चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव के घोषित नतीजों में असम में कांग्रेस ने शानदार तिकड़ी जमाते हुए दो तिहाई बहुमत के साथ अपना गढ़ मजबूत किया और केरल में महीन बहुमत से वाम लोकतांत्रिक मोर्चे से सत्ता छीन ली. हालांकि पुडुचेरी में उसे बागियों के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी.
पश्चिम बंगाल में परिवर्तन के रथ पर सवार ममता ने तीन दशक से अधिक समय से सत्ता पर काबिज वाम विचारधारा को जड़ से उखाड़ फेंका. ममता ने अपने सहयोगी दलों कांग्रेस और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआई) के साथ मिलकर वाम मोर्चे को तगड़ा झटका दिया.
बंगाल में ममता के गठबंधन को 294 सदस्यीय विधानसभा में 225 सीटें मिलीं. रेल मंत्री ममता बनर्जी ने हालांकि खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा.
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद अब लाल के बाद अब बंगाल का रंग हुआ हरा.
तृणमूल कांग्रेस के लिए हरा रंग ‘जागृति’ का है. उसने इसे अपने रंग के तौर पर अपनाया है जो उसके चुनाव चिह्न ‘जोड़ा घास फूल’ से अभिव्यक्त होता है.
विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद सड़कों और गलियों में ना सिर्फ हरे बल्ब जलाए गए, बल्कि ढेर सारे लोगों ने हरी टी-शर्ट पहनी, अनेक औरतों ने हरी साड़िया पहनी.
बंगाल में लोगों ने हरी छतरियों का इस्तेमाल किया. औरतों ने हरे रंग के बैग से अपनी खुशी का इजहार किया.
गुवाहाटी में कांग्रेस समर्थकों ने जीत के बाद जमकर आतिशबाजी की.
बंगाल में जीत के जश्न में उड़ाया गया गुलाल का रंग भी हरा था.
बंगाल में हरे रंग का यह बहार सिर्फ कपड़ों तक नहीं था. यह रंग मिष्ठानों में भी झलका. लोगों ने हरे रंग में डुबोये रसगुल्ले और अन्य मिठाइयों का लुत्फ लिया.
बंगाल में हरे रंग का यह उफान कारोबार में भी छाया. लोगों में हरे रंग के कपड़े पहनने के बढ़े फैशन को देखते हुए कोलकाता के बड़ाबाजार, गरियाहाट और एस्पलानेड के थोक विक्रेताओं ने
हरे रंग की लिबासों के ऑर्डर दिए हैं.
पूरा बंगाल हरितमय हो गया, लाल रंग के साढ़े तीन दशक के प्रभुत्व के बाद शायद यह हरित क्रांति थी जो उभर रही थी.
अभिनेता शरद कपूर ने भी जमकर हरे रंग से जीत का जश्न मनाया.
कोलकाता में वाममोर्चा की चुनावी हार पर एसएमएस चुटकुलों और ट्वीट का बहार आया हुआ है.
वचरुअल वर्ल्ड या आभासी दुनिया में तृणमूल और वाम मोर्चा की यह चुनावी जंग भी कमोबेश हरे और लाल रंग के बीच प्रतियोगिता में सिमट गई है.
चुनावी नतीजो के एलान के बाद तृणमूल के वरिष्ठ नेता एवं मशहूर क्विज मास्टर डेरेक ओब्रीयेन ने एक ट्वीट पोस्ट की जिसमें कहा गया है, ‘दुनिया में एक ट्रैफिक लाइट जो 34 साल से लाल थी, बस हरी हो गई.’
एक ट्वीट और फेसबुक स्टैटस संदेश में कहा गया है कि ‘बंगाल हरा हुआ’ और ‘बंगाल में यह हरित क्रांति है.’
अपने प्रभुत्व के समय वाम मोर्चा ने भी इस तरह की चीजों का उपयोग किया था. उसने पार्टी की जीत का जश्न मनाने के लिए लाल टी-शर्ट, लाल गुलाल और लाल हैलोजन बल्ब का उपयोग किया था.
पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिन के समय ही जमकर आतिशबाजी की और जीत का भरपूर इजहार किया.
