जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने के बाद गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने टकराव टालने की कोशिश में अब राजघाट पर अनशन करने का फैसला किया है.
यह घोषणा हज़ारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी ने की.
उन्होंने हालांकि कहा कि जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं मिलना नागरिकों के मूल संवैधानिक अधिकारों का हनन है.
हज़ारे तथा उनके साथी शनिवार रात को रामलीला मैदान पर बाबा रामदेव के खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में एक दिन का अनशन करेंगे.
गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में यह अनशन राजघाट परिसर के पास 8 जून को सुबह 10 बजे शुरू होगा. इसमें अनशन के साथ ही सर्वधर्म प्रार्थना सभा और लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर चर्चा होगी.
भूषण ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस आयुक्त (बी के गुप्ता) ने हमें बताया कि वहां (जंतर मंतर पर) अनशन की अनुमति नहीं दी गयी है. उन्होंने हमें वहां नहीं जाने के निर्देश दिये हैं.
भूषण ने कहा कि जंतर मंतर नयी दिल्ली जिले में आता है जहां धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है.
भूषण ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम उनसे (पुलिस से) लड़ नहीं रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि हमने अनशन राजघाट पर करने का फैसला किया है जहां धारा 144 लागू नहीं है.
लेकिन भूषण ने आगाह किया कि सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिये अन्यथा लोग अभिव्यक्ति के अन्य तरीके अपनाने लगेंगे.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जंतर मंतर पर अनशन की अनुमति नहीं दी गई है. इसका कारण रामलीला मैदान पर बाबा रामदेव के खिलाफ पुलिस कार्रवाई होने के बाद रविवार को वहां लागू की गयी निषेधाज्ञा है.
हालांकि, इस पर आरटीआई कार्यकर्ता केजरीवाल ने कहा था कि वे ‘काफी शांतिपूर्ण तरीके से’ प्रदर्शन करेंगे. अगर पुलिस रोकेगी तो हम गिरफ्तारियां देंगे.
केजरीवाल ने कहा था, ‘कोई भी अन्ना हज़ारे को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकता.
केजरीवाल ने कहा था, ‘हमें किससे अनुमति लेनी चाहिये. वे हमारे आका नहीं हैं. इस देश की जनता ही आका है. दुर्भाग्य से सरकार इस तरह से बर्ताव कर रही है, जैसे वह खुद ही आका है.
हज़ारे के एक और साथी तथा लोकपाल मसौदा समिति में शामिल न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े ने कहा कि जब तक वह सार्वजनिक पद पर हैं, तब तक वह किसी अनशन या धरने में भाग नहीं लेंगे.
कर्नाटक के लोकायुक्त ने कहा कि धारा 144 लगाना और हज़ारे को अनशन की अनुमति नहीं देना सरकार की कमजोरी का संकेत देता है.
भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि पुलिस का फैसला बताता है कि सरकार न तो समाज के सदस्यों के साथ संवाद के लिये तैयार है और न ही वह इस बारे में कोई रणनीति स्पष्ट कर रही है कि वह किस तरह टकराव वाले मुद्दों पर बातचीत करेगी.
अन्ना हजारे का कहना है कि अगर उन्हें अनशन की इजाजत नहीं दी जाती तो फिर वो गिरफ्तारी देंगे.
सीतारमण ने कहा कि सरकार को यह नहीं पता कि राष्ट्रीय महत्व वाले मुख्य मुद्दों से किस तरह निपटा जाना चाहिये.
सीतारमण ने कहा कि सरकार दिशाहीन प्रतीत हो रही है.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, जब जन आक्रोश उत्पन्न हो रहा है और जनता सरकार से बातचीत करना चाहती है तो सरकार यह नहीं जानती कि उसे किस तरह से इस स्थिति से निपटना है.
जब सरकार स्थिति से निपटना शुरू करती है तो वह हालात को और बिगाड़ देती है.
अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार समाज के सदस्यों से संवाद नहीं चाहती.
पूजा भट्ट लोकपाल बिल के पक्ष में अन्ना का समर्थन करते हुए.
उर्मिला भी अन्ना के पोस्टर के साथ.
लोग भ्रष्टाचार से काफी परेशान दिख रहे हैं.