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भारत

तस्‍वीरों में 'दीदी' की कामयाबी की कहानी...

तस्‍वीरों में 'दीदी' की कामयाबी की कहानी...
  • 1/36
बंगाल की ‘दीदी’ ने वाम मोर्चे की 34 वर्ष पुरानी ‘दादागिरी’ समाप्त करते हुए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का परचम लहराया.
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  • 2/36
पश्चिम बंगाल में परिवर्तन के रथ पर सवार ममता ने तीन दशक से अधिक समय से सत्ता पर काबिज वाम विचारधारा को जड़ से उखाड़ फेंका.
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  • 3/36
ममता ने अपने सहयोगी दलों कांग्रेस और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआई) के साथ मिलकर वाम मोर्चे को तगड़ा झटका दिया.
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  • 4/36
ममता के गठबंधन को 294 सदस्यीय विधानसभा में 225 सीटें मिलीं.
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  • 5/36
हालांकि रेल मंत्री ममता बनर्जी ने हालांकि खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा.
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  • 6/36
कृषि और उद्योग के बीच संतुलन साधने से ही ममता ने सफलता का स्वाद चखा है.
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  • 7/36
माकपा के 34 वर्षों के शासन को खत्म करने में ममता बनर्जी की सफलता कृषि और उद्योग क्षेत्र की आकांक्षाओं के बीच संतुलन साधने एवं राज्य के विकास पर आधारित है.
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  • 8/36
ममता बनर्जी ने खुद को गरीबों का नेता, अल्पसंख्यकों का दोस्त और समग्र विकास के पक्षधर के तौर पर पेश कर विधानसभा की 294 में से 184 सीटों पर जीत दर्ज की.
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  • 9/36
ममता ने किसानों के इस भय को भुनाया कि उनकी जमीन उद्योग के लिये छीनी जा सकती है, जबकि निवेशकों को यह आश्वस्त करने में सफल रहीं कि उनके हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी.
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  • 10/36
उत्तर बंगाल में कांग्रेस और वाम मोर्चे की तुलना में ज्यादा कमजोर तृणमूल कांग्रेस इलाके में बड़ी ताकत के रूप में उभरी.
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  • 11/36
कई इलाकों में रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन कर एवं क्षेत्र में आवागमन की सुविधा को सुधारकर ममता ने विकास का कार्ड खेला.
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  • 12/36
उत्तर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने 54 में से 16 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि इसके सहयोगी कांग्रेस ने 17 सीटें जीतीं.
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  • 13/36
इस बार वाम मोर्चा को सिर्फ 16 सीटें मिलीं, जिसने 2006 में 38 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को तीन सीट और निर्दलियों ने दो सीटों पर कब्जा किया.
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  • 14/36
तृणमूल कांग्रेस को दक्षिण दीनाजपुर जिले में बड़ी सफलता हासिल हुई, जिसने छह में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की.
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  • 15/36
सिलीगुड़ी में इसके उम्मीदवार रुद्रनाथ भट्टाचार्य ने माकपा के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य को परास्त किया जिन्हें उत्तर बंगाल का ‘मुख्यमंत्री’ कहा जाता है.
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  • 16/36
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में परिवर्तन की आंधी में राज्य में 34 वर्ष से जारी वाममोर्चा के शासन का खत्मा हुआ.
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  • 17/36
मोर्चा सरकार के मुखिया बुद्धदेव भट्टाचार्य, उद्योग मंत्री एवं माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य निरूपम सेन समेत कई दिग्गजों को नवागंतुकों के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा.
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  • 18/36
बुद्धदेव 1987 के बाद से जादवपुर सीट से कभी भी चुनाव नहीं हारे थे. वे राज्य में वाममोर्चा के खेवनहार की भूमिका में थे, लेकिन परिवर्तन की बयार इतनी तेज थी कि उन्हें पूर्व मुख्य सचिव एवं तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ने वाले मनीष गुप्ता के हाथों 16 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा.
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  • 19/36
माकपा नेता एवं राज्य के वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता को भी राजनीतिक में पहली बार कदम रखने वाले फिक्की के पूर्व महासचिव एवं तृणमूल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अमित मित्रा के हाथों उत्तरी 24 परगना करदाहा सीट पर 26,154 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा.
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  • 20/36
वहीं बर्धवान से उद्योग मंत्री निरुपम सेन को पूर्व प्रोफेसर और तृणमूल उम्मीदवार रवि रंजन चट्टोपाध्याय के हाथों 36,438 मतों से भारी पराजय का सामना करना पड़ा.
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  • 21/36
पश्चिम बंगाल में तृणमूल की जीत से सिंगूर के लोग भी आशान्वित हो उठे हैं.
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  • 22/36
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस-कांग्रेस गठबंधन की जीत से सिंगूर में स्थगित हो चुकी टाटा की नैनो कार परियोजना के कारण अपनी जमीन गंवा चुके लोग फिर से आशान्वित हो उठे हैं.
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  • 23/36
2008 में ममता बनर्जी ने सिंगूर में जमीन नहीं देने की इच्छा रखने वाले किसानों को उनकी 400 एकड़ जमीन लौटाने की मांग की थी, जिसके बाद परियोजना पर रोक लग गई थी.
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  • 24/36
इलाके के लोगों का कहना है कि ममता दीदी के अलावा कोई भी मदद के लिए सामने नहीं आता है.
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  • 25/36
इलाके के अधिकतर लोगों ने कहा कि इस गठबंधन के जीतने से उनकी आस फिर से जगी है.
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  • 26/36
बहरहाल, ममता बनर्जी ने कांग्रेस को सरकार में शामिल होने का निमंत्रण दिया है.
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  • 27/36
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में बनने वाली नयी सरकार में शामिल होने का निमंत्रण दिया है.
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  • 28/36
हालांकि कांग्रेस ने तृणमूल के इस निमंत्रण पर कोई फैसला नहीं किया है.
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  • 29/36
कांग्रेस ने कहा है कि इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं और नए चुने गए विधायकों की राय के बाद ही फैसला किया जाएगा.
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  • 30/36
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ दक्षिण कोलकाता स्थित अपने निवास पर करीब 50 मिनट चली बातचीत में ममता ने कांग्रेस को उनकी सरकार में शामिल होने का प्रस्ताव दिया.
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  • 31/36
बैठक के बाद ममता ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम एक मजबूत गठजोड़ थे और विधानसभा चुनाव परिणामों ने इस पर मुहर लगाई.
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  • 32/36
ममता ने कहा, ‘‘अच्छी सरकार बनाने के लिए हम मजबूत गठजोड़ बने रहेंगे.’’
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  • 33/36
दूसरी ओर कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, ‘‘हम अपने नए चुने गए विधायकों का इस मुद्दे पर सोमवार को रुख लेंगे.’’
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कृषि और उद्योग के बीच संतुलन साधने से ही ममता ने सफलता का स्वाद चखा है.
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ममता के गठबंधन को 294 सदस्यीय विधानसभा में 225 सीटें मिलीं.
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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में परिवर्तन की आंधी में राज्य में 34 वर्ष से जारी वाममोर्चा के शासन का खत्मा हुआ.
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