कांग्रेस असम और केरल में अपना झंडा बुलंद करने में कामयाब रही.
पुडुचेरी की सत्ता थोड़े अंतर से कांग्रेस के हाथ से फिसल गई.
तमिलनाडु में 12.41 प्रतिशत मतों के अंतर ने अन्नाद्रमुक गठबंधन को भारी जीत दिला दी और वह 234 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटें हासिल करने में कामयाब रहा.
अन्नाद्रमुक मोर्च में अन्नाद्रमुक के अलावा वाम दल, डीएमडीके और एमएमके शामिल है. गठबंधन के पक्ष में 3,68,22,591 लोगों ने मतदान किया जो कुल मतदान का 51.82 प्रतिशत है. दूसरी ओर द्रमुक मोर्चा को 39.41 प्रतिशत मतों से ही संतोष करना पड़ा और उसे सिर्फ 31 सीटें मिलीं.
तमिलनाडु में दोनों गठबंधनों को मिले मतों के बीच भारी अंतर के लिए द्रमुक शासनकाल से लोगों की नाराजगी, 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला, बिजली की कटौती, आसमान छूती महंगाई और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति जैसे मुद्दों को प्रमुख कारण माना गया.
अन्नाद्रमुक का मानना है कि द्रमुक विरोधी मतों को बिखरने से बचाने के लिए जयललिता ने जो गठबंधन बनाया, उसका भी काफी फायदा मिला.
तमिलनाडु ने ‘विजेता को सब कुछ सौंप देने’ की अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखते हुए जयललिता को शानदार तरीके से सत्ता के गलियारों तक वापस पहुंचाया. उनका गठबंधन 234 सदस्यीय विधानसभा में 203 सीटों पर जीत दर्ज की.
अन्नाद्रमुक ने राज्य में 160 सीटों पर किस्मत आजमाई थी और 150 पर जीत हासिल की. इस तरह पार्टी 234 सदस्यीय विधानसभा में 117 के जादुई आंकड़े को पार कर लिया है.
श्रीरंगम से 41 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल करने वाली जयललिता ने इसे लोगों की द्रमुक सरकार के खिलाफ नाराजगी का नतीजा बताया. वहीं 87 वर्षीय मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने हार स्वीकार करते हुए अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है और कहा कि उन्हें सही से आराम मिला है.
जयललिता ने कहा, अन्नाद्रमुक सरकार की पहली और शीर्ष प्राथमिकता कानून व्यवस्था बहाल करना तथा चुनावी वादों को लागू करना है.
केरल के मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन की मालमपुझा सीट को बरकरार रखने की खुशी मनाते समर्थक.
जीत के बाद असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने अपने परिवार के साथ खुशियां मनाई.
ऑल इंडिया नामाथु राज्यम कांग्रेस की जीत पर कार्यकर्ताओं ने जम कर गुलाल उड़ाये.
तरुण गोगोई ने जीत का कारण असम में पिछले 10 सालों के विकास को बताया.
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने बीरभूम के नलहट्टी से चुनाव जीता.
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक के शानदार प्रदर्शन से बेहद उत्साहित जयललिता की प्रशंसक एक महिला ने थेणी की एक मंदिर में अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी. उसने प्रण लिया था कि यदि जयललिता के नेतृत्व में अन्नाद्रमुक सत्ता में आया तो वह अपनी जीभ काट लेगी. रामनाथपुरम से ताल्लुक रखने वाली संगीता को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने विश्वास जताया कि कटी हुई जीभ को वापस जोड़ दिया जाएगा.
असम में तरुण गोगोई की जीत के बाद जमकर आतिशबाजी की गई.
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अभिजीत मुखर्जी.
जगन की जीत पर जश्न मनाते समर्थक.
जीत के बाद राज्यपाल से मिलने पहुंची ममता बनर्जी.
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई अपने परिवार संग गुवाहाटी स्थित कामख्या देवी के दर्शन करने पहुंचे.
क्या बच्चे क्या बूढ़े और जवान, सभी ने अपने पार्टी उम्मीदवार की जीत का जश्न खुल कर मनाया और जमकर आतिशबाजी की.
