बाबा रामदेव का जन्म भारत में हरियाणा राज्य के महेन्द्रगढ जनपद स्थित अली सैयद्पुर नामक एक साधारण से गाँव में 25 दिसम्बर, 1965 को हुआ था.
उनकी माँ गुलाब देवी एक धर्मपरायण महिला व उनके पिताश्री रामनिवास यादव एक कर्तव्यनिष्ठ गृहस्थ हैं. बाबा के बचपन का नाम रामकृष्ण था.
बाबा रामदेव जब 9 वर्ष के थे, कमरे में लगे क्रान्तिकारी रामप्रसाद 'बिस्मिल' व स्वतन्त्रता-सेनानी सुभाषचन्द्र बोस के चित्र टकटकी लगाकर घण्टों देखते थे.
रामदेव के पहुंचने से काफी पहले ही केंद्रीय मंत्री हवाई अड्डे पहुंच गये थे. मंत्रियों के साथ कैबिनेट सचिव के. एम चंद्रशेखर भी शामिल थे.
बाबा रामदेव के शनिवार से अनशन पर जाने के ऐलान से चिंतित सरकार ने उन्हें मनाने के लिये एक असाधारण कदम उठाया और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी तथा तीन अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को योगगुरु से बातचीत करने हवाई अड्डे भेज दिया.
बीते अप्रैल में गांधीवादी अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा आंदोलन चलाने के बाद उपजी स्थितियों की पुनरावृत्ति रोकने की कोशिश में केंद्रीय मंत्रियों मुखर्जी, कपिल सिब्बल, पवन कुमार बंसल और सुबोधकांत सहाय ने यहां हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर रामदेव से बातचीत की.
आस्था चैनल पर योग का कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिये माधवकान्त मिश्र को किसी योगाचार्य की आवश्यकता थी. वे हरिद्वार जा पहुँचे जहाँ स्वामी रामदेव आचार्य कर्मवीर के साथ गंगा-तट पर योग सिखाते थे.
वहाँ से सिद्धि प्राप्त कर प्राचीन पुस्तकों व पाण्डुलिपियों का अध्ययन करने हरिद्वार आकर कनखल के कृपालु बाग आश्रम में रहने लगे.
कुछ समय तक कालवा गुरुकुल,जींद जाकर नि:शुल्क योग सिखाया तत्पश्चात् हिमालय की कन्दराओं में ध्यान और धारणा का अभ्यास करने निकल गये.
स्वामी रामदेव ने सन् 1995 से योग को लोकप्रिय और सर्वसुलभ बनाने के लिये अथक परिश्रम करना प्रारम्भ किया.
बाबा रामदेव योग करने आए लोगों से मिलते हुए.
बाबा प्रत्येक समस्या का समाधान योग व प्राणायाम ही बतलाते हैं. बाबा की इस बात में वाकयी दम है,कोई करके तो देखे!
अमेरिका, इंग्लैण्ड व चीन सहित् विश्व के 120 देशों की लगभग 100 करोड़ से अधिक जनता टी०वी० चैनलों के माध्यम से बाबा के क्रान्तिकारी कार्यक्रमों की प्रसंशक बन चुकी है और स्वास्थ्य लाभ पाप्त कर रही है.
बाबा ने अभी हाल ही में अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की पुण्य-तिथि(27 फरवरी 2011) को दिल्ली में भ्रष्टाचार के विरुद्ध विशाल रैली का आयोजन किया था जिसमें भारी संख्या में देश की जागरुक जनता ने पहुँचकर न सिर्फ उन्हें नैतिक समर्थन दिया अपितु कई करोड़ लोगों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भी सौंपा.
इटली व स्वीट्जरलैण्ड के बैंकों में जमा लगभग 400 लाख करोड़ रुपये के काले धन को स्वदेश वापस लाने की माँग करते हुए बाबा आजकल आम जनता में जागृति लाने हेतु भारत-भ्रमण पर निकले हुए हैं.
सम्पूर्ण भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के साथ-साथ एवं यहाँ के मेहनतकशों के खून-पसीने की गाढी कमाई को देश के राजनीतिक लुटेरों द्वारा विदेशी बैंकों में जमा करने के खिलाफ उन्होंने व्यापक जनान्दोलन छेड़ रखा है.
इन सेवा-प्रकल्पों के माध्यम से बाबा रामदेव योग, प्राणायाम, अध्यात्म आदि के साथ-साथ वैदिक शिक्षा व आयुर्वेद का भी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.
2006 में महर्षि दयानन्द ग्राम, हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के अतिरिक्त अत्याधुनिक औषधि निर्माण इकाई पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड नाम के दो सेवा प्रकल्प स्थापित किये.
स्वामी रामदेव ने किशनगढ़,घासेड़ा तथा महेन्द्रगढ़ में वैदिक गुरुकुलों की स्थापना की.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी असाधारण रुख दर्शाते हुए रामदेव से अनशन पर नहीं जाने का अनुरोध किया है और उनसे वादा किया है कि भ्रष्टाचार के मसले से निपटने के लिये ‘व्यावहारिक और परिणाम-मूलक’ समाधान निकाला जायेगा.
