काले धन के खिलाफ चलाये बाबा रामदेव के आंदोलन पर पूरे देश के लोगों में विभिन्न मत हैं. जहां एक ओर बाबा को भारी समर्थन मिल रहा है और केद्र सरकार की आधी रात को की गई कार्रवाई को बर्बर करार दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर बाबा के विरोध में भी कई स्वर उठे हैं. सबसे पहले तो केंद्र सरकार ने ही बाबा का विरोध किया और फलस्वरूप कार्रवाई की.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने तो बाबा रामदेव को ठग तक बता दिया.
दिग्विजय सिंह के बाबा रामदेव को ठग बताये जाने के एक दिन बाद ही कांग्रेस के एक और महासचिव ने बाबा को ढोंगी करार देते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रतलाम जिला कांग्रेस द्वारा बिजली की दरों में वृद्धि और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी बी. के. हरिप्रसाद ने कहा कि बाबा रामदेव संत नहीं बल्कि ढोंगी हैं और वह भगवा वस्त्रों की आड़ में राजनीति कर रहे हैं.
हालांकि कई ऐसे भी संगठन हैं जिन्होंने बाबा रामदेव के साथ अनशन पर बैठे लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई की कड़ी निंदा की है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं को लामबंद करने के लिये गठित संगठन ‘यूथ अगेन्स्ट करप्शन’ के साथ मिलकर विभिन्न संगठनों ने बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर हुई पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की. संगठनों ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई आपातकाल के दिनों की याद दिलाती है और ऐसी स्थिति निर्मित होने से रोकने के लिये जनांदोलन करने की जरूरत है.
‘यूथ अगेन्स्ट करप्शन’ के प्रमुख सुनील बंसल ने नई दिल्ली में ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ आमसभा’ को संबोधित करते हुए कहा कि 29 मई को हमने एक बैठक कर बाबा रामदेव के अनशन को अपना समर्थन देने का फैसला किया था. लेकिन इसके बाद 4 जून के घटनाक्रम ने हर एक देशवासी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या उसके मूल अधिकार सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि 4 जून को रामदेव के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में हर देशवासी को आगे आना चाहिये. रामदेव के समर्थकों पर यह कार्रवाई इस देश के हर आम आदमी के विरोध करने के हक को कुचल देने के समान थी. बंसल ने कहा कि हम इंडिया गेट पर रामदेव के समर्थन में मोमबत्तियां जलाने वाले थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने शहर भर में धारा 144 लागू कर दी और हमें विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी.
हरिद्वार में बाबा रामदेव ने सोमवार की शाम को दावा किया कि आईबी और रॉ जैसी एजेंसियां पतंजलि योगपीठ से बाहर रहकर उन पर और उनके आंदोलन पर नजर रखे हुए हैं. पतंजलि योगपीठ में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि उनके पास विश्वसनीय सूत्रों से यह जानकारी आई है. रामदेव ने कहा कि हो सकता है कि दिल्ली की तरह ही हरिद्वार में भी उन पर कार्रवाई कर उन्हें जेल में डाला जा सकता है और यदि ऐसा कुछ होता है तो देश में पैदा होने वाले जनाक्रोश और आंदोलन की जिम्मेदारी सरकार की होगी.
रामदेव ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान पर कार्रवाई के दौरान सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिये. जो कैमरे बच गये, पुलिस अब उनके फुटेज इकट्ठे कर बर्बरता होने के सबूत नष्ट करने की कोशिश कर रही है. रामलीला मैदान पर कार्रवाई के दौरान घायल हुए लोगों को यहां पतंजलि योगपीठ लाये जाने के बाद योगगुरु ने उनसे मुलाकात की. रामदेव ने कहा कि हम सभी घायलों के इलाज का खर्च खुद उठायेंगे. हम सरकार की दया के पात्र नहीं हैं.
रामदेव ने अपना अनशन जारी रखने की बात कही है, जबकि अपने समर्थकों से अनशन तोड़ने को कहा है. योगगुरु ने यह भी संकेत दिये कि अगर सरकार की तरफ से कोई संपर्क होता है तो बातचीत के प्रति उनका नजरिया खुला है.
अपने रुख में जाहिरा तौर पर कुछ नरमी लाते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने रामलीला मैदान पर हुई कार्रवाई के लिये प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को व्यक्तिगत रूप से माफ कर दिया है, लेकिन फिर भी वह मानते हैं कि सरकार ने लोकतंत्र को कलंकित करने वाला काम किया है.
राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों और धरने के केंद्र जंतर-मंतर पर एक साथ पांच या इससे ज्यादा लोगों के जमा होने संबंधी प्रतिबंध लगने के बाद यहां का वातावरण बोझिल हो चला है. लोगों की चहल-पहल से गुलजार रहने वाले इस जगह पर अब वीरानगी सी छाई हुई है और हर तरफ दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान तैनात हैं वहीं जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए हैं. दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारी सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ कर रहे हैं कि वे अपने धरने के लिए विशेष अनुमति कैसे पाएं. गौरतलब है कि बाबा रामदेव के समर्थकों को जंतर-मंतर पर जमा नहीं होने देने के लिए सरकार ने नई दिल्ली जिले में धारा 144 लागू कर दिया था.