कोच्चि में भारतीय राष्ट्रीय मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के कार्यकर्ताओं ने मल्लप्पुरम जिले की वेंगारा सीट से पार्टी के उम्मीदवार पी के कुंजालिकुट्टी की जीत का जश्न मनाया.
जीत की खुशी में जमकर आतिशबाजी भी की गई.
हैदराबाद में कडप्पा लोकसभा सीट पर जगन मोहन रेड्डी की जीत का जश्न मनाया गया.
तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार साबित्री मित्रा ने मालदा की मानिकचाक सीट से जीत दर्ज की.
जगन की माता विजयलक्ष्मी ने पुलिवेंदुला विधानसभा सीट पर हुए पुनर्मतदान में अपने कांग्रेसी प्रतिद्वंद्वी और रिश्तेदार वाईएस विवेकानंद रेड्डी को 81,000 मतों से हराया.
कांग्रेस छोड़ने के बाद अपनी पहली चुनावी सफलता का स्वाद चखते हुए वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कडप्पा लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में भारी जीत हासिल की.
केरल में कांग्रेस की सफलता का कारण चांडी वास्तव में एक जन नेता हैं जो हमेशा लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच रहने की कोशिश करते हैं. वह 1970 से ही केरल में कांग्रेस में करुणाकरण विरोधी धुरी के अग्रिम मोर्चे के सैनिक रहे हैं.
असम में कांग्रेस ने अभूतपूर्व सफलता दर्ज की. जीत के बाद कांग्रेस समर्थक सड़कों पर उमर पड़े.
विधानसभा चुनाव में जीत की खुशी में गले मिलते सफल प्रत्याशी.
लोगों ने अपनी पार्टी की जीत का जश्न कुछ यूं मनाया...
जीत के बाद लोगों का हुजूम जश्न मनाने सड़क पर उतर पड़ा.
लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई.
ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव में जीत के बाद राज्यपाल से मिलने पहुंचीं.
विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन पर मंथन करते भाजपा सदस्य.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी पहली बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे थे और उन्हें जनता ने जीत का ताज पहना दिया.
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने जीत के बाद लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.
जयललिता के समर्थक उनकी तस्वीर के साथ जश्न मनाते नजर आए.
असम में कांग्रेस की लगातार तीसरी जीत का सेहरा सोनिया गांधी की तस्वीर को लड्डू समर्पित कर दिया गया.
जीत के बाद विक्ट्री साइन दिखाते उम्मीदवार.
जयललिता के समर्थक जीत की खुशी में सड़कों पर निकल आए.
समर्थकों ने अपने शरीर को पार्टी के रंग में रंग दिया.
असम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी की अभूतपूर्व जीत का कुछ इस तरह मनाया जश्न.
केरल में पिछले चार दशकों से कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे ओमन चांडी एक कुशल संगठनकर्ता और जबर्दस्त नीतिकार रहे हैं. 2004 से 2006 तक मुख्यमंत्री रहे चांडी ने अपने मोर्चे की 2006 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद पिछले पांच सालों में नेता विपक्ष की भूमिका निभाई है. चांडी कांग्रेस के एकमात्र ऐसे नेता हैं जो कोट्टायम जिले के अपने गृहक्षेत्र पुथुपल्ली से 1970 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं.
कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी ने पब्लिक में आकर अपनी पार्टी की हार स्वीकार की.
जीत की खुशियां शरीर पर पार्टी का चुनावी रंग पोत कर भी मनाया गया.
पश्चिम बंगाल के सत्ता के हेडक्वार्टर रॉयटर्स बिल्डिंग में चुनाव के नतीजे आने के बाद सन्नाटा पसर गया.
पुडुचेरी में अन्ना द्रमुक की पुडुचेरी इकाई के सचिव अनबालगन और उनके भाई ए. भास्कर जीत के बाद जश्न मनाते हुए.
कडप्पा लोकसभा सीट पर जगन मोहन रेड्डी की जीत का जश्न हैदराबाद में मनाया गया.
जगन मोहन रेड्डी कडप्पा लोकसभा उपचुनाव में जीते तो उनकी मां वाय एस विजया लक्ष्मी पुलिवेंदुला विधानसभा उपचुनाव में विजयी रहीं.