अहमदाबाद में कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार सुबह भगवान जगन्नाथ की 134वीं रथयात्रा जमालपुर इलाके में स्थित चार सौ साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से शुरू हुई.
अहमदाबाद में कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार सुबह भगवान जगन्नाथ की 134 वीं रथयात्रा जमालपुर इलाके में स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से शुरू हो गई.
रथयात्रा की झांकी के दर्शन के लिए श्रद्धालु सुबह से ही सड़क के दोनों किनारों पर कतारबद्ध खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं.
परंपरा के मुताबिक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान जगन्नाथ, भगवान बलराम और बहन सुभद्रा की पवित्र रथयात्रा के लिए प्रतीकात्मक तौर पर ‘सड़क की सफाई’ की.
इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘भगवान जगन्नाथ से हमने देश और गुजरात की सुख-समृद्धि के लिए कामना की है.
राज्य में खेती के लिए भरपूर वर्षा का भी हमने आर्शीवाद मांगा है.’
एक स्थानीय पुजारी महंत दिलीपदास महाराज (37) इस बार भगवान की रथ यात्रा के संचालन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए भी काफी कड़े इंतजाम किए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक, 36 आईपीएस अधिकारियों सहित 15,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी का भार सौंपा गया है.
भगवान जगन्नाथ की 134वीं रथयात्रा की पूर्वसंध्या पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चार सौ साल पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर की यात्रा की और उन्हें श्रद्धासुमन चढ़ाए.
इस यात्रा के दौरान उन्होंने रथयात्रा संबंधी तैयारियों का जायजा लिया और रथयात्रा के संचालनकर्ता महंत दिलीपदास महाराज से आर्शीवाद लिया.
मंदिर की शाम की आरती के दौरान भी मोदी उपस्थित थे.
मोदी ने कहा ‘अध्यात्म भारत की पहचान है और विभिन्न पर्व-त्योहारों के माध्यम से इसका प्रदर्शन होता है.
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा जो जगन्नाथ पुरी और अहमदाबाद में पिछले सौ सालों से भी ज्यादा समय से आयोजित होती रही है, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है.
इस यात्रा में 19 सुसज्जित हाथियों और 98 ट्रकों से सजी झांकी निकाली गई जिसमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देगी.
इसके अलावा, यात्रा में तीन विशेष रथ शामिल हैं जिन्हें करीब 1,000 श्रद्धालु खींच रहे हैं.
भगवान जगन्नाथ की यह ऐतिहासिक यात्रा स्थानीय पुजारी महंत दिलीप दास महाराज की अगुवाई में में हो रही है.
रथ यात्रा से पहले पुलिस ने इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए एक अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि अगर इस दिन किसी तरह की सांप्रदायिक हिंसा होती है तो उसका प्रसारण नहीं किया जाए.
शहर के पुलिस आयुक्त सुधीर सिन्हा की तरफ से जारी की गई इस अधिसूचना में कहा गया ‘सभी मीडिया चैनलों को सलाह दिया जाता है कि अगर तीन जुलाई को (रथयात्रा के दौरान) किसी तरह की सांप्रदायिक हिंसा होती है तो उसकी तस्वीरों का प्रसारण नहीं किया जाए.
अगर कोई भी चैनल इस अधिसूचना का उल्लंघन करता है तो वह भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (सरकारी अधिकारी के आदेश का उल्लंघन) के तहत दोषी होगा.
यात्रा के लिए देश विदेश से लाखों श्रद्धालु जमा हुए हैं.
ओडिशा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर में सालाना रथ यात्रा के अवसर पर रविवार को लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचे.
जगन्नाथ मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी लक्ष्मीधर पूजापांडा ने बताया कि सभी रस्में निर्धारित समय पर शुरू हुईं.
इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से दो किलोमीटर दूरी पर बने गुंडीचा मंदिर जाते हैं.
भगवान जगन्नाथ और उनके भाई व बहन को लकड़ी भव्य रथों में सवार करवाया जाता है और भक्त उन रथों को गुंडीचा मंदिर तक खींचकर ले जाते हैं.
यह त्योहार नौ दिन तक चलता है और आखिरी दिन तीनों देवता अपने घर जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं.
भगवान जगन्नाथ की वापसी की यात्रा को बहुधा कहा जाता है.
रथारूढ़ देवताओं की झलक पाना बहुत शुभ समझा जाता है.
राज्य सरकार ने किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं.
कानून एवं व्यवस्था बरकरार रखने के लिए हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
विभिन्न स्थानों पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं.
ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 56 स्पेशल ट्रेनें हैं.
भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने के लिए लोग दूर-दूर से अहमदाबाद पहुंचे थे.
भगवान की जगन्नाथ की रथ यात्रा के मद्देनजर पूरे अहमदाबाद में जश्न का माहैल है.
करीब 15 हजार जवानों को रथ यात्रा के मार्ग में तैनात किया गया है.
रथ यात्रा के दौरान पुरी में भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.
परंपरा के मुताबिक मुख्यमंत्री ने रथ यात्रा के लिए प्रतीकात्मक तौर पर सड़क की सफाई की.
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शरीक हुए.
इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलराम के रथ के अलावा हाथी, झांकियां और अखाड़े भी शामिल हैं.
भजन-कीर्तन के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत हो गई.
सुबह विधिविधान से भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना और मंगल आरती की गई.
रथ यात्रा की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु सुबह से सड़क के दोनों किनारों पर लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर इंतजार करते हुए नजर आए.
अहमदाबाद में कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की 134वीं रथ यात्रा शुरू हुई.