचनात्मक सुझाव आता है तो संशोधन पेश किये जा सकते हैं.
उधर भाजपा ने हज़ारे से अनशन समाप्त करने की अपील करते हुए सरकार से कहा कि वह काफी समय से लंबित इस विधेयक को लाए जाने की दिशा में कदम उठाने के लिए तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाए जिसमें हजारे जैसे सामाजिक कार्यकर्ता भी आमंत्रित हों.
पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, पूरा देश आज यह आस लगाए हुए है कि कैंसर का रूप ले चुके भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रभावी कदम उठाए जाएं.