रामदेव समर्थकों ने हरिद्वार में ‘काला दिवस’ मनाया और जुलूस निकालकर केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री और कांग्रेेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ नारेबाजी की.
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने कहा है कि रामदेव के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बयान उन्हें आपातकाल के दिनों की याद दिलाता है जब इसी तरह के भाषा का इस्तेमाल तत्कालीन शासकों ने किया था. सुषमा ने माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, ‘जब आपात काल लागू किया गया तब इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल तत्कालीन शासकों ने किया था और कहा था, ‘आपातकाल दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इसका कोई विकल्प नहीं था.’ उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान पर आश्चर्य जताया.
नई दिल्ली के रामलीला मैदान के अनशन स्थल से हटाये जाने के बाद योग गुरू बाबा रामदेव से यहां पतंजलि योगपीठ में मुलाकात करने वाले सैकडों लोगों का सिलसिला जारी है. लोग बाबा रामदेव से मुलाकात कर उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं. बाबा रामदेव से मुलाकात करने वालों में मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती प्रमुख रूप से शामिल रहीं. उमा ने बाबा से थोडी देर तक बातचीत की. हालांकि, बातचीत का ब्यौरा उपलब्ध नहीं हो पाया. योगपीठ से जुडे सूत्रों ने बताया कि उमा भारती ने बाबा के साथ किये सलूक की कडी शब्दों में निंदा की और बाबा को अपना पूरा पूरा समर्थन दिया है. उमा भारती ने सार्वजनिक रूप से कुछ भी नहीं कहा और व्यथित नजर आ रही थीं.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने रामलीला मैदान में मध्य रात्रि में महिलाओं तथा बच्चों समेत बाबा रामदेव के समर्थकों पर पुलिस कार्रवाई की आज कड़ी आलोचना की और उसने योगगुरू के अनशन का समर्थन किया. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएस ने अपने पुत्तुर (केरल) बैठक में एक प्रस्ताव स्वीकार कर रामदेव को पूरा समर्थन दिया है.
मध्यरात्रि में बाबा रामदेव एवं उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से इस घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी है. एनसीडब्ल्यू की कार्यकारी अध्यक्ष यास्मिन अबरार ने भाजपा की महिला शाखा की अध्यक्ष स्मृति ईरानी से मुलाकात के बाद कहा कि दिल्ली पुलिस से इस घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी है. एक पत्र भेजा है और उम्मीद करते हैं कि इसका जवाब 15 दिनों में मिल जायेगा. स्मृति ईरानी ने एनसीडब्ल्यू के समक्ष रामलीला मैदान की घटना के विषय में शिकायत दर्ज करायी है.
बाबा रामदेव और प्रशंसकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान हिंसा करने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों की गिरफ्तारी पुलिसकर्मियों पर ईंट-पत्थर, फूलों के गमले और ठोस वस्तुयें फेंकने के कारण किया गया है. इससे पहले कमला मार्केट पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा करने, लोकसेवकों को अपना काम करने से रोकने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाने के आरोप में एक मामला दर्ज किया गया था.
गाजियाबाद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कलराज मिश्र ने गांधी पार्क में बाबा रामदेव के समर्थन एवं केन्द्र सरकार की तानाशाही हुकूमत के विरोध में 24 घंटे का अनशन शुरू किया और कहा कि बाबा रामदेव के जनांदोलन व भ्रष्टाचार के खिलाफ किये गये आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने बर्बरता दिखाते हुए लाठीचार्ज व अन्य अत्याचार धरने में शामिल लोगों पर किये है. इसका जवाब केंद्र सरकार को देना ही होगा और यह बर्बरता भारी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को तानाशाही राज को छोड़कर सत्ता से मुक्त होकर देश की जनता को राहत और नये जीवन देने का काम करना होगा.
मध्यरात्रि में बाबा रामदेव एवं उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से इस घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी है. एनसीडब्ल्यू की कार्यकारी अध्यक्ष यास्मिन अबरार ने भाजपा की महिला शाखा की अध्यक्ष स्मृति ईरानी से मुलाकात के बाद कहा कि दिल्ली पुलिस से इस घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी है. एक पत्र भेजा है और उम्मीद करते हैं कि इसका जवाब 15 दिनों में मिल जायेगा. स्मृति ईरानी ने एनसीडब्ल्यू के समक्ष रामलीला मैदान की घटना के विषय में शिकायत दर्ज करायी है.
भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ अभियान के दौरान दिल्ली में योगगुरु बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के खिलाफ की गयी कार्रवाई का विरोध करते हुए जदयू ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस मुद्दे पर इस्तीफे की मांग की.