मंच पर बाबा रामदेव पर फूलों की बारिश हुई.
योगगुरु मध्य प्रदेश के उज्जैन से चार्टर्ड जेट में सवार होकर हवाई अड्डे पहुंचे. वह प्रधानमंत्री और भारत के प्रधान न्यायाधीश को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने संबंधी अपने मंगलवार के वक्तव्य से बुधवार को पलट गये.
उन्होंने योगगुरु को यह विश्वास भी दिलाया है कि सरकार समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में उनके और समाज के सदस्यों के साथ काम करने की इच्छुक है.
नरेंद्र मोदी के साथ बैठे हुए बाबा रामदेव.
सिंह ने पत्र में उम्मीद जतायी कि बाबा रामदेव आमरण अनशन पर जाने के अपने फैसले को बदल देंगे.
सिंह ने अपने पत्र में रामदेव को बताया कि वित्त मंत्री मुखर्जी और अधिकारी उनके उठाये गये मुद्दों पर बातचीत जारी रखेंगे.
बाबा रामदेव और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर मौजूद.
मंच पर बैठे बाबा रामदेव भाजापा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ बात करते हुए.
संघ के एक समारोह में स्वामी रामदेव अन्य हिन्दू धर्मगुरुओं के साथ.
बीते अप्रैल में गांधीवादी अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा आंदोलन चलाने के बाद उपजी स्थितियों की पुनरावृत्ति रोकने की कोशिश में केंद्रीय मंत्रियों मुखर्जी, कपिल सिब्बल, पवन कुमार बंसल और सुबोधकांत सहाय ने यहां हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर रामदेव से बातचीत की.
योगगुरू ने कहा कि मंत्रियों ने गंभीरता के साथ मुद्दों पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, ‘सरकार के समक्ष भ्रष्टाचार, कालेधन और समयबद्ध तरीके से व्यवस्था में सकारात्मक सुधार लाने जैसे जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दे मौजूद हैं.’
फिर एक विधेयक लाया जाना चाहिये.
कर चोरी के पनाहगाह माने जाने वाले देशों में छिपा कर रखे गये कालेधन को वापस लाने के लिये एक अध्यादेश जारी होना चाहिये.
रामदेव ने कहा कि कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाना चाहिये.
उनमें मजबूत लोकपाल बनाने, सभी राज्यों में लागू करने के लिये सार्वजनिक सेवा वितरण गारंटी कानून बनाने और भ्रष्टाचारियों को अधिकतम मौत की सजा देने सहित एक वर्ष के भीतर फैसले देने के लिये फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना करने का मुद्दा शामिल है.
सिब्बल ने चर्चा का अधिक विवरण देने से इनकार कर दिया. कालेधन और भ्रष्टाचार को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए रामदेव ने कहा कि जो मुख्य मुद्दे सरकार के समक्ष उठाये गये हैं.
सरकार न सिर्फ इस बारे में गंभीरता से सोचेगी, बल्कि इस दिशा में आगे कदम भी उठायेगी.’
उन्होंने कहा, ‘हम एक जवाबदेह सरकार चला रहे हैं. हम सभी मुद्दों पर कदम उठायेंगे. ये गंभीर मुद्दे हैं.
ये महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे हैं. वे एक या दो मुद्दे तक सीमित थे. लेकिन उनके पास कई मुद्दे हैं. हमने प्रत्यक्ष रूप से उन पर प्रतिक्रिया दी है.’
सिब्बल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘उन्होंने (रामदेव ने) ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाये, जो देश के भविष्य पर असर डालते हैं.
बाबा रामदेव अपने योगाआश्रम में अब हर आधुनिक सामग्रियों का उपयोग करते हैं.
ये है हरिद्वार स्थित बाबा रामदेव का पतंजलि योगपीठ.
बाबा रामदेव के साथ लालकृष्ण आडवाणी और श्रीश्री रविशंकर.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बाबा रामदेव के साथ रेखा पुरी.
लोगों को योग कराते बाबा रामदेव.
और ये है बाबा रामदेव का महेंद्रगढ़ स्थित घर. और चित्र में उनके बड़े भाई और भाभी अपने बच्चों के साथ.
समीपवर्ती गाँव शहजादपुर के सरकारी स्कूल से आठवीं कक्षा तक पढाई पूरी करने के बाद बाबा रामदेव ने खानपुर गाँव के एक गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न व योगाचार्य बल्देवजी से संस्कृत व योग की शिक्षा ली.
यह रहस्योद्घाटन स्वयं बाबा रामदेव ने २० फरवरी २०११ को डिब्रूगढ (असम) के बेडिया कम्यूनिटी हाल में विशिष्ट व्यक्तियों की एक सार्वजनिक सभा को सम्बोधित करते हुए किया था.
बाबा रामदेव हेडलाइंस टुडे के बहुचर्चित टॉक शो ऑन द काउस विद कोयल में एंकर कोयल पुरी के साथ बात करते हुए.
बाबा रामदेव मन में विचार किया करते थे कि जब ये अपने पुरुषार्थ से युवकों के आदर्श बन सकते हैं तो वह क्यों नहीं बन सकते?
बाबा रामदेव से मिलने आई महिलाएं.