योग गुरू बाबा रामदेव और उनके समर्थकों को नयी दिल्ली के रामलीला मैदान से जबरन हटाए जाने के विरोध में कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने जम्मू में भी प्रदर्शन किया. भाजपा कार्यकर्ता नगर के पुरानी मंडी इलाके में एकत्र हुए और कांग्रेस नीत संप्रग के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी नेताओं ने सरकार की कार्रवाई को लोकतंत्र विरोधी और बर्बर बताया. पतंजलि योग ट्रस्ट के करीब 300 सदस्यों ने यज्ञ किया और बाबा के सत्याग्रह के समर्थन में भूख हड़ताल की. विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन करने वालों में एंटी करप्शन फ्रंट, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी शामिल थे.
रामदेव के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर तमाम विरोध प्रदर्शनों के बावजूद पहली बार टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया, वहीं इसे सही ठहराते हुए कहा कि उस समय कोई अन्य विकल्प नहीं था.
भाजपा ने कांग्रेस पर हर मुद्दे पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ही विषय पर सरकार का एक मंत्री एक बयान देता है, जबकि दूसरा मंत्री दूसरा बयान देता है. कालेधन के मुद्दे पर रामदेव के अभियान को पार्टी का नैतिक समर्थन होने की बात दोहराते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भ्रष्टाचार अथवा कालेधन के विरोध में जो भी अभियान चलायेगा, भाजपा उसका पूरा समर्थन करेगी.
रामलीला मैदान में मध्यरात्रि में पुलिस कार्रवाई और बाबा रामदेव की गिरफ्तारी से उपजी स्थिति पर रणनीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में भाजपा पदाधिकारियों एवं नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में सरकार के कदम को अलोकतांत्रिक करार दिया गया और देश के कोने कोने में इसका विरोध करने का फैसला किया गया.
भारतीय जनता पार्टी ने बाबा रामदेव पर ‘हमला’ करने के लिये कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने देश के लोकतंत्र पर एक धब्बा लगा दिया है.
रामलीला मैदान में पुलिस लाठीचार्ज की चपेट में आई बाबा रामदेव की समर्थक राजबाला नाम की महिला की हालत अब भी गंभीर है. उसे रीढ़ की हड्डी में चोट आई है. वह दिल्ली स्थित जीबी पंत अस्पताल में भर्ती है. 51 वर्षीय राजबाला उन 71 लोगों में से एक है जो रामलीला मैदान में पुलिस द्वारा रात के समय की गई कार्रवाई में घायल हुए हैं.
‘यूथ अगेन्स्ट करप्शन’ के कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच, आर्ट ऑफ लिविंग, ‘इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन’, शिक्षा बचाओ आंदोलन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों ने भी रामदेव पर हुई कार्रवाई का विरोध किया.
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक प्रदीप कुमार ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव के समय भाजपा द्वारा गठित विशेषज्ञों के एक कार्यबल ने विदेशों में जमा कालेधन के मुद्दे पर गौर किया था. कार्यबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कालेधन की समस्या आने वाले वक्त में एक बड़ा मुद्दा बन सकती है. उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ आंदोलन की छोटी शुरुआत उसी समय हो गयी थी, जिसे बड़ा आकार रामदेव ने दिया.
‘इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन’ के राकेश सिन्हा ने कहा कि निर्दोष सत्याग्रहियों को हटाने के लिये उन पर आधी रात को लाठीचार्ज करने और एक संन्यासी को अपमानित करने की घटना को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी देश में आपातकाल लगाये जाने से पहले अपने विरोधियों को कम से कम आगाह किया था लेकिन 4 जून की घटना दर्शाती है कि सरकार आपातकाल से भी बदतर हालात निर्मित करना चाहती है. सिन्हा ने आरोप लगाया कि रामलीला मैदान पर जो कुछ हुआ, वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रजामंदी के बिना नहीं हुआ होगा.
मध्यरात्रि में बाबा रामदेव एवं उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई के विरोध में दिल्ली के इंडिया गेट पर लोगों ने प्रदर्शन किया.
बाबा रामदेव ने कहा कि विभागीय स्तर पर नियमानुसार जिस भी बारे में कानूनन जवाब मांगा जाएगा तो मैं पूरी पारदर्शिता से दूंगा. सरकार मेरे बारे में लोगों को भ्रमित नहीं करे. रामदेव ने सरकार पर अपने और अन्ना हजारे के बीच दूरियां पैदा करने का भी आरोप लगाया.
रामदेव ने फिर कहा कि महिलाओं के कपड़े पहनकर उन्होंने देश की रक्षा के लिए खुद को बचाया. उन्होंने कहा, ‘ऐसा करने पर मुझे कोई शर्म नहीं है बल्कि गर्व है.’ उन्होंने सरकार द्वारा अपनी हत्या की साजिश की बात फिर दोहराई. बाबा ने आरोप लगाया कि सरकार मेरे और पतंजलि योगपीठ से संबंधित संस्थानों के बारे में प्रेस के माध्यम से तरह तरह के जवाब मांग रही है.
बाबा रामदेव ने दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी पर जूता फेंकने की कोशिश किये जाने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह अलोकतांत्रिक तरीका है, जिसकी ‘मैं घोर निंदा और विरोध करता